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सरकार ने टिड्डी दल से बचाव और सतर्कता के लिए भेजे कृषि वैज्ञानिक, बता रहे उपाए

मध्यप्रदेश में किसानों की फसल पर टिड्डी दल का प्रकोप छाया हुआ है. पाकिस्तान से राजस्थान होते हुए अब ये जिले में पहुंच चुका है. किसानों की फसलों को बचाने के लिए वेस्ट मैनजमेंट सेंटर से आए वैज्ञानिक रवि कुमार छापरे ने उपाए बताए हैं.

locusts attack
टिड्डी दल
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Published : May 25, 2020, 10:21 PM IST

होशंगाबाद। एक तरफ देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों की फसल पर टिड्डी दल का प्रकोप छाया हुआ है. जिले में भी टिड्डी दल पहुंच गया है. जिसको लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. वहीं कृषि मंत्रालय के इंदौर स्थित वेस्ट मैनजमेंट सेंटर से आए वैज्ञानिक रवि कुमार छापरे ने शिवपुर के टिड्डी प्रभावित इलाकों में पहुंचकर प्रशासन से टिड्डियों की जानकारी ली.

टिड्डी दल का प्रकोप

वैज्ञानिक रवि कुमार छापरे ने गांवों में टिड्डियों का निरिक्षण कर बताया की यह बहुत ही छोटा दल है, जो भटक गया है और यहां आ गया है. साथ ही यहां पेड़ अधिक होने के चलते ये पेड़ पर ही बैठ रहे हैं और फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरा प्रशासन टिड्डियों को मारने में जुटा हुआ है और 90 प्रतिशत टिड्डियों को मार भी दिया गया है.

उन्होंने किसानों को जानकारी देते हुए बताया की उक्त टिड्डियां रेतीली जगहों में अंडे देती हैं. इस क्षेत्र में काली और भारी मिट्टी है जिसके चलते यहां अंडे देने की बहुत कम संभावना है. साथ ही टिड्डी दल, अंडे मौसम के अनुसार देता है और अभी लगभग 15 दिन तक अंडे देने की संभावना नहीं है.

वैज्ञानिक रवि ने बताया की किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. किसान दवाई का छिड़काव कर इन्हें मार सकते हैं. यहां आए टिड्डी दल का आगे कोई मूवमेंट नहीं रहेगा. क्योंकि यहां दवाई के छिड़काव के कारण अब ये बहुत कम संख्या में बचे हैं और जल्द खत्म हो जाएंगे.

होशंगाबाद। एक तरफ देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों की फसल पर टिड्डी दल का प्रकोप छाया हुआ है. जिले में भी टिड्डी दल पहुंच गया है. जिसको लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. वहीं कृषि मंत्रालय के इंदौर स्थित वेस्ट मैनजमेंट सेंटर से आए वैज्ञानिक रवि कुमार छापरे ने शिवपुर के टिड्डी प्रभावित इलाकों में पहुंचकर प्रशासन से टिड्डियों की जानकारी ली.

टिड्डी दल का प्रकोप

वैज्ञानिक रवि कुमार छापरे ने गांवों में टिड्डियों का निरिक्षण कर बताया की यह बहुत ही छोटा दल है, जो भटक गया है और यहां आ गया है. साथ ही यहां पेड़ अधिक होने के चलते ये पेड़ पर ही बैठ रहे हैं और फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरा प्रशासन टिड्डियों को मारने में जुटा हुआ है और 90 प्रतिशत टिड्डियों को मार भी दिया गया है.

उन्होंने किसानों को जानकारी देते हुए बताया की उक्त टिड्डियां रेतीली जगहों में अंडे देती हैं. इस क्षेत्र में काली और भारी मिट्टी है जिसके चलते यहां अंडे देने की बहुत कम संभावना है. साथ ही टिड्डी दल, अंडे मौसम के अनुसार देता है और अभी लगभग 15 दिन तक अंडे देने की संभावना नहीं है.

वैज्ञानिक रवि ने बताया की किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. किसान दवाई का छिड़काव कर इन्हें मार सकते हैं. यहां आए टिड्डी दल का आगे कोई मूवमेंट नहीं रहेगा. क्योंकि यहां दवाई के छिड़काव के कारण अब ये बहुत कम संख्या में बचे हैं और जल्द खत्म हो जाएंगे.

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