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पाहनवर्री के किसानों ने जैविक सब्जी से बनाई अपनी पहचान

होशंगाबाद जिले के इटारसी शहर में आने बाले पाहनवर्री गांव जैविक सब्जियों की वजह से एक अलग पहचान बना चुका है. इस गांव के करीब 150 किसान जैविक सब्जियों की खेती कर अच्छा पैसा कमा रहे हैं. अब इन किसानों के लिए जैविक सब्जी की खेती ही आमदनी का मुख्य स्त्रोत बन चुका है.

Farmers engaged in organic vegetable cultivation
जैविक सब्जी की खेती मैं लगे किसान
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Published : Jun 29, 2020, 2:42 AM IST

होशंगाबाद। जिले के इटारसी के समीपवर्ती गांव पाहनवर्री सब्जी उत्पादन के लिए पहचाना जाने वाला गांव बन गया है. अनाज और दलहन की खेती के अलावा अब सब्जी की पैदावार में एक नई पहचान बनाने जा रहा है. यहां कुशवाह समाज के लगभग 150 किसान सभी प्रकार की सब्जियों की खेती करते हैं. अब इनमें से करीब पचास किसान लगभग ढाई साल पूर्व जैविक सब्जियों के उत्पादन की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं.

Farmers engaged in organic vegetable cultivation
जैविक सब्जी की खेती में लगे किसान

आत्मा परियोजना के तत्कालीन संचालक एमएल दिलवारिया ने स्थानीय किसानों को जैविक सब्जी का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया है, आज ये किसान जैविक सब्जियों का उत्पादन करके न सिर्फ खुश हैं, बल्कि अच्छी आमदनी भी कमा रहे हैं. खुद बीज तैयार करते हैं, कीटनाशक और खाद भी बनाते हैं. इससे कम लागत में अच्छा मुनाफा होता है. करीब ढाई हजार की आबादी वाले पाहनवर्री ग्राम में डेढ़ सौ किसान सब्जी का उत्पादन करते हैं. हालांकि ये गेहूं, चावल, मूंग की फसल भी करते हैं. लेकिन सब्जी इनकी प्राथमिकता वाली फसल होती है. यह गांव लंबे समय से सब्जी का उत्पादन कर रहा है. आजादी के बाद से यहां अधिक मात्रा में सब्जी उत्पादित की जा रही है. यहां के सवा सौ परिवार हैं जो कि कुशवाह समाज के हैं और इनका मुख्य धंधा सब्जी की खेती करना ही है और यही उनकी आमदनी का जरिया भी है.

Farmers engaged in organic vegetable cultivation
खेत में मौजूद किसान

बीमारियों की वजह से जैविक सब्जियों की मांग बढ़ी

गांव के वरिष्ठ किसान हरगोविन्द कुशवाह बताते हैं कि जैविक सब्जी के कारोबार में फायदा भी अच्छा है और यह न सिर्फ देखने में चमकदार होती है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक होने से इसकी मांग भी लगातार बनी रहती है. वे बताते हैं कि इन दिनों बढ़ रहीं नई-नई बीमारियों के कारण अब लोग रायासनिक खाद की मदद से उगाई सब्जियों से दूर होकर जैविक सब्जी की मांग कर रहे हैं. इसलिए मांग बढ़ने के कारण हमें जरूरत है कि और भी किसान अब जैविक सब्जियों के उत्पादन के लिए आगे आएं. उनका कहना है कि जैविक सब्जियों में कम लागत में अच्छा उत्पादन होता है और मुनाफा भी अच्छा होता है. किसानों को केवल अच्छी मेहनत करने की मानसिकता से काम करना होता है.

होशंगाबाद। जिले के इटारसी के समीपवर्ती गांव पाहनवर्री सब्जी उत्पादन के लिए पहचाना जाने वाला गांव बन गया है. अनाज और दलहन की खेती के अलावा अब सब्जी की पैदावार में एक नई पहचान बनाने जा रहा है. यहां कुशवाह समाज के लगभग 150 किसान सभी प्रकार की सब्जियों की खेती करते हैं. अब इनमें से करीब पचास किसान लगभग ढाई साल पूर्व जैविक सब्जियों के उत्पादन की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं.

Farmers engaged in organic vegetable cultivation
जैविक सब्जी की खेती में लगे किसान

आत्मा परियोजना के तत्कालीन संचालक एमएल दिलवारिया ने स्थानीय किसानों को जैविक सब्जी का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया है, आज ये किसान जैविक सब्जियों का उत्पादन करके न सिर्फ खुश हैं, बल्कि अच्छी आमदनी भी कमा रहे हैं. खुद बीज तैयार करते हैं, कीटनाशक और खाद भी बनाते हैं. इससे कम लागत में अच्छा मुनाफा होता है. करीब ढाई हजार की आबादी वाले पाहनवर्री ग्राम में डेढ़ सौ किसान सब्जी का उत्पादन करते हैं. हालांकि ये गेहूं, चावल, मूंग की फसल भी करते हैं. लेकिन सब्जी इनकी प्राथमिकता वाली फसल होती है. यह गांव लंबे समय से सब्जी का उत्पादन कर रहा है. आजादी के बाद से यहां अधिक मात्रा में सब्जी उत्पादित की जा रही है. यहां के सवा सौ परिवार हैं जो कि कुशवाह समाज के हैं और इनका मुख्य धंधा सब्जी की खेती करना ही है और यही उनकी आमदनी का जरिया भी है.

Farmers engaged in organic vegetable cultivation
खेत में मौजूद किसान

बीमारियों की वजह से जैविक सब्जियों की मांग बढ़ी

गांव के वरिष्ठ किसान हरगोविन्द कुशवाह बताते हैं कि जैविक सब्जी के कारोबार में फायदा भी अच्छा है और यह न सिर्फ देखने में चमकदार होती है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक होने से इसकी मांग भी लगातार बनी रहती है. वे बताते हैं कि इन दिनों बढ़ रहीं नई-नई बीमारियों के कारण अब लोग रायासनिक खाद की मदद से उगाई सब्जियों से दूर होकर जैविक सब्जी की मांग कर रहे हैं. इसलिए मांग बढ़ने के कारण हमें जरूरत है कि और भी किसान अब जैविक सब्जियों के उत्पादन के लिए आगे आएं. उनका कहना है कि जैविक सब्जियों में कम लागत में अच्छा उत्पादन होता है और मुनाफा भी अच्छा होता है. किसानों को केवल अच्छी मेहनत करने की मानसिकता से काम करना होता है.

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