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पानी के संकट से जूझ रही मूंग की फसल, किसानों ने सरकार से की ये मांग - मूंग की फसल

किसानों की करीब 1.25 लाख हेक्टेयर मूंग की फसल पानी बिना बर्बाद हो रही है. ऐसे में किसानों ने सरकार के चेतावनी देते हुए कहा है कि नहर का पानी नहीं मिला तो आंदोलन करने को लिए मजबूर होना पड़ेगा.

मूंग की फसल
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Published : May 11, 2021, 12:52 PM IST

हरदा। जिले में सोयाबीन की फसल बर्बाद होने के बाद किसानों के इसकी भरपाई की उम्मीद से करीब 1.25 लाख हेक्टेयर मूंग की फसल लगाई है. इस बीच सैकड़ों एकड़ फसल में बीते 10 दिनों से पानी नहीं मिलने से किसानों की लाखों रुपए की लागत पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. कई दबंगों ने नहर में हैडपंप लगाकर पानी रोक लिया है, जिससे माचक उपनहर के टेल एरिया के किसानों की फसल सूखने लगी है. किसानों का कहना है कि यदि उन्हें नहर से पानी नहीं मिलता तो आंदोलन करने को लिए मजबूर होना पड़ेगा.

मूंग की फसल

10 दिन से नहीं मिला पानी

माचक उपनहर से जुड़े दीपगाव कला, सोमगाव, बाबड़िया, सारसुद, जूनापानी आदि में बीते 10 दिनों से नहर से पानी नहीं मिल पाया है, जबकि प्रभारी मंत्री कमल पटेल के द्वारा जल उपयोगिता समिति की बैठक में किसानों को पानी दिए जाने का आश्वासन दिया गया था. उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए हरदा एवं होशंगाबाद जिले के किसानों की फसल को बचाने के लिए नहरों में पानी दिए जाने की मांग की है.

किसान नेताओं ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस मामले को लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल ने नहर विभाग के अधिकारियों को हैडपंप तोड़ने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं. वहीं किसान नेता अभिजीत शाह ने किसानों को पानी नहीं मिलने की दशा में दो दिन बाद आंदोलन की चेतावनी दी है.

हरदा। जिले में सोयाबीन की फसल बर्बाद होने के बाद किसानों के इसकी भरपाई की उम्मीद से करीब 1.25 लाख हेक्टेयर मूंग की फसल लगाई है. इस बीच सैकड़