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Ujjain Mahakal Lok: 11 अक्टूबर को नर्मदापुरम के 12 शिवालयों में होगी पूजा, दीपों से जगमगाएगा जिला

उज्जैन के महाकाल लोक का लोकार्पण 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री करेंगे. जिसको लेकर नर्मदापुरम में भी उत्सव मनाया जाएगा. नर्मदापुरम के 12 शिवालयों में लोकार्पण के दौरान पूजा होगी, जिसकी तैयारियों को लेकर कलेक्टर ने स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कार्यक्रम कराने की चर्चा की.

narmadapuram celebration on mahakal lok lokarpan
महाकाल लोक लोकार्पण पर नर्मदापुरम में उत्सव
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Published : Oct 10, 2022, 2:19 PM IST

Updated : Oct 10, 2022, 10:51 PM IST

नर्मदापुरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11अक्टूबर को महाकाल की नगरी उज्जैन आ रहे हैं. प्रधानमंत्री महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण के पहले चरण में महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे. धार्मिक एवं पर्यटक नगरी नर्मदापुरम में भी इसका आयोजन किया जायेगा. 11 अक्टूबर को प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में जटाशंकर, चौरागढ़ में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. नर्मदापुरम से 35 किलोमीटर घने जंगलों में यहां शिव का अभिषेक होगा. आकर्षक सज्जा के साथ इन मंदिरों में शाम 5 से 6 बजे तक उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा. इसके अलावा मंदिरों में भजन संध्या एवं अन्य धार्मिक आयोजन किए जाएंगे. इसे लेकर कलेक्टर ने स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कार्यक्रम कराने की चर्चा की है.

आयोजन की तैयारी जारी: कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मार्गदर्शन में पचमढ़ी के प्रमुख शिवजी के स्थानों पर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. इसको लेकर लगातार तैयारी जारी है. इन स्थानों पर भी उज्जैन के कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा. नर्मदापुरम के 12 शिवालयों में उज्जैन के महाकाल लोकार्पण के दौरान पूजा की जाएगी. आईए जानते हैं पचमढ़ी के प्रमुख शिवधाम के बारे में.

जटाशंकर महादेव: पंचमढ़ी में जटाशंकर मंदिर सबसे प्रसिद्ध पवित्र मंदिरों में से एक है. यह मंदिर खाई और चट्टान में है. चट्टानों में से पानी रिसता रहता है, जो भोले का अभिषेक करता है. जटाशंकर की उत्पत्ति जटा अर्थात बालों से हुई है और शंकर भगवान शिव का दूसरा नाम है. गुफा में छोटे-छोटे बहुत सारे शिवलिंग देखने को मिलते हैं. मुख्य मंदिर क्षेत्र के अंदर दो अलग-अलग तालाब हैं, एक में ठंडा पानी दूसरे में गर्म पानी रहता है.

महाकाल लोक लोकार्पण नर्मदापुरम शिवालय में पूजा

बड़ा महादेव मंदिर: बड़ा महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर घने जंगलों के बीच में स्थित है. इस मंदिर में एक गुफा है, जिसके अंदर शिवलिंग विराजमान है. शिवलिंग के सामने प्रवेश द्वार के पास नंदी की पत्थर की प्रतिमा विराजमान है. इस गुफा में एक कुंड है, जिसमें पानी भरा रहता है. यह पानी चट्टानों से रिस कर इस कुंड में आता है.

Ujjain Mahakal Lok : अद्भुत और विहंगम है 'महाकाल लोक' कॉरिडोर, वास्तु-शिल्प और मूर्ति कला से सराबोर, हाईटेक व अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस

गुप्त महादेव: गुप्त महादेव मंदिर में भी गुफा देखने को मिलती है, जो बहुत ही सकरी है. इस गुफा में एक समय में 8 लोग ही अंदर जा सकते हैं. और अंदर मौजूद शिवलिंग की दर्शन कर सकते हैं. इस गुफा में लाइट और पंखे की व्यवस्था भी की गई है, ताकि लोगों को घुटन महसूस ना हो. मंदिर के बाहर हनुमान जी की बड़ी प्रतिमा है.

चौरागढ़ महादेव: चौरागढ़ महादेव मंदिर घने जंगल में स्थित है. यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर है, जहां जाने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है. इस मंदिर में शंकर भगवान की बहुत ही सुंदर प्रतिमा है. यहां पर हजारों की संख्या में त्रिशूल हैं, जो महाराष्ट्र तथा अन्य स्थानों से आने वाले भक्तों के द्वारा महाशिवरात्रि के अवसर पर अर्पित किए जाते हैं. मान्यता है कि जिसकी मनोकामना पूरी होती है, वह भगवान शिव के स्थान पर त्रिशूल चढ़ाता है. इसके साथ ही नागद्वार भी प्रमुख स्थान है, जहां पर नागपंचमी के अवसर पर विशाल मेला लगता है. वर्ष में एक बार ही इस क्षेत्र के द्वार खुलते हैं.

