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इस सीट पर महिला प्रत्याशियों को आज तक नहीं बनाया गया उम्मीदवार, राजनीतिक दलों ने पेश की दलील

होशंगाबाद-नरसिंहपुर संसदीय सीट पर अब तक हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस ने किसी महिला प्रत्याशी की मौका नहीं दिया है. इस पर दोनों दलों ने अपनी-अपनी दलील दी है.

महिलाओं को टिकट नहीं देने पर बीजेपी-कांग्रेस की दलील
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Published : Apr 3, 2019, 11:56 AM IST

होशंगाबाद। आपको जानकर हैरत होगी कि होशंगाबाद-नरसिंहपुर संसदीय सीट पर आज तक किसी भी महिला को किसी भी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया है. इस सीट पर 1951 से अब तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं. इस बार भी दोनों बड़े दल बीजेपी और कांग्रेस ने पुरूष प्रत्याशी को ही टिकट दिया है.

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए इस बार बीजेपी ने वर्तमान सांसद राव उदय प्रताप सिंह और कांग्रेस ने शैलेंद्र दीवान को चुनाव मैदान में उतारा है. क्षेत्र में 80 लाख महिला वोटर हैं, जो अपने मत का उपयोग कर हमेशा एक पुरुष उम्मीदवार को सांसद चुनने में अहम भूमिका निभाती हैं. लेकिन बीजेपी-कांग्रेस ने कभी भी यहां से एक भी महिला उम्मीदवार पर भरोसा नहीं किया.

होशंगाबाद में महिलाओं को नहीं मिला लोकसभा का टिकट

महिलाओं को टिकट नहीं देने पर दोनों दलों ने अपनी-अपनी दलील दी है. बीजेपी महिला मोर्चा लोकसभा चुनाव प्रभारी माया नारोलिया का कहना है कि पार्टी से अब तक जो भी सांसद रहे हैं, वह जुझारू और सर्वमान्य रहे हैं, लेकिन जब मौका आएगा, तो बीजेपी जरूर महिला प्रत्याशी को मौका देगी.

वहीं कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री और पूर्व विधायक सविता दीवान का मानना है कि कांग्रेस ने भले ही लोकसभा चुनाव में महिलाओं को प्रत्याशी नहीं बनाया, लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकट दिया है. महिलाओं को टिकट नहीं दिए जाने पर सविता दीवान को कोई कमी नहीं लगती. उनका कहना है कि महिलाएं कांग्रेस के साथ हैं. ऐसे हालातों में सवाल उठता है कि अगर यहां से महिलाओं को लोकसभा पहुंचने का मौका नहीं दिया जाएगा, तो वह कैसे अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगी.

होशंगाबाद। आपको जानकर हैरत होगी कि होशंगाबाद-नरसिंहपुर संसदीय सीट पर आज तक किसी भी महिला को किसी भी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया है. इस सीट पर 1951 से अब तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं. इस बार भी दोनों बड़े दल बीजेपी और कांग्रेस ने पुरूष प्रत्याशी को ही टिकट दिया है.

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए इस बार बीजेपी ने वर्तमान सांसद राव उदय प्रताप सिंह और कांग्रेस ने शैलेंद्र दीवान को चुनाव मैदान में उतारा है. क्षेत्र में 80 लाख महिला वोटर हैं, जो अपने मत का उपयोग कर हमेशा एक पुरुष उम्मीदवार को सांसद चुनने में अहम भूमिका निभाती हैं. लेकिन बीजेपी-कांग्रेस ने कभी भी यहां से एक भी महिला उम्मीदवार पर भरोसा नहीं किया.

होशंगाबाद में महिलाओं को नहीं मिला लोकसभा का टिकट

महिलाओं को टिकट नहीं देने पर दोनों दलों ने अपनी-अपनी दलील दी है. बीजेपी महिला मोर्चा लोकसभा चुनाव प्रभारी माया नारोलिया का कहना है कि पार्टी से अब तक जो भी सांसद रहे हैं, वह जुझारू और सर्वमान्य रहे हैं, लेकिन जब मौका आएगा, तो बीजेपी जरूर महिला प्रत्याशी को मौका देगी.

वहीं कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री और पूर्व विधायक सविता दीवान का मानना है कि कांग्रेस ने भले ही लोकसभा चुनाव में महिलाओं को प्रत्याशी नहीं बनाया, लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकट दिया है. महिलाओं को टिकट नहीं दिए जाने पर सविता दीवान को कोई कमी नहीं लगती. उनका कहना है कि महिलाएं कांग्रेस के साथ हैं. ऐसे हालातों में सवाल उठता है कि अगर यहां से महिलाओं को लोकसभा पहुंचने का मौका नहीं दिया जाएगा, तो वह कैसे अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगी.

Intro:होशंगाबाद । होशंगाबाद-नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा के 1951 से लेकर 2019 तक 16 बार के लोकसभा चुनाव इतिहास में आज तक देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियो ने महिला को उम्मीदवार के रूप में खड़ा नहीं किया है यह सीट पूर्णता पुरुष बहुल सीट के रूप में पहचानी जाती रही है।


Body:लोकसभा चुनाव 2019 में भी कांग्रेस एवं भाजपा ने हर बार की तरह इस बार भी पुरूष कैंडिडेट को खड़ा कर इस मिथ्या को नहीं तोड़ पाई है । होशंगाबाद नरसिंहपुर विकसित जिले की श्रेणी में आते हैं लेकिन यहां आज भी महिला सांसद बनने की सोच से कोसों दूर महिला उम्मीदवारों को खड़ा भी नहीं किया गया है। क्षेत्र में 80 लाख महिला वोटर है जो अपने मत का उपयोग कर हमेशा एक पुरुष उम्मीदवार को चुनौती आई है लेकिन दोनों ही पार्टियां पिछले 70 साल में एक भी महिला को खड़ा नहीं कर उम्मीदवार नहीं बना पाए हैं । वही इस बारे मे दोनों की पार्टीयों की महिला कार्यकर्ता अपनी अपनी पार्टी का बचाव करती हुई इस आशा से काम कर रही है एक दिन पार्टियां महिलाओं को टिकट देगी । वही दोनो दल की महिला कार्यकर्ता विधानसभा, पंचायत, नगरनिकाये मे उम्मीदवार तो बना चुकी है लेकिन इस आज तक सांसद जैसे महत्वपूर्ण चुनाव मे खड़ा नही कर पाई है ।


Conclusion:जहां एक तरफ महिलाओं को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सहित अन्य विधाओं में सर्वोच्च पद पर बिठाया जा रहा है वहीं इस संसदीय क्षेत्र में आज तक किसी महिला को राष्ट्रीय पार्टी द्वारा टिकट भी नहीं दिया जाना एक सवाल खड़ा करता है की देश मे महिला की भागीदारी कैसे सुनिश्चित की जायेगी ।

बाइट 01 माया नारोलिया (महिला मोर्चा भाजपा लोकसभा चुनाव प्रभारी)
02 सविता दीवान( महामंत्री प्रदेश कांग्रेस कमेटी,पूर्व विधायक )
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