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आठ घंटे फैक्ट्री में काम करने के बाद गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं अन्ना सर, हजारों बच्चों की बदल चुके हैं किस्मत - मध्यप्रदेश

अन्ना सर आंध्र प्रदेश राज्य के रहने वाले राम मंगलम है जिन्हें लोग अन्ना सर के नाम से पुकारते हैं

अन्ना सर, हजारों बच्चों की बदल चुके हैं किस्मत
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Published : Sep 4, 2019, 12:00 AM IST

होशंगाबाद। बिहार के सुपर- 30 के आनंद कुमार की तरह मध्यप्रदेश में भी अन्ना सर है, जोकि आनंद सर की तरह ही गरीब तबके के बच्चों को पढ़ाते हैं, जो अब तक 1 हजार के गरीब बच्चों को सरकारी नौकरी दिला चुके है. आंध्र प्रदेश राज्य के रहने वाले राम मंगलम, जिन्हें लोग अन्ना सर के नाम से पुकारते हैं. अन्ना रेलवे फैक्ट्री में काम करने के लिए 2008 में इटारसी आए और यहीं से उन्होंने नौकरी के साथ लोगों की जिंदगी बदलने का उद्देश लेकर काम शुरू कर दिया.

अन्ना सर हजारों बच्चों की बदल चुके हैं किस्मत
अन्ना सर ने बताया कि 2009 से इटारसी में रेल्वे के इंजन की रिपेरिंग काम कर रहे है. नौकरी के साथ कोचिंग की शुरुआत की थी, तब उनके पास केवल एक लड़का पढ़ने के लिये आता था. उन्होंने खुद ही गरीब बच्चों को पढ़ने के लिये बुलाया, जिनसे मात्र 50 रुपये लेकर कोचिंग की शुरुआत की. जहां पहली बार में ही रेलवे के ग्रुप डी की परीक्षा मे ग्यारह मे से ग्यारह लोगों का चयन करा दिया. ये वो ग्यारह लोग थे जो गरीब तबके से आते थे बच्चों को पढ़ाने के लिये सिखी हिंदी भाषाअन्ना सर मूलता आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं और हिंदी की भाषा का ज्ञान भी नहीं था उन्हें बच्चों से बात करने में अच्छी खासी समस्या आती थी, ऐसे में बच्चों को पढ़ाने के लिए अन्ना सर ने हिंदी बोलना और पढ़ना सीखा.बचपन में घर चलाने के लिए घर-घर जा कर बच्चों को पढ़ाते थे अन्नाआंध्र प्रदेश में बचपन के पिता को खोने के बाद, वे घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ा कर घर चलाते थे, वे इस दौरान एक आंध्रप्रदेश की एक कोचिंग संस्था से जुड़े और जहां से उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी बारीकियों को सीखा कमजोर बच्चों को अवगत करवाया.अन्ना सर को आनंद कुमार की तरह गणित मे महारत हासिल है और बड़े आसान तरीके से बच्चों को मैथ की ट्रिक याद करा देते हैं, फिलहाल की करीब अभी तक 1 हजार बच्चों को सफलता दिला चुके हैं, फिलहाल करीब 400 लोगों को पढ़ा रहे हैं.

होशंगाबाद। बिहार के सुपर- 30 के आनंद कुमार की तरह मध्यप्रदेश में भी अन्ना सर है, जोकि आनंद सर की तरह ही गरीब तबके के बच्चों को पढ़ाते हैं, जो अब तक 1 हजार के गरीब बच्चों को सरकारी नौकरी दिला चुके है. आंध्र प्रदेश राज्य के रहने वाले राम मंगलम, जिन्हें लोग अन्ना सर के नाम से पुकारते हैं. अन्ना रेलवे फैक्ट्री में काम करने के लिए 2008 में इटारसी आए और यहीं से उन्होंने नौकरी के साथ लोगों की जिंदगी बदलने का उद्देश लेकर काम शुरू कर दिया.

अन्ना सर हजारों बच्चों की बदल चुके हैं किस्मत
अन्ना सर ने बताया कि 2009 से इटारसी में रेल्वे के इंजन की रिपेरिंग काम कर रहे है. नौकरी के साथ कोचिंग की शुरुआत की थी, तब उनके पास केवल एक लड़का पढ़ने के लिये आता था. उन्होंने खुद ही गरीब बच्चों को पढ़ने के लिये बुलाया, जिनसे मात्र 50 रुपये लेकर कोचिंग की शुरुआत की. जहां पहली बार में ही रेलवे के ग्रुप डी की परीक्षा मे ग्यारह मे से ग्यारह लोगों का चयन करा दिया. ये वो ग्यारह लोग थे जो गरीब तबके से आते थे बच्चों को पढ़ाने के लिये सिखी हिंदी भाषाअन्ना सर मूलता आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं और हिंदी की भाषा का ज्ञान भी नहीं था उन्हें बच्चों से बात करने में अच्छी खासी समस्या आती थी, ऐसे में बच्चों को पढ़ाने के लिए अन्ना सर ने हिंदी बोलना और पढ़ना सीखा.बचपन में घर चलाने के लिए घर-घर जा कर बच्चों को पढ़ाते थे अन्नाआंध्र प्रदेश में बचपन के पिता को खोने के बाद, वे घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ा कर घर चलाते थे, वे इस दौरान एक आंध्रप्रदेश की एक कोचिंग संस्था से जुड़े और जहां से उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी बारीकियों को सीखा कमजोर बच्चों को अवगत करवाया.अन्ना सर को आनंद कुमार की तरह गणित मे महारत हासिल है और बड़े आसान तरीके से बच्चों को मैथ की ट्रिक याद करा देते हैं, फिलहाल की करीब अभी तक 1 हजार बच्चों को सफलता दिला चुके हैं, फिलहाल करीब 400 लोगों को पढ़ा रहे हैं.
Intro:Teacher day special story

