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अजब पेड़ की गजब कहानी, हाथ रखते ही उड़न छू हो जाती बीमारी!

होशंगाबाद के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र का एक महुआ का पेड़, इन दिनों आस्था का केंद्र बना हुआ है. इस पेड़ की मान्यता है कि इसे छूते ही मरीजों को तुरंत बीमारियों से निजात मिल जाता है. ईटीवी भारत इस मान्यता की पुष्टि नहीं करता है.

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Published : Oct 12, 2019, 3:13 PM IST

Updated : Oct 12, 2019, 6:54 PM IST

अजब पेड़ की गजब कहानी

होशंगाबाद। शहर में इन दिनों एक पेड़ बहुत चर्चाएं बटोर रहा है. ये कोई ऐसा-वैसा पेड़ नहीं, जो ज्यादा फल देने या बहुत प्राचीन होने के कारण चर्चाओं में हो. ये पेड़ तो जादुई है. अपनी दिव्य और चमत्कारी शक्तियों की वजह से ये पेड़ इन दिनों सुर्खियों में है. क्या कभी किसी ऐसे पेड़ के बारे में सुना है आपने कि किसी पेड़ को छूने मात्र से ही बीमारी छूमंतर हो जाए. नहीं न ! तो चलिए आज जानते हैं एक ऐसे ही पेड़ के बारे में. हालांकि ईटीवी भारत इन बातो की पुष्टि नहीं करता है.

कष्टनिवारक पेड़

होशंगाबाद के पिपरिया से 15 किलोमीटर की दूरी पर नयागांव है. यहां के गांवपिपरिया की सीमा से सटे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व(एसटीआर) क्षेत्र में एक महुआ का पेड़ है. जहां इन दिनों रोजाना सुबह-शाम हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. माना जा रहा है कि इस पेड़ को छूते ही मरीजों को तुरंत बीमारी से निजात मिल जाती है.


जंगल में आग लगे और बात न फैले ऐसा तो हो हीं नहीं सकता. तो बस, देखते ही देखते ये खबर भी आसपास के इलाकों में आग की तरह फैल गई. और महज 10 दिनों में ही ये पेड़ आस्था का केंद्र बन चुका है. ये खबर सुन ईटीवी भारत की टीम भी पहुंची. यहां पहुंचकर श्रद्धालुओं से जब हमने इस विषय को लेकर बात की तो उन्होंने बताया कि इस पेड़ के पास जमीन पर हाथ रखकर बैठने से, अपने आप ही हाथ पेड़ की ओर खींचने लगते हैं. और तो और पेड़ को छूते ही मरीज को हर बीमारी से छुटकारा मिल जाता है.


ईटीवी भारत द्वारा बारीकी से पड़ताल करने पर, पाया गया कि जिस जगह पर ये पेड़ है. वहां पास से ही एक नदी बहती है. और आसपास रेत है, जिसके चलते पेड़ के आसपास की जगह भी रेतीली है. हमने सोचा रेत होने के चलते शरीर का झुकाव आगे की तरफ हो रहा है. जिस कारण लोगों के हाथ आगे की ओर खिसक रहे हैं. लेकिन कुछ लोगों को देखने पर पाया कि उनके हाथ पेड़ पर पहुंचने के बाद भी ऊपर की ओर खिसक रहे हैं, जो कि हैरतअंगेज था. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यहां पर भगवान भोलेनाथ का वास है. जो सबके कष्ट दूर कर रहे हैं.


हैरानी की बात है, कि जिस जंगल में जाने से अब तक लोग डरते थे. वहीं इस पेड़ के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. जहां दूर-दूर तक सिर्फ पेड़ ही पेड़ दिखते थे, वहां अब नारीयल और प्रसाद की दुकानें लगी हुई है. साथ ही इस मौके पर कई महिलाएं और पुरुष पेड़ के आसपास नाचते-झूमते भी दिखाई दिए.

