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मूंग की खेती करने वाले किसानों पर दोहरी मार, पहले टिड्डी दल अब निसर्ग से नुकसान - होशंगाबाद जिले में मूंग की फसल को नुकसान

निसर्ग तूफान के चलते मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश से किसानों की मूंग की फसल को नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि लगातार 36 घंटे से भी ज्यादा की बारिश से मूंग की फसल भीग गई है. जिसकी कटाई में अब देरी होगी और फसल गीली होने की वजह से काली पड़ जाएगी. जिससे किसानों को नुकसान होगा.

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होशंगाबाद न्यूज
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Published : Jun 6, 2020, 3:14 PM IST

होशंगाबाद। पहले टिड्डी दल और अब किसानों पर निसर्ग तूफान की मार पड़ी है. लगातार हुई भारी बारिश से मध्य प्रदेश में भी किसानों की मूंग की फसल को काफी नुकसान हुआ है. होशंगाबाद जिले में भी मूंग की फसल बड़ी मात्रा में लगाई जाती है. जिले में 1.85 लाख हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाई गई थी. लेकिन लगातार 36 घंटे तक हुई बारिश से किसानों ने नुकसान की आशंका जताई है.

मूंग की खेती करने वाले किसानों पर दोहरी मार

किसानों को इस बार मूंग की फसल से बंपर पैदावार होने की उम्मीद थी. लेकिन अंतिम दौर की लगातार 36 घंटे हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. किसानों ने कहा कि 10 दिन पहले ही टिड्ढी के हमले से फसल को नुकसान हुआ था. अब रही सही कसर बेमौसम बारिश ने कर दी. बारिश होने के चलते फलिया की वृद्वि रूक जाती है. जिससे दाना छोटा रह जाता है. जबकि पौधा काला होने लगता है. जिससे फसल को नुकसान होता है.

खेतों में पानी भरने से कटाई में होगी देरी

किसानों ने कहा कि लगातार बारिश से खेतों में पानी भरा हुआ है. जिसके चलते फसल पानी में डूब गई है. कुछ क्षेत्रों में फसल कटने के लिए तैयार है. लेकिन फसल गीली होने के चलते कटाई में देरी होगी. जबकि खेत गीले होने की वजह से हार्वेस्टर चलने में भी परेशानी आएगी.

कीटनाशक दवा के छिड़काव से बढ़ जाती है लागत

किसानों ने कहा कि मूंग की फसल में रवि और खरीफ की फसल से भी ज्यादा लागत आती है. मूंग में चार से पांच बार कीटनाशकों का छिड़काव करना होता है. अनुमान के मुताबिक करीब 1 एकड़ में 20 से 25 हजार की कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाता है, जिससे लागत बढ़ जाती है. ऐसे में इस बार अगर पैदावार अच्छी नहीं हुई तो नुकसान उठाना पड़ेगा. जबकि मूंग फसल के बाजार मूल्य में भी कमी आई है, कुछ दिन पहले तक मूंग के एक क्विंटल का दाम 8 हजार रुपए था. वह अब 6 हजार के करीब पहुंच गया है. हालांकि सरकार ने समर्थन मूल्य पर 7 हजार 50 रुपए में मूंग की फसल को खरीदने का वादा किया है.

होशंगाबाद। पहले टिड्डी दल और अब किसानों पर निसर्ग तूफान की मार पड़ी है. लगातार हुई भारी बारिश से मध्य प्रदेश में भी किसानों की मूंग की फसल को काफी नुकसान हुआ है. होशंगाबाद जिले में भी मूंग की फसल बड़ी मात्रा में लगाई जाती है. जिले में 1.85 लाख हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाई गई थी. लेकिन लगातार 36 घंटे तक हुई बारिश से किसानों ने नुकसान की आशंका जताई है.

मूंग की खेती करने वाले किसानों पर दोहरी मार

किसानों को इस बार मूंग की फसल से बंपर पैदावार होने की उम्मीद थी. लेकिन अंतिम दौर की लगातार 36 घंटे हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. किसानों ने कहा कि 10 दिन पहले ही टिड्ढी के हमले से फसल को नुकसान हुआ था. अब रही सही कसर बेमौसम बारिश ने कर दी. बारिश होने के चलते फलिया की वृद्वि रूक जाती है. जिससे दाना छोटा रह जाता है. जबकि पौधा काला होने लगता है. जिससे फसल को नुकसान होता है.

खेतों में पानी भरने से कटाई में होगी देरी

किसानों ने कहा कि लगातार बारिश से खेतों में पानी भरा हुआ है. जिसके चलते फसल पानी में डूब गई है. कुछ क्षेत्रों में फसल कटने के लिए तैयार है. लेकिन फसल गीली होने के चलते कटाई में देरी होगी. जबकि खेत गीले होने की वजह से हार्वेस्टर चलने में भी परेशानी आएगी.

कीटनाशक दवा के छिड़काव से बढ़ जाती है लागत

किसानों ने कहा कि मूंग की फसल में रवि और खरीफ की फसल से भी ज्यादा लागत आती है. मूंग में चार से पांच बार कीटनाशकों का छिड़काव करना होता है. अनुमान के मुताबिक करीब 1 एकड़ में 20 से 25 हजार की कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाता है, जिससे लागत बढ़ जाती है. ऐसे में इस बार अगर पैदावार अच्छी नहीं हुई तो नुकसान उठाना पड़ेगा. जबकि मूंग फसल के बाजार मूल्य में भी कमी आई है, कुछ दिन पहले तक मूंग के एक क्विंटल का दाम 8 हजार रुपए था. वह अब 6 हजार के करीब पहुंच गया है. हालांकि सरकार ने समर्थन मूल्य पर 7 हजार 50 रुपए में मूंग की फसल को खरीदने का वादा किया है.

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