होशंगाबाद। जल आवर्धन योजना (Water magnification scheme) का उद्घाटन हुए करीब दो वर्ष बीतने को आ गए हैं, लेकिन इटारसी नगर पालिका आज तक योजना का पानी शहर में नहीं ला सकी. पानी आया नहीं उसके पहले ही शहर की करोड़ों रुपए की सड़क अस्त-व्यस्त कर दी. भले उसका जवाब नगर पालिका पानी की आपूर्ति बताए, लेकिन योजना को बनाने वाले अधिकारियों ने इस ओर ध्यान पहले क्यों नहीं दिया. योजना में करोड़ों रुपए व्यय कर दिए गए, लेकिन पानी नहीं पहुंचा.
अब देखना होगा कि प्रशासक के रूप में एमएस रघुवंशी इस योजना को कितना चलवा पाते हैं. गर्मी आने से पूर्व तवा नदी पर मेहराघाट में बनी जल आवर्धन योजना से कैसे पानी लाया जाए, इसके लिए प्रशासन ने अभी से कवायद प्रारंभ कर दी है. मेहराघाट से इटारसी पानी लाने के लिये एसडीओ राजस्व और नगर पालिका में प्रशासक एमएस रघुवंशी ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी हेमेश्वरी पटले और सहायक यंत्री मीनाक्षी चौधरी ने खाका तैयार किया हैं. अब देखना है कि इस गर्मी में यहां के लोगों को तवानदी का पानी मिलेगा या नहीं.
इस दौरान अधिकारियों ने 2009 की इस परियोजना में हो रही देरी का कारण जानने का प्रयास किया. अधिकारियों ने पाया कि अभी तो वहां पर्याप्त पानी है, लेकिन, गर्मियों में पानी की कमी हो जाती है. यानी, जब पानी की ज्यादा जरूरत होती है, तभी वहां पानी नहीं होता है. रघुवंशी ने सहायक यंत्री चौधरी को निर्देश दिये कि वे ऐसा कोई तरीका तलाशें जिससे गर्मियों में भी यहां पर्याप्त पानी की उपलब्धता हो.
शोपीस बनी पानी की टंकी
शहर में जल आवर्धन योजना के तहत शहर के कमला नेहरू पार्क, पुरानी इटारसी, गांधीनगर स्कूल के साथ अस्पताल परिसर में पानी को स्टोर करने टंकियों का निर्माण किया गया है, लेकिन इन टंकियों में आज तक पानी ही नहीं पहुंचा, इससे यह सभी टंकी शोपीस बनकर रह गई हैं.