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नर्मदापुरम पहुंचे मंत्री मोहन यादव, बोले- भारत सबसे युवा देश, MP ने सबसे पहले लागू की शिक्षा नीति

मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव नर्मदापुरम पहुंचे. जहां उन्होंने कई मुद्दों पर छात्राओं से चर्चा की.

Narmadapuram
नर्मदापुरम पहुंचे मंत्री मोहन यादव
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Published : Feb 28, 2023, 11:43 AM IST

नर्मदापुरम। जिले में एक दिवसीय दौरे पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव नर्मदा महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कार्यशाला में शामिल हुए. उन्होंने कार्यशाला के दौरान छात्र-छात्राओं से वन टू वन चर्चा भी की. मंत्री ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा दुनिया में भारत देश सबसे युवा देश है. मध्य प्रदेश सबसे पहला राज्य है, जिसने सबसे पहले नई शिक्षा नीति लागू की. वहीं उन्होंने कहा हमने पाठ्यक्रम तैयार कर लिए हैं. ई लर्निंग के माध्यम से कोर्स तैयार किए हैं. साथ ही वर्चुअल कैंपस को भी तैयार कर रहे हैं. उच्च शिक्षा विभाग लगातार आगे बढ़ रहा है.

एमपी ने लागू की शिक्षा नीति: कार्यक्रम के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया की कार्यशाला में आयोजित नीति और युवा नीति को लेकर नर्मदापुरम में कार्यशाला आयोजित की गई थी. मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि युवाओं के माध्यम से जो संवाद किए गए हैं, शैक्षणिक जगत में जो बदलाव किया गया है, सकारात्मक संदेश है. साथ ही साथ युवा नीति मुख्यमंत्री अनाउंस करने वाले हैं. क्या-क्या विषय जुड़ जाएं, उसकी बात भी की गई है. आज के दौर में भारत सबसे युवा देश है, मध्य प्रदेश ने शिक्षा नीति लागू की. ऐसे में हमारी डिग्री 3 वर्ष की होने वाली है. इसके संबंध में जानकारी देने के लिए अलग-अलग विषयों पर सीधा सीधा संवाद हमारे द्वारा किए जा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि खास करके हमारे लिए इसका लाभ भी मिल रहा है. सफलता के साथ कोविड की चुनौती के बाद भी बगैर दिक्कत के तीसरे साल में हम प्रवेश कर रहे हैं. हमने अपने पाठ्यक्रम भी तैयार कर लिए हैं, ई लर्निंग के माध्यम से जो तैयारियां करना है. उसके कोर्स भी तैयार कर लिया है. भविष्य में ऐसी चुनौती दृष्टि से सभी कैंपस को तैयार कर रहे हैं. उच्च शिक्षा विभाग लगातार शिक्षा के लिए आगे बढ़ रहा है, उसका लाभ हम उठाएंगे.

शिक्षा नीति से जुड़ी कुछ और खबरें यहां पढ़ें

इतिहास के साथ हुई नाइंसाफी: चर्चा के दौरान इतिहास पर सुलगते सवाल को लेकर मंत्री मोहन यादव ने कहा की काफी गुंजाइश रह गई है. आजादी की लड़ाई के लिए कई कई लोगों ने संघर्ष किया है. उसमें एक गरम दल है, एक नरम दल है, चंद्रशेखर आजाद से लेकर भगत सिंह, दुर्गावती से लेकर रानी लक्ष्मीबाई तक इनके सबके जीवन पर पुरुषार्थ को भी पाठ्यक्रम में हिस्सा बनना चाहिए. विद्वान लोग जो आगे बढ़ रहे हैं, अगर पाठ्यक्रम आता है, उसको समावेश करने का आश्वासन भी देते हैं और आगे भी बढ़ रहे हैं. इतिहास में नाइंसाफी हुई है, इस बात को लेकर मंत्री जी बोले जिसने योगदान दिया, उन सब का योगदान सामने आना चाहिए. पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए अगर कुछ छूटता है इस बात का अफसोस होता है.

नर्मदापुरम। जिले में एक दिवसीय दौरे पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव नर्मदा महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कार्यशाला में शामिल हुए. उन्होंने कार्यशाला के दौरान छात्र-छात्राओं से वन टू वन चर्चा भी की. मंत्री ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा दुनिया में भारत देश सबसे युवा देश है. मध्य प्रदेश सबसे पहला राज्य है, जिसने सबसे पहले नई शिक्षा नीति लागू की. वहीं उन्होंने कहा हमने पाठ्यक्रम तैयार कर लिए हैं. ई लर्निंग के माध्यम से कोर्स तैयार किए हैं. साथ ही वर्चुअल कैंपस को भी तैयार कर रहे हैं. उच्च शिक्षा विभाग लगातार आगे बढ़ रहा है.

एमपी ने लागू की शिक्षा नीति: कार्यक्रम के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया की कार्यशाला में आयोजित नीति और युवा नीति को लेकर नर्मदापुरम में कार्यशाला आयोजित की गई थी. मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि युवाओं के माध्यम से जो संवाद किए गए हैं, शैक्षणिक जगत में जो बदलाव किया गया है, सकारात्मक संदेश है. साथ ही साथ युवा नीति मुख्यमंत्री अनाउंस करने वाले हैं. क्या-क्या विषय जुड़ जाएं, उसकी बात भी की गई है. आज के दौर में भारत सबसे युवा देश है, मध्य प्रदेश ने शिक्षा नीति लागू की. ऐसे में हमारी डिग्री 3 वर्ष की होने वाली है. इसके संबंध में जानकारी देने के लिए अलग-अलग विषयों पर सीधा सीधा संवाद हमारे द्वारा किए जा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि खास करके हमारे लिए इसका लाभ भी मिल रहा है. सफलता के साथ कोविड की चुनौती के बाद भी बगैर दिक्कत के तीसरे साल में हम प्रवेश कर रहे हैं. हमने अपने पाठ्यक्रम भी तैयार कर लिए हैं, ई लर्निंग के माध्यम से जो तैयारियां करना है. उसके कोर्स भी तैयार कर लिया है. भविष्य में ऐसी चुनौती दृष्टि से सभी कैंपस को तैयार कर रहे हैं. उच्च शिक्षा विभाग लगातार शिक्षा के लिए आगे बढ़ रहा है, उसका लाभ हम उठाएंगे.

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इतिहास के साथ हुई नाइंसाफी: चर्चा के दौरान इतिहास पर सुलगते सवाल को लेकर मंत्री मोहन यादव ने कहा की काफी गुंजाइश रह गई है. आजादी की लड़ाई के लिए कई कई लोगों ने संघर्ष किया है. उसमें एक गरम दल है, एक नरम दल है, चंद्रशेखर आजाद से लेकर भगत सिंह, दुर्गावती से लेकर रानी लक्ष्मीबाई तक इनके सबके जीवन पर पुरुषार्थ को भी पाठ्यक्रम में हिस्सा बनना चाहिए. विद्वान लोग जो आगे बढ़ रहे हैं, अगर पाठ्यक्रम आता है, उसको समावेश करने का आश्वासन भी देते हैं और आगे भी बढ़ रहे हैं. इतिहास में नाइंसाफी हुई है, इस बात को लेकर मंत्री जी बोले जिसने योगदान दिया, उन सब का योगदान सामने आना चाहिए. पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए अगर कुछ छूटता है इस बात का अफसोस होता है.

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