होशंगाबाद बिहार के सुपर -30 के आनंद कुमार की तरह मध्यप्रदेश में भी अन्ना सर है जोकि आनंद सर् की तरह ही गरीब तबकों के लोगों को पढाकर मेहनत कर ऊँचाई तक पहुचाते है । जो अब तक 1000 के करीबो को बच्चो को सरकारी नोकरी दिला चुके है


Body:आंध्र प्रदेश राज्य के रहने वाले राम मंगलम जिन्हें लोग अन्ना सर के नाम से पुकारते है जोकि रेलवे फैक्ट्री में काम करने के लिए 2008 में इटारसी आए और यहीं से नौकरी के साथ लोगों की जिंदगी बदलने का उद्देश लेकर काम शुरू कर दिया काम केवल लोगों को शिक्षा के माध्यम से उन्नति करना अन्ना सर् ने कई लोगों को नौकरी के लायक बनाया जिन्हें सही से जोड़ घटाना भी नहीं आता था । अन्ना नोकरी से समय निकाल कर लोगो को पढ़ाते । ओर इस काम मे साथी कर्मचारियों का भी साथ मिलता । अन्ना सर् ने बताया की इन्हें 2009 मे जब इटारसी के डीजल शेड मे (जहॉ रेल्वे के इंजन की रिपेरिंग की जाती है) नोकरी के साथ कोचिंग की शुरुआत की थी तब उनके पास केवल एक लड़का ही पढ़ने के लिये आता था । ओर उन्होंने खुद ही गरीब तबकों के निर्धन बच्च़ो को पढ़ने के लिये बुलाया जिनसे मात्र 50 रुपये लेकर कोचिंग की शुरुआत की। जहॉ पहली बार मे ही रेलवे के ग्रुप डी की परीक्षा मे ग्यारह मे से ग्यारह लोगो का चयन करा दिया । ये वो ग्यारह लोग थे गरीब तबके थे जो कि अण्डा बेचते कर तो कोई टेन्ट हाउस की दुकान मे काम करके अपना गुजारा करता था । साथ ही कई ऐसे बच्चे भी उजिहें घर जाकर पढ़ाया ।

ड्यूटी के बीच निकलते समय

अन्ना सर् की रेलवे डीजल सेट में जॉब शिफ्ट मे होती है जहां 8-8 घंटों की तीन शिफ्ट में लगातार काम किया जाता है ऐसे में लगातार शिफ्ट चेंज होती रहती है ऐसी स्थिति में अन्ना सर बचे हुए समय में कोचिंग को पूरा कर आते थे ऐसे मे सुबह 5:00 बजे उठकर भी कोचिंग लगाते थे तो कभी रात 8 बाद बच्चो को पढ़ाते है ऐसा करीब 5 साल तक करते रहे लेकिन फिलहाल अन्ना सर् का काम को देखते हुए डयूटी का शिफ्ट फिक्स कर दी गई है ।अब वे केवल डे शिफ्ट मे ही काम करते है ।

बच्चो को पढ़ाने के लिये सिखी हिंदी भाषा

अन्ना सर् मूलता आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं और हिंदी की भाषा का ज्ञान भी नहीं था उन्हें बच्चों से बात करने में अच्छी खासी समस्या आती थी ऐसे में बच्चों को पढ़ाने के लिए अन्ना सर ने हिंदी बोलना और पढना सीखा ।

बचपन से घर चलाने के घर घर बच्चों को पढ़ाते थे अन्ना

आंध्र प्रदेश में बचपन से ही पिता के साए से दूर घर घर जाकर बच्चों को पढ़ा कर घर चलाते थे वे इस दौरान एक आंध्रप्रदेश की एक कोचिंग संस्था से जुड़े और जहां से कंपटीशन एग्जाम की सभी बारीकियों को सीखा कमजोर बच्चों को पढ़ा कर कई महत्वपूर्ण कंपटीशन एग्जाम पास कराएं ।



Conclusion:अन्ना सर आनंद कुमार की तरह गणित मे महारत हासिल है और बड़े आसान तरीके से बच्चों को मैथ की ट्रिक याद करा देते हैं फिलहाल की करीब अभी तक 1000 बच्चों को सफलता दिला चुके ओर फिलहाल करीब 400 लोगो को पढा रहे है । ओर इस लगातार समाज को एक नई दिशा दे रहे है । ओर आगे भी इस तरह संमाज सेवा करते रहेंगे ।

1 to 1 अन्ना सर् ,

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