होशंगाबाद। शहर में इन दिनों एक पेड़ बहुत चर्चाएं बटोर रहा है. ये कोई ऐसा-वैसा पेड़ नहीं, जो ज्यादा फल देने या बहुत प्राचीन होने के कारण चर्चाओं में हो. ये पेड़ तो जादुई है. अपनी दिव्य और चमत्कारी शक्तियों की वजह से ये पेड़ इन दिनों सुर्खियों में है. क्या कभी किसी ऐसे पेड़ के बारे में सुना है आपने कि किसी पेड़ को छूने मात्र से ही बीमारी छूमंतर हो जाए. नहीं न ! तो चलिए आज जानते हैं एक ऐसे ही पेड़ के बारे में. हालांकि ईटीवी भारत इन बातो की पुष्टि नहीं करता है.

कष्टनिवारक पेड़

होशंगाबाद के पिपरिया से 15 किलोमीटर की दूरी पर नयागांव है. यहां के गांवपिपरिया की सीमा से सटे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व(एसटीआर) क्षेत्र में एक महुआ का पेड़ है. जहां इन दिनों रोजाना सुबह-शाम हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. माना जा रहा है कि इस पेड़ को छूते ही मरीजों को तुरंत बीमारी से निजात मिल जाती है.


जंगल में आग लगे और बात न फैले ऐसा तो हो हीं नहीं सकता. तो बस, देखते ही देखते ये खबर भी आसपास के इलाकों में आग की तरह फैल गई. और महज 10 दिनों में ही ये पेड़ आस्था का केंद्र बन चुका है. ये खबर सुन ईटीवी भारत की टीम भी पहुंची. यहां पहुंचकर श्रद्धालुओं से जब हमने इस विषय को लेकर बात की तो उन्होंने बताया कि इस पेड़ के पास जमीन पर हाथ रखकर बैठने से, अपने आप ही हाथ पेड़ की ओर खींचने लगते हैं. और तो और पेड़ को छूते ही मरीज को हर बीमारी से छुटकारा मिल जाता है.


ईटीवी भारत द्वारा बारीकी से पड़ताल करने पर, पाया गया कि जिस जगह पर ये पेड़ है. वहां पास से ही एक नदी बहती है. और आसपास रेत है, जिसके चलते पेड़ के आसपास की जगह भी रेतीली है. हमने सोचा रेत होने के चलते शरीर का झुकाव आगे की तरफ हो रहा है. जिस कारण लोगों के हाथ आगे की ओर खिसक रहे हैं. लेकिन कुछ लोगों को देखने पर पाया कि उनके हाथ पेड़ पर पहुंचने के बाद भी ऊपर की ओर खिसक रहे हैं, जो कि हैरतअंगेज था. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यहां पर भगवान भोलेनाथ का वास है. जो सबके कष्ट दूर कर रहे हैं.


हैरानी की बात है, कि जिस जंगल में जाने से अब तक लोग डरते थे. वहीं इस पेड़ के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. जहां दूर-दूर तक सिर्फ पेड़ ही पेड़ दिखते थे, वहां अब नारीयल और प्रसाद की दुकानें लगी हुई है. साथ ही इस मौके पर कई महिलाएं और पुरुष पेड़ के आसपास नाचते-झूमते भी दिखाई दिए.

Intro:होशंगाबाद के पिपरिया में इन दिनों एक ऐसे डॉक्टर की चर्चा हर शक्श की जुबान पर है ,जिनके छूने मात्र से ही बीमारी छूमंतर हो जाती है । आश्चर्य की बात तो ये है कि ये डॉक्टर कोई इंसान नही बल्कि पेड़ है। जिसके पास सैकड़ो की संख्या मे मरीज पहुंच रहे है और ठीक हो रहेBody:जी हाँ हम बात कर रहे हैं पिपरिया से 15 km की दूरी पर स्थित ग्राम नयागांव की । यहाँ गाँवपिपरिया की सीमा से सटे सतपुडा टाइगर रिज़र्व ( एसटीआर) क्षेत्र में स्थित एक महुआ पेड़ पर इन दिनों प्रतिदिन सुबह शाम हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। माना जा रहा है कि इस पेड़ के छूते ही मरीजों को तत्काल बीमारी से निजात मिल जाती है।
हालांकि इन बातो का ईटीवी भारत पुष्टि नही करता है ।

