नर्मदापुरम। जिले का एक गांव अपने आप में स्वच्छता की मिसाल पेश करता है. जहां शहरों में लोग गंदगी फैलाते हैं तो वहीं इस गांव में गंदगी फैलाने पर 11 रुपए का जुर्माना भी लगाया जाता है. जी हां हम बात कर रहे हैं नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के विस्थापित आदिवासी गांव काकड़ी की. जहां हर माह की 2 तारीख को गांव के लोगों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाता है. अभियान में महिला, पुरुष बुजुर्ग बच्चे सभी मिलकर इसमें भागीदारी लेते हैं साथ ही स्वच्छता को लेकर सजग रहते हैं.
गांव के लोगों ने उठाया सफाई का बीड़ा: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कोर एरिया में बसने वाला यह गांव घने जंगल में बसा हुआ था. बाघों के रहवास के लिए लोगों ने अपना घर एवं गांव छोड़कर इसे 2013 में बागड़ा बफर जोन में स्थापित किया था. 2013 से ही गांव के लोगों ने मिलकर स्वच्छता को लेकर एक अहम बीड़ा उठा रखा है. जिसमें गांव के सभी लोग मिलकर प्रति माह की 2 तारीख को सफाई अभियान छेड़ते हैं. शिक्षक अर्जुन नर्रे के मार्गदर्शन पर गांव के लोगों ने बीड़ा उठाया है. गांव में हर घर के बाहर डस्टबिन लगाए गए हैं, ताकि लोग कचरा ना फेंक सकें. गांव के लोग ने मिलकर एक नियम बनाया हुआ है, गांव में किसी भी व्यक्ति द्वारा कचरा फेंकने पर 11 रुपए का अर्थदंड जुर्माने के रूप में वसूला जाता है. साथ ही गांव में डीजे, बैंड पार्टी प्रतिबंधित है.ताकि ध्वनि प्रदूषण ना हो.
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हर माह 2 तारीख को चलाया जाता है स्वच्छता अभियान: शिक्षक अर्जुन नर्रे के कहे अनुसार गांव के लोग उनकी बातों को मानते हैं. अर्जुन बताते हैं कि गांधी जी से प्रेरित होकर हर माह की 2 तारीख को स्वच्छता अभियान चलाया जाता है. ध्वनि प्रदूषण ना हो इसके लिए डीजे सहित अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर रोक लगा रखा है. हर माह की 2 तारीख को चलाए जाने वाले इस अभियान में गांव के बुजुर्ग बूढ़े बच्चे शामिल होते हैं. शिक्षक बताते हैं कि हर वर्ष दीपावली से पहले साफ सफाई होने के पहले गांव में स्कूल से सफाई का अभियान शुरू होता है. उसके बाद ही गांव में घरों में साफ सफाई होती है. क्योंकि शिक्षा ही पाठशाला से मिलती है. इसीलिए उसे सबसे पहले स्वच्छ बनाया जाता है.
हर घर के सामने रखे हैं डस्टबिन: वहीं गांव के रहने वाले शिवलाल बताते हैं कि गांव में करीब 32 परिवार रहते हैं. कुल 200 लोगों की जनसंख्या है. सभी मिलजुल कर गांव की साफ-सफाई रखते हैं. हर घर के सामने डस्टबिन रखे हुए हैं। साथ ही कई स्थानों पर बोर्ड भी लगाए गए हैं. गंदगी फैलाने वाले लोगों के ऊपर 11 रुपए का जुर्माना भी लगाया जाता है. इत्तेफाक की बात है कि आज तक जुर्माने के डर से किसी ने यहां गंदगी नहीं फैलाई जोकि स्वच्छता की मिसाल है.
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