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तिलक सिंदूर मंदिर में दर्शन करने से होती है भक्तों की मनोकामना पूरी, गोविंदा और अरबाज खान भी ले चुके हैं आशीर्वाद

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Published : Jul 13, 2020, 12:42 AM IST

होशंगाबाद जिले के जमानी गांव के पास भगवान भोलेनाथ तिलक सिंदूर नाम का मंदिर है. यहां पर जो भी श्रद्धालु आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. इस मंदिर में बॉलीवुड एक्टर गोविंदा और उनके साथ अरबाज खान भी दर्शन के लिए आ चुके हैं. सावन सोमवार को यहां पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.

Tilak Sindoor Temple
तिलक सिंदूर मंदिर

होशंगाबाद । जिले के इटारसी के जमानी गांव से करीब आठ किलोमीटर दक्षिण दिशा में एक शिव मंदिर है. इस मंदिर को तिलक सिंदूर का शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर सतपुड़ा पर्वत पर घने जंगल के बीच स्थित है. शिवालय सतपुड़ा की करीब 250 मीटर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है. सावन महीने में भगवान भोलेनाथ से जो श्रद्धालु सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. यहां का इतिहास भी अनूठा हैं. यहां पर फिल्म कलाकार गोविंदा की मां सितारा देवी की गहरी आस्था रही हैं. जब गोविंदा का बुरा दौर चल रहा था, तब उनकी मां ने गोविंदा के लिए यहीं मन्नत मांगी थी.

तिलक सिंदूर मंदिर

यहां पर भोलेनाथ के दर्शन करने मुंबई से गोविंदा के साथ अरबाज खान भी आ चुके हैं. मान्यता के अनुसार पास की गुफा से एक सुरंग पचमढ़ी के निकट जम्बूद्वीप गुफा तक जाती है. बताया जाता है कि यह सुरंग भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव ने तैयार की थी. भस्मासुर की कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव ने भस्मासुर को वरदान दिया था, कि वह जिसके सिर पर हाथ रखेगा वह भस्म हो जाएगा. भस्मासुर को वरदान मिलने पर उसने भगवान शिव पर ही उसका प्रयोग करना चाहा, तो भगवान शिव खुद को बचाते हुए इस जगह से गुजरने के दौरान तिलक सिंदूर गुफा का निर्माण किया था.

इस मान्यता के चलते इस स्थान का धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है. वैसे तो पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन कोरोना के चलते यहां श्रद्धालुओं की भीड़ कम हो गई है. पहाड़ी की गुफा पर विराजमान शिवलिंग की पूजा करने दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं. सावन के पहले सोमवार को ज्यादा भीड़ लगने से यहां सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया गया था, लेकिन आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डिस्टेंस गोले बनाए हैं. बिना मास्क के कोई भी श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएगा. फिलहाल यहां पर प्रशासन ने कोई भी रोक नहीं लगाई है.

होशंगाबाद । जिले के इटारसी के जमानी गांव से करीब आठ किलोमीटर दक्षिण दिशा में एक शिव मंदिर है. इस मंदिर को तिलक सिंदूर का शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर सतपुड़ा पर्वत पर घने जंगल के बीच स्थित है. शिवालय सतपुड़ा की करीब 250 मीटर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है. सावन महीने में भगवान भोलेनाथ से जो श्रद्धालु सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. यहां का इतिहास भी अनूठा हैं. यहां पर फिल्म कलाकार गोविंदा की मां सितारा देवी की गहरी आस्था रही हैं. जब गोविंदा का बुरा दौर चल रहा था, तब उनकी मां ने गोविंदा के लिए यहीं मन्नत मांगी थी.

तिलक सिंदूर मंदिर

यहां पर भोलेनाथ के दर्शन करने मुंबई से गोविंदा के साथ अरबाज खान भी आ चुके हैं. मान्यता के अनुसार पास की गुफा से एक सुरंग पचमढ़ी के निकट जम्बूद्वीप गुफा तक जाती है. बताया जाता है कि यह सुरंग भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव ने तैयार की थी. भस्मासुर की कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव ने भस्मासुर को वरदान दिया था, कि वह जिसके सिर पर हाथ रखेगा वह भस्म हो जाएगा. भस्मासुर को वरदान मिलने पर उसने भगवान शिव पर ही उसका प्रयोग करना चाहा, तो भगवान शिव खुद को बचाते हुए इस जगह से गुजरने के दौरान तिलक सिंदूर गुफा का निर्माण किया था.

इस मान्यता के चलते इस स्थान का धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है. वैसे तो पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन कोरोना के चलते यहां श्रद्धालुओं की भीड़ कम हो गई है. पहाड़ी की गुफा पर विराजमान शिवलिंग की पूजा करने दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं. सावन के पहले सोमवार को ज्यादा भीड़ लगने से यहां सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया गया था, लेकिन आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डिस्टेंस गोले बनाए हैं. बिना मास्क के कोई भी श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएगा. फिलहाल यहां पर प्रशासन ने कोई भी रोक नहीं लगाई है.

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