देखते ही देखते यह खबर आसपास के क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और महज 10 दिनों में अब यह पेड़ धार्मिक आस्था का केंद्र माना जाने लगा है एक ऐसा स्थान जहाँ हर बीमारी और परेशानी का इलाज है।जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम खुद पहुँची इस स्थान पर.. ! यहां पहुंचकर श्रद्धालुओं से जब हमने इस विषय को लेकर बात की तो उनका कहना है कि इस पेड़ के पास जमीन पर हाथ रखकर बैठने से, अपने आप ही हाथ पेड़ की ओर खींचने लगते हैं और पेड़ को छूते ही मरीज को हर बीमारी व परेशानी से छुटकारा मिल जाता है।

बताया ये जा रहा है कि नवरात्रि के दिनों में इस स्थान के बारे में नयागांव के ही एक व्यक्ति ने गाँव के लोगों को बताया और देखते ही देखते अब यहाँ हजारो की संख्या में लोग पहुँच रहे हैं । मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने जब जाकर देखा तो नज़ारा चौकाने वाला था । सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगल में जहां लोग जाने में भी डरते हैं वहाँ इस पेड़ के आसपास भारी संख्या में लोग मौजूद थे। नारीयल प्रसाद की दुकानें लगी हुई थी, साथ ही पेड़ के इर्द गिर्द लोग जमीन पर हाथ रखकर बैठे हुए थे। कुछ महिलाएं व पुरुष पेड़ के आसपास झूमते नाचते भी देखे गए मानो उनकी शरीरिक समस्या वहाँ पहुँचकर निकलकर बाहर आ गयी हों। इसके साथ ही जब पेड़ के चारो ओर हमने जमीन पर रखे हाथों को गौर से देखा तो कुछ लोगों के हाथ अचानक पेड़ की ओर खिसकते हुए दिखाई दिए ।
Conclusion:इन लोगो से जब पूछा तो उन्होंने बताया की अपने आप हाथ पेड़ की ओर खिंच रहे थे। बारीकी से पड़ताल करने पर, पाया कि जिस जगह पर ये पेड़ है उसी जगह ठीक पास एक नदी बह रही है ओर आसपास रेत है, जिसके चलते पेड़ के आसपास की जगह भी रेतीली है। हमने सोचा रेत होने के चलते ओर शरीर का झुकाव आगे की तरफ होने के कारण लोगों के हाथ आगे की ओर खिसक रहे हों ।लेकिन कुछ लोगो को देखने पर हमने पाया कि ऊनके हाथ पेड़ पर पहुंचने के बाद भी ऊपर की ओर खिसक रहे थे जो कि आश्चर्यजनक ओर हैरान करने वाला था। कुछ लोगों के अनुसार इस स्थान पर भगवान भोलेनाथ का वास है जो यहाँ आकर लोगो के कष्ट दूर कर रहे हैं। अब इसे आस्था कहे या अंधविश्वास लेेेक़िन जो लोग यहाँ सेे ठीक होकर जा रहे हैं उनके लिए ये किसी दैवी कृपा या चमत्कार से कम नही । हमने जो देखा उसे देखकर कुछ देर हम भी हैरत में पड़ गए.. किसी ने खूब कहा है..
मंदिर और मस्जिद में जाकर कभी न आया ज्ञान, कहीं मिले मिट्टी में मोती, पत्थर में भगवान..

Last Updated : Oct 12, 2019, 6:54 PM IST
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