नर्मदापुरम। पचमढ़ी में बाघों की सुरक्षा और पर्यटन को बढ़ावा देने लगातार नए गाइड तैयार किए जा रहे हैं. जिन्हें ट्रेनिंग सेंटर में जंगल की विशेषताएं समझाई जा रही हैं. ये नए गाइड जंगल में पर्यटकों को जंगल की दूसरी विशेषताओं के बारे में विस्तार से समझाएंगे. वहां की प्रकृति पेड़ पौधे दूसरे जीव जंतु व वहां की मुख्य विशेषता के बारे में पर्यटकों को अवगत कराएंगे. जिससे कि जंगल में बाघ व अन्य वन्य प्राणियों की मौजूदगी ना होने पर भी पर्यटक दूसरी विशेषता देख कर संतुष्ट हो जाएं और वह वन्य प्राणियों के नजदीक जाने की इच्छा छोड़ दें.
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा : अब तक विभिन्न टाइगर रिजर्व में 600 से अधिक गाइड को ट्रेनिंग देने वाले हरेंद्र साहू कहते हैं कि वन्य प्राणियों को पर्यटकों और दूसरे लोगों से सुरक्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जंगल से जुड़े युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्हें उनके क्षेत्र के जंगल की विशेषता आम लोगों को कैसे समझाना है, यह सिखाया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि अधिकांश पर्यटक जंगल में वन्य प्राणियों को देखने आते हैं और कहीं ना कहीं गाइड व अधिकारियों से ज्यादातर बाघ देखने की जिद करते हैं. इससे कहीं ना कहीं बाघ व अन्य वन्य प्राणी विचलित होते हैं और वह अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाते. इसलिए वन्य प्राणियों को सुरक्षित करने के लिए गाइड्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
ये खबरें भी पढ़ें... |
पर्यटकों को करेंगे जागरूक : जंगल में वन्यप्राणी नहीं दिखने पर भी पर्यटकों और स्थानीय लोगों को जंगल की प्रकृति व दूसरी विशेषताएं समझाएंगे, जिससे कि लोग वन्य प्राणियों को देखने की लालसा छोड़ दें और जिस जंगल में भ्रमण कर रहे हैं, वहां पहुंचकर विशेषता समझ सकें.इस प्रोग्राम से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. लोगों को संबंधित क्षेत्र के बारे में और अधिक जानकारी मिलेगी तो वह ज्यादा भ्रमण करने आएंगे और दूसरी विशेषताओं को देखकर संतुष्ट हो सकेंगे. यहां आने वाले पर्यटकों को और लोग भी जागरूक कर रहे हैं.