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टैक्स माफी को लेकर RTO में नहीं आया आदेश, बस संचालकों में असमंजस की स्थिति

हरदा जिले में सरकार के द्वारा टैक्स माफी की घोषणा के बाद भी अब तक आरटीओ कार्यालय में कोई आदेश नहीं मिला है,. जिसके चलते बस संचालकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. आलम यह है कि, बस स्टैंड पर प्रतिदिन 125 बसों में से केवल 30-40 बसें ही संचालित हो रही हैं.

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Published : Sep 17, 2020, 2:05 PM IST

Confusion in bus operators
बस संचालकों में असमंजस की स्थिति

हरदा। लॉकडाउन के दौरान बसों का संचालन बंद होने के चलते बस संचालकों को काफी नुकसान हुआ. जिसके चलते बस संचालकों ने सरकार से लॉकडाउन अवधि का टैक्स माफ करने की मांग की थी, जिस पर सरकार के द्वारा अब से कुछ दिनों पहले टैक्स माफी की घोषणा कर दी गई, इसके बाद भी अब तक आरटीओ कार्यालय में इस तरह की कोई आदेश नहीं मिले हैं. जिसके चलते बस संचालकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. आलम यह है कि, हरदा बस स्टैंड पर प्रतिदिन 125 बसें अलग-अलग शहरों के लिए आया- जाया करती थीं, फिलहाल बस स्टैंड पर 30-40 बस ही संचालित हो रही हैं.
हरदा से खंडवा जाने के लिए एक भी बस से संचालित नहीं हो रही है. जिसके चलते यात्रियों को निजी साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है. उपचार के लिए मरीजों का खंडवा आना- जाना रहता है, ट्रेन भी कम संख्या में होने से यात्रियों को हरदा से खंडवा आने- जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बसों में यात्रा करने से यात्रियों को भी भय बना हुआ है. यात्रियों का कहना है कि, बसों में आवागमन के दौरान कोरोना से बचाव के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. जिसके चलते उनके द्वारा बसों में बैठने से परहेज किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि, बस संचालकों के द्वारा बसों में यात्रियों की जांच के बिना उन्हें बैठा लिया जाता है, जिसके चलते संक्रमण फैलने का डर रहता है. इसलिए वे बसों की अपेक्षा निजी साधनों से आना- जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

हरदा बस एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष भूपेश पटेल का कहना है कि, आरटीओ कार्यालय तक टैक्स माफी का आदेश नहीं आया. वहीं दूसरी ओर यात्रियों के द्वारा बसों मैं बैठने से परहेज किया जा रहा है. जिसके चलते बसों का संचालन करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है. बसों का संचालन करने के दौरान खर्च निकल पाना भी काफी मुश्किल हो रहा है. सरकार के द्वारा टैक्स माफी की घोषणा तो कर दी गई है, लेकिन इसके आदेश नहीं मिलने तक बस संचालकों के द्वारा बसों का संचालन नहीं कि जाने का निर्णय लिया गया है.

हरदा। लॉकडाउन के दौरान बसों का संचालन बंद होने के चलते बस संचालकों को काफी नुकसान हुआ. जिसके चलते बस संचालकों ने सरकार से लॉकडाउन अवधि का टैक्स माफ करने की मांग की थी, जिस पर सरकार के द्वारा अब से कुछ दिनों पहले टैक्स माफी की घोषणा कर दी गई, इसके बाद भी अब तक आरटीओ कार्यालय में इस तरह की कोई आदेश नहीं मिले हैं. जिसके चलते बस संचालकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. आलम यह है कि, हरदा बस स्टैंड पर प्रतिदिन 125 बसें अलग-अलग शहरों के लिए आया- जाया करती थीं, फिलहाल बस स्टैंड पर 30-40 बस ही संचालित हो रही हैं.
हरदा से खंडवा जाने के लिए एक भी बस से संचालित नहीं हो रही है. जिसके चलते यात्रियों को निजी साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है. उपचार के लिए मरीजों का खंडवा आना- जाना रहता है, ट्रेन भी कम संख्या में होने से यात्रियों को हरदा से खंडवा आने- जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बसों में यात्रा करने से यात्रियों को भी भय बना हुआ है. यात्रियों का कहना है कि, बसों में आवागमन के दौरान कोरोना से बचाव के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. जिसके चलते उनके द्वारा बसों में बैठने से परहेज किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि, बस संचालकों के द्वारा बसों में यात्रियों की जांच के बिना उन्हें बैठा लिया जाता है, जिसके चलते संक्रमण फैलने का डर रहता है. इसलिए वे बसों की अपेक्षा निजी साधनों से आना- जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

हरदा बस एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष भूपेश पटेल का कहना है कि, आरटीओ कार्यालय तक टैक्स माफी का आदेश नहीं आया. वहीं दूसरी ओर यात्रियों के द्वारा बसों मैं बैठने से परहेज किया जा रहा है. जिसके चलते बसों का संचालन करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है. बसों का संचालन करने के दौरान खर्च निकल पाना भी काफी मुश्किल हो रहा है. सरकार के द्वारा टैक्स माफी की घोषणा तो कर दी गई है, लेकिन इसके आदेश नहीं मिलने तक बस संचालकों के द्वारा बसों का संचालन नहीं कि जाने का निर्णय लिया गया है.

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