नर्मदापुरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11अक्टूबर को महाकाल की नगरी उज्जैन आ रहे हैं. प्रधानमंत्री महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण के पहले चरण में महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे. धार्मिक एवं पर्यटक नगरी नर्मदापुरम में भी इसका आयोजन किया जायेगा. 11 अक्टूबर को प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में जटाशंकर, चौरागढ़ में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. नर्मदापुरम से 35 किलोमीटर घने जंगलों में यहां शिव का अभिषेक होगा. आकर्षक सज्जा के साथ इन मंदिरों में शाम 5 से 6 बजे तक उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा. इसके अलावा मंदिरों में भजन संध्या एवं अन्य धार्मिक आयोजन किए जाएंगे. इसे लेकर कलेक्टर ने स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कार्यक्रम कराने की चर्चा की है.

आयोजन की तैयारी जारी: कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मार्गदर्शन में पचमढ़ी के प्रमुख शिवजी के स्थानों पर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. इसको लेकर लगातार तैयारी जारी है. इन स्थानों पर भी उज्जैन के कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा. नर्मदापुरम के 12 शिवालयों में उज्जैन के महाकाल लोकार्पण के दौरान पूजा की जाएगी. आईए जानते हैं पचमढ़ी के प्रमुख शिवधाम के बारे में.

जटाशंकर महादेव: पंचमढ़ी में जटाशंकर मंदिर सबसे प्रसिद्ध पवित्र मंदिरों में से एक है. यह मंदिर खाई और चट्टान में है. चट्टानों में से पानी रिसता रहता है, जो भोले का अभिषेक करता है. जटाशंकर की उत्पत्ति जटा अर्थात बालों से हुई है और शंकर भगवान शिव का दूसरा नाम है. गुफा में छोटे-छोटे बहुत सारे शिवलिंग देखने को मिलते हैं. मुख्य मंदिर क्षेत्र के अंदर दो अलग-अलग तालाब हैं, एक में ठंडा पानी दूसरे में गर्म पानी रहता है.

महाकाल लोक लोकार्पण नर्मदापुरम शिवालय में पूजा

बड़ा महादेव मंदिर: बड़ा महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर घने जंगलों के बीच में स्थित है. इस मंदिर में एक गुफा है, जिसके अंदर शिवलिंग विराजमान है. शिवलिंग के सामने प्रवेश द्वार के पास नंदी की पत्थर की प्रतिमा विराजमान है. इस गुफा में एक कुंड है, जिसमें पानी भरा रहता है. यह पानी चट्टानों से रिस कर इस कुंड में आता है.

Ujjain Mahakal Lok : अद्भुत और विहंगम है 'महाकाल लोक' कॉरिडोर, वास्तु-शिल्प और मूर्ति कला से सराबोर, हाईटेक व अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस

गुप्त महादेव: गुप्त महादेव मंदिर में भी गुफा देखने को मिलती है, जो बहुत ही सकरी है. इस गुफा में एक समय में 8 लोग ही अंदर जा सकते हैं. और अंदर मौजूद शिवलिंग की दर्शन कर सकते हैं. इस गुफा में लाइट और पंखे की व्यवस्था भी की गई है, ताकि लोगों को घुटन महसूस ना हो. मंदिर के बाहर हनुमान जी की बड़ी प्रतिमा है.

चौरागढ़ महादेव: चौरागढ़ महादेव मंदिर घने जंगल में स्थित है. यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर है, जहां जाने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है. इस मंदिर में शंकर भगवान की बहुत ही सुंदर प्रतिमा है. यहां पर हजारों की संख्या में त्रिशूल हैं, जो महाराष्ट्र तथा अन्य स्थानों से आने वाले भक्तों के द्वारा महाशिवरात्रि के अवसर पर अर्पित किए जाते हैं. मान्यता है कि जिसकी मनोकामना पूरी होती है, वह भगवान शिव के स्थान पर त्रिशूल चढ़ाता है. इसके साथ ही नागद्वार भी प्रमुख स्थान है, जहां पर नागपंचमी के अवसर पर विशाल मेला लगता है. वर्ष में एक बार ही इस क्षेत्र के द्वार खुलते हैं.

Last Updated : Oct 10, 2022, 10:51 PM IST
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