होशंगाबाद। जिले की सिवनी मालवा स्थित हिरनखेड़ा गांव के किसान बसंत लखेरा कर्जे की खबर से इतना आहत हुए कि उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की. तुरंत उपचार मिलने से उनकी फिलहाल जान तो बच गई लेकिन कर्जे का दर्द उनके लिए असहनीय हो गया है.
ग्राम हिरनखेड़ा का एक किसान अपनी उपज बेचने के लिए बघवाड़ा स्थित लौवंशी वेयर हाउस गया था. जहां जब उसकी उपज तौली गई और पेमेंट के लिए वो पर्ची बनवाने के लिए ऑपरेटर के पास गया तो ऑपरेटर ने उससे कहा कि आपके ऊपर पहले से कर्जा है वह पूरा कर्जा काटने के बाद ही आप का भुगतान किया जाएगा.
जिसके बाद उपज बेचने गए युवक ने अपने पिता को फोन करके जानकारी दी, जिस पर घर से दौड़े आए किसान के द्वारा ऑपरेटर से जाकर मिन्नतें की गई एवं बताया कि गेहूं के टाइम पर मेरे ऊपर किसी प्रकार का कोई कर्ज नहीं था यह अचानक कर्ज कैसे हो गया? जिसके बाद ऑपरेटर ने कहा कि उसकी मुझे जानकारी नहीं है, पर अभी जो कर्जा है वो पूरा काटने के बाद ही भुगतान किया जाएगा.
जिससे दुखी होकर किसान ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने का सोच जहरीला पदार्थ खा लिया. आनन-फानन में परिजनों तथा ग्रामीणों के द्वारा उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिवनी मालवा लेकर आया गया जहां चिकित्सकों के द्वारा उसका उपचार जारी है.
केन्द्र पर मौजूद डॉक्टर शेखर रघुवंशी ने बताया की किसान के द्वारा जहरीले पदार्थ का सेवन किया गया है यदि उसे लाने में देरी हो जाती तो स्थिति गंभीर हो सकती थी. लखेरा ने पिछले साल ही अपनी बेटी की शादी की थी. कर्जा लेकर. इस कर्जे को चुकाने का सहारा सिर्फ मूंग की वो उपज थी जिसे बेचकर मुश्किल हल हो सकती थी, लेकिन उसे तब झटका लगा जब पता चला कि वो सिस्टम का कर्जदार है तो उसने आत्महत्या का रास्ता चुना.