ETV Bharat / state

छात्रों को नहीं मिल रही निःशुल्क साइकिल, पैदल स्कूल आने-जाने को मजबूर

हरदा में सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्रों को निःशुल्क मिलने वाली साइकिल अभी तक नहीं मिल पाई है. जिस कारण छात्रों को रोजान करीब तीन किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल आना पड़ता है.

Students are not getting free bicycle
छात्रों को नहीं मिल रहा निःशुल्क साइकिल
author img

By

Published : Nov 28, 2019, 2:45 PM IST

Updated : Nov 28, 2019, 3:18 PM IST

हरदा। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजना संचालित कर रही है, लेकिन छात्रों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शासन के पोर्टल में पात्र हितग्राहियों की सूची नहीं दिखने के कारण सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्रों को दी जाने वाली साइकिल भी नहीं मिल पा रही है.

छात्रों को नहीं मिल रहा निःशुल्क साइकिल

जिले के ग्राम बड़ीमैदा और छोटी मैदा के छात्रों को सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत मिलने वाली निःशुल्क साइकिल नहीं मिल पाई है. जिस कारण छात्रों को रोजाना करीब तीन किलोलीटर की दूरी पैदल तय करके स्कूल आना पड़ता है. यही कारण है कि शिक्षक ने छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए गांव की ही एक शिक्षिका की नियुक्ति की है, जो रोजाना छात्र-छात्राओं को गांव से स्कूल लेकर आती है और स्कूल पूरा होने के बाद बच्चों को अपने साथ गांव लेकर जाती है.

इस मामले को लेकर सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी का कहना है कि इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को बता दिया गया है. उनका कहना है कि अधिकारियों की मदद से इन विद्यार्थियों को साइकिल दिलाए जाने का प्रयास किया जाएगा.

हरदा। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजना संचालित कर रही है, लेकिन छात्रों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शासन के पोर्टल में पात्र हितग्राहियों की सूची नहीं दिखने के कारण सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्रों को दी जाने वाली साइकिल भी नहीं मिल पा रही है.

छात्रों को नहीं मिल रहा निःशुल्क साइकिल

जिले के ग्राम बड़ीमैदा और छोटी मैदा के छात्रों को सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत मिलने वाली निःशुल्क साइकिल नहीं मिल पाई है. जिस कारण छात्रों को रोजाना करीब तीन किलोलीटर की दूरी पैदल तय करके स्कूल आना पड़ता है. यही कारण है कि शिक्षक ने छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए गांव की ही एक शिक्षिका की नियुक्ति की है, जो रोजाना छात्र-छात्राओं को गांव से स्कूल लेकर आती है और स्कूल पूरा होने के बाद बच्चों को अपने साथ गांव लेकर जाती है.

इस मामले को लेकर सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी का कहना है कि इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को बता दिया गया है. उनका कहना है कि अधिकारियों की मदद से इन विद्यार्थियों को साइकिल दिलाए जाने का प्रयास किया जाएगा.

Intro:नियमों का अड़ंगा किस प्रकार से पात्र हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित कर देते है।इसका ताजा उदाहरण हरदा जिले के ग्राम सिंगोन की माध्यमिक शाला में देखने को मिला है।यहां पर जंगल के रास्ते करीब तीन किलोलीटर की दूरी रोजाना पैदल तय करके आने वाले ग्राम बड़ीमैदा और छोटी मैदा के विद्यार्थियों को सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत मिलने वाली निःशुल्क सायकिल नही मिल पाई है।जिसके चलते स्कूल के मास्टर जी ने बालिकाओं की जंगल से स्कूल आने के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छात्रों के गांव की ही एक शिक्षित महिला को अपने स्वयं के व्यय पर रखा है।जो रोजाना छात्र छात्राओं को गांव से स्कूल लेकर आती है।वही खाली समय मे बच्चों को अध्यापन भी कराती है।वही स्कूल पूरा होने के बाद बच्चो को अपने साथ गांव लेकर जाती है।इस मामले को लेकर सर्वशिक्षाअभियान के डीपीसी का कहना है कि हमारे द्वारा इस बात को वरिष्ठ अधिकारियों के नॉलेज में लाकर उचित मदद कर इन गांवों से स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को साइकिल दिलाये जाने का प्रयास किया जाएगा।




Body:हरदा में बालिकाशिक्षा को बढ़ावा देने वाले दावों पर सरकारी नियम भारी पड़ते दिखाई दे रहे है।यहां पर हंडिया तहसील के ग्राम बड़ीमैदा और छोटीमैदा जो कि ग्राम पंचायत सिंगोन के अंतर्गत आते है।लेकिन इन दोनों गांवो को शासकीय रिकार्ड में राजस्व गांव दर्ज नही बताया जा रहा है।जबकि सिंगोन को माध्यमिक शाला की दूरी इन गांवों से 3 किलोमीटर से अधिक है।स्कूल और गांव में आने जाने के बीच रास्ते मे जंगल पढ़ता है।जिसके कारण पालकों के द्वारा खासकर बच्चियों को अकेले स्कूल भेजने को लेकर परहेज किया जाता था।जिससे स्कूल की रोजाना की दर्ज संख्या और वार्षिक परीक्षा परिणाम भी प्रभावित हो रहे थे।इस बात को ध्यान में रखते हुए यहां के प्रभारी शिक्षक गोपाल प्रसाद चंदेल ने अपने स्वयं के व्यय पर गांव की एक महिला को इन छात्राओं को रोजना गांव से स्कूल लाने ले जाने तैयार किया है।जो छात्रों को स्कूल लाने ले जाने के साथ स्कूल के पूरे समय उन्हें पढ़ाई भी करती है।चूंकि ग्राम सिंगोन की माध्यमिक शाला शिक्षक विहीन शाला है।जहां विभाग ने एक अन्य प्राथमिक स्कूल के शिक्षिक को अटैच किया जो अकेले इस स्कूल में लगने वाली कक्षा छठवीं,सातवीं और आठवी के सभी 76 छात्र छात्राओं को अध्यापन कार्य करा रहे है।
बाईट- गोपाल चंदेल,प्रभारी शिक्षक
बाईट- संध्या धनगर ,बच्चों को स्कूल लाने वाली महिला
बाईट-राकेश धनगर पालक
बाईट- तुलसी धनगर छात्रा


Conclusion:जब शिक्षिक विहीन इस स्कूल में अटैच मास्टर जी किसी काम से बाहर जाते है तो फिर पड़ोस की प्राथमिक स्कूल के टीचर को यहां पर आकर बच्चों को पढ़ाना होता है।इस बात से अंदाजालगाया जा सकता कि यहां के बच्चों को मिलने वाली शिक्षा का स्तर क्या होगा।
बाईट- वर्षा वर्मा शिक्षिका प्राथमिक स्कूल सिंगोन
उधर विभाग के अधिकारी इस मामले को वरिष्ठ अधिकारियों के नॉलेज में लाकर समस्या के निराकरण की बात कर रहे है।बहरहाल जो भी इन दोनों गांव से रोजाना तीन किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को निःशुल्क सायकिल नही मिल पाई है।
बाईट- आर एस तिवारी
डीपीसी ,हरदा
Last Updated : Nov 28, 2019, 3:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.