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शीतला सप्तमी आज, संतान की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने रखा व्रत

होली के पर्व के सातवें दिन शीतला सप्तमी नामक त्यौहार मनाया जाता है इस दिन महिलाएं शीतला माता मंदिर पर जाकर महिलाएं माता की पूजन करती है इस पूजन के लिए महिलाएं रात्रि में भोजन तैयार कर सुबह स्नान करके पूरे विधि विधान के साथ माता की पूजा अर्चना करती है.

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Published : Mar 27, 2019, 2:39 PM IST

शीतला सप्तमी

राजगढ़/हरदा। रंगपंचमी के बाद आज मध्यप्रदेश में शीतला सप्तमी का त्योहार भक्तिभाव से मनाया जा रहा है. खासतौर पर मालवा और भुआणा में शीतला सप्तमी को बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस त्योहार में महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं.

शीतला सप्तमी


हरदा के शीतला माता मंदिर में लगी श्रद्धालुओं की भीड़


मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में माता शीतला की पूजा करने से हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है. हरदा के प्राचीन शीतला माता मंदिर में चैत्र माह के कृष्णपक्ष की सप्तमी को महिलाएं मां शीतला को एक दिन पहले बनाए भोजन का भोग लगाती हैं. आज भी हजारों की संख्या में महिलाओं ने सुबह 4 बजे से ही माता की पूजा के लिए पहुंचना शुरू कर दिया था. महिलाओं ने विधि-विधान से मन्दिर में आकर विशेष पूजा की और अपने बच्चों की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए माता से प्रार्थना की.

राजगढ़ में भी माताओं ने रखा व्रत


वहीं राजगढ़ में भी बड़ी संख्या में माता शीतला मंदिर में महिलाओं ने पूजन किया. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए ठंडी चीजों का भोग लगाया जाता है. यह त्योहार शीत ऋतु के अंतिम दिन मनाया जाता है.

राजगढ़/हरदा। रंगपंचमी के बाद आज मध्यप्रदेश में शीतला सप्तमी का त्योहार भक्तिभाव से मनाया जा रहा है. खासतौर पर मालवा और भुआणा में शीतला सप्तमी को बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस त्योहार में महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं.

शीतला सप्तमी


हरदा के शीतला माता मंदिर में लगी श्रद्धालुओं की भीड़


मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में माता शीतला की पूजा करने से हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है. हरदा के प्राचीन शीतला माता मंदिर में चैत्र माह के कृष्णपक्ष की सप्तमी को महिलाएं मां शीतला को एक दिन पहले बनाए भोजन का भोग लगाती हैं. आज भी हजारों की संख्या में महिलाओं ने सुबह 4 बजे से ही माता की पूजा के लिए पहुंचना शुरू कर दिया था. महिलाओं ने विधि-विधान से मन्दिर में आकर विशेष पूजा की और अपने बच्चों की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए माता से प्रार्थना की.

राजगढ़ में भी माताओं ने रखा व्रत


वहीं राजगढ़ में भी बड़ी संख्या में माता शीतला मंदिर में महिलाओं ने पूजन किया. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए ठंडी चीजों का भोग लगाया जाता है. यह त्योहार शीत ऋतु के अंतिम दिन मनाया जाता है.

Intro:हरदा सहित पूरे जिले में महिलाओं के द्वारा अपनी संतान की सुख समृधि ओर लंबी आयु की कामना के साथ संतान सप्तमी की पूजा की गई।रंगपंचमी के बाद मालवा ओर भुआणा में इस पर्व की बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।चैत्र माह के कृष्णपक्ष की सप्तमी पर महिलाओं के द्वारा माता शीतला को अल सुबह से ही एक दिन पहले बनाए भोजन का भोग लगाया जाता है।मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में माता शीतला की पूजा करने में अनेको प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती हैं।


Body:हरदा के प्राचीन शीतला माता मंदिर में हजारो की संख्या में महिलाओं ने सुबह 4 बजे से ही माता की पूजा के लिए पहुचना शुरू कर दिया गया था।महिलाओं के द्वारा विधि विधान से मन्दिर में आकर विशेष पूजा कर अपने परिवार के बच्चो के स्वास्थ्य रहने के साथ साथ उनकी लम्बी आयु के लिए भी कामना की।


Conclusion:बाइट -इंद्रा जोशी ,श्रद्धालु
बाइट-पंडित कमलेश शर्मा
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