होशंगाबाद। सनातन धर्म में पूर्णिमा का एक विशेष महत्व है. माना जाता है इस दिन मां नर्मदा में स्नान ध्यान कर दान करने पर पुण्य फल की प्राप्ति होती है. वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती है. जिसमें पूर्णचंद्रोदय होता है, लेकिन माघ माह की पूर्णिमा का महत्व ज्यादा होता है. माघ पूर्णिमा के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. साथ ही भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना कर लाभ प्राप्त करते हैं.
माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व
पंडित रचित खड्डा के अनुसार सभी पूर्णिमा में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है. इसका कारण यह है कि आज से 5-6 दिन पहले गुप्त नवरात्र के साथ नर्मदा जयंती पर भी पड़ी थी. गुप्त नवरात्रि के बाद 5 से 6 दिन बहुत विशेष महत्व होता है. माघ की पूर्णिमा पर मां नर्मदा में स्नान कर रामजी बाबा समाधि पर दर्शन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. माघ पूर्णिमा पर मां नर्मदा में जो श्रद्धालु स्नान कर गेहूं का दान करता है, उसकी आयु में वृद्धि होती है. साथ ही उसे क्षय रोग से मुक्ति प्राप्त होती है.
संत शिरोमणि रामजी बाबा की समाधि के दर्शन मात्र से शारीरिक पीड़ा से मुक्ति प्राप्त होती है. हर वर्ष आज ही के दिन माघ पूर्णिमा पर मेले का शुभारंभ होता था. लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेला स्थगित किया गया. फिर भी समाधि पर श्रद्धालु दर्शन करने पहुते हैं. संत शिरोमणि रामजी बाबा महाराज की समाधि पर झाड़नी लेने से एवं दर्शन मात्र से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है. शाम को विशेष आरती के साथ भंडारा होता है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष भंडारे का आयोजन नहीं किया गया.
इलाहाबाद से आये श्रद्धालु ने बताया के नर्मदा स्नान करने होशंगाबाद आए हुए हैं. जैसे इलाहाबाद में गंगा जी का विशेष महत्व है. उसी प्रकार मां नर्मदा में स्नान करने का विशेष महत्व है. सभी नदियां पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है. वही मां नर्मदा विपरीत दिशा में बहती है.