नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव इस साल अंतिम माह में होने जा रहे हैं वहीं विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों ने भी अपनी कमर कस ली है. नर्मदापुरम जिले की बात की जाए तो होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र जो कि वर्तमान में नर्मदापुरम में हैं. 4 विधानसभा सीटें हैं, जहां चारों विधानसभा क्षेत्रों पर कई दशकों से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है. नर्मदापुरम जिले के पिपरिया विधानसभा क्षेत्र की सीट क्रमांक 139 अनुसूचित जाति से आरक्षित है. यहां तीन बार के विधायक ठाकुरदास नागवंशी है. इसी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के कई भाजपा जिला अध्यक्ष इसी तहसील से निकल कर आए हैं. पूर्व विधायक भी हरिशंकर जयसवाल इससे पूर्व नर्मदापुरम जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, तो वही वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष माधव दास अग्रवाल भी पिपरिया से ही हैं जोकि भाजपा जिला अध्यक्ष वर्तमान में है.
खासियत: प्रदेश का एक मात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है. हिल स्टेशन एवं पर्यटन स्थल होने के चलते अधिकतर वीआईपी इस क्षेत्र में आते रहते हैं.
मतदाता: नर्मदापुरम जिले की पिपरिया विधानसभा सीट क्रमांक 139 में यदि बात की जाए तो यहां एक जनवरी को प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार विधानसभा में कुल मतदाता 2 लाख 21 हजार 322 हैं जिसमें पुरुष मतदाता 1 लाख 15 हजार 802 और महिला मतदाता 1 लाख 05 हजार 514 हैं एवं थर्ड जेंडर वोटर की संख्या 6 है.
पिछले 3 विधानसभा चुनाव: पिछले तीन बार से पिपरिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के ठाकुरदास नागवंशी का कब्जा रहा है. पिपरिया विधानसभा क्षेत्र में सन 2008 में कुल 151379 वोट डाले गए थे वैलिड वोटो की संख्या 99828 रही. भाजपा के ठाकुर दास नागवंशी ने तुलाराम बेमन को 22765 वोटों के अंतर से हराया था. वहीं 2013 में कुल 191746 वोट डाले गए थे, वैलिड वोटों की संख्या 1 लाख 51 हजार 470 रही. भाजपा के ठाकुर दास नागवंशी ने ममता मनोज नागोत्रा को 51 हजार 157 वोटों के अंतर से हराया था.
विधानसभा चुनाव 2018: इस चुनाव में भी बीजेपी के ठाकुर दास नागवंशी ने हरीश तुलाराम बेमन को 18130 वोटों से हराया था.
स्थानीय मुद्दे: पिपरिया विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय मुद्दों की यदि बात की जाए तो सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य की कई सुविधाओ इस क्षेत्र है. लेकिन फिर भी कई कारणों से इधर के लोगों को राजधानी की और जाना पड़ता है, क्षेत्र में रोड भी खस्ताहाल है. चाहे वह पिपरिया से बनखेड़ी तक के बीच का सिंगल रोड हो या पिपरिया से पचमढ़ी तक रोड, तहसील होने के नाते स्थानीय लोगों को अक्सर करीब 100 किलोमीटर जिला मुख्यालय आना पड़ता है. मुख्यालय से दूर होने के कारण यहां के स्थानीय लोगों ने इसे जिला बनाने के लिए मुद्दा भी उठाते रहते हैं. पिपरिया विधानसभा क्षेत्र को जिला बनाने के लिए मुद्दा उठा चुके है.
सड़कों पर अतिक्रमण के कारण लोगो को दो चार होना पड़ता है. वही चिकित्सा संबंधी स्थानीय लोगों का भी एक बड़ा मुद्दा है, जिसको लेकर यहां के लोगो को बाहर ही जाना पड़ता है. बनखेड़ी पिपरिया एवं पचमढ़ी विधानसभा क्षेत्र पिपरिया में आते हैं. कभी भी इमरजेंसी के वक्त पढ़ने वाली कई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर नर्मदापुरम जिला चिकित्सालय पहुंचने के स्वास्थ्य की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के चलते यहां के स्थानीय लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचना पड़ता है. पचमढ़ी भी एक पर्यटन क्षेत्र है जोकि पिपरिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यहां पर साल भर पर ट्रकों के लिए व्यवस्थाएं लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक पचमढ़ी में भी काफी क्षेत्र साड़ा के अंतर्गत आता है जिसके चलते इधर के लोगों को पक्के निर्माण की अनुमति नहीं है.