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तेज बारिश और हवा के कारण धान की फसलों को पहुंचा नुकसान

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Published : Sep 23, 2020, 12:49 PM IST

सोमवार से लेकर मंगलवार तक रुक रुक कर हुई तेज बारिश और तेज हवा के कारण, इटारसी अनुविभाग के साथ-साथ पूरे जिले में किसानों की धान की फसल को नुकसान हुआ है जिससे उनके माथे पर चिंता की लकीर खिच गई है.

Damage to paddy crops due to heavy rain and wind  in hoshangabad
तेज बारिश और हवा के कारण धान की फसलों को पहुंचा नुकसान

होशंगाबाद। सितंबर माह के आखिरी हफ्ते में सोमवार देर रात से लेकर मंगलवार तक रुक-रुक हुई तेज बारिश और तेज हवा से, इटारसी अनुविभाग के साथ ही पूरे जिले में धान की फसल को आंशिक नुकसान हुआ है.

ग्राम भीलाखेड़ी के किसान मनोज चौधरी ने बताया कि, क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने पहले चरण में ही धान की रुपाई कर ली गई थी. जो अब बड़ी होकर पकने की कगार पर आ गई है और बाली निकल आई है और पौधे पर बाली का वजन भी बड़ गया है, ऐसे में बारिश और हवा से फसल आड़ी हो गई है. वहीं उन्होंने कहा कि अब अगर बारिश होती है तो नुकसान और ज्यादा होगा.

ग्राम पांजरा के किसान जयप्रकाश पटेल ने बताया कि उनके क्षेत्र में अगस्त माह के अंतिम दिनों में हुई भारी बारिश से 50 प्रतिशत फसल बाढ़ में डूबकर चौपट हो गई थी, वहीं बची हुई 50 प्रतिशत फसलों को फिर से नुकसान हो रहा है.

ग्राम देहरी, तरोंदा और जुझारपुर के किसानों की ओर से जनपद सदस्य बृजेश चौरे ने बताया कि उनके क्षेत्र में करीब 90 प्रतिशत धान की फसल पकने की कगार पर थी जो की जमीन से चिपक गई है. सोनतलाई के किसान मुन्ना गुरुजी ने बताया कि उनके क्षेत्र में धान को तो नहीं, लेकिन मूंग, मक्का और सोयाबीन की फसल को नुकसान ज्यादा हो रहा है.

होशंगाबाद। सितंबर माह के आखिरी हफ्ते में सोमवार देर रात से लेकर मंगलवार तक रुक-रुक हुई तेज बारिश और तेज हवा से, इटारसी अनुविभाग के साथ ही पूरे जिले में धान की फसल को आंशिक नुकसान हुआ है.

ग्राम भीलाखेड़ी के किसान मनोज चौधरी ने बताया कि, क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने पहले चरण में ही धान की रुपाई कर ली गई थी. जो अब बड़ी होकर पकने की कगार पर आ गई है और बाली निकल आई है और पौधे पर बाली का वजन भी बड़ गया है, ऐसे में बारिश और हवा से फसल आड़ी हो गई है. वहीं उन्होंने कहा कि अब अगर बारिश होती है तो नुकसान और ज्यादा होगा.

ग्राम पांजरा के किसान जयप्रकाश पटेल ने बताया कि उनके क्षेत्र में अगस्त माह के अंतिम दिनों में हुई भारी बारिश से 50 प्रतिशत फसल बाढ़ में डूबकर चौपट हो गई थी, वहीं बची हुई 50 प्रतिशत फसलों को फिर से नुकसान हो रहा है.

ग्राम देहरी, तरोंदा और जुझारपुर के किसानों की ओर से जनपद सदस्य बृजेश चौरे ने बताया कि उनके क्षेत्र में करीब 90 प्रतिशत धान की फसल पकने की कगार पर थी जो की जमीन से चिपक गई है. सोनतलाई के किसान मुन्ना गुरुजी ने बताया कि उनके क्षेत्र में धान को तो नहीं, लेकिन मूंग, मक्का और सोयाबीन की फसल को नुकसान ज्यादा हो रहा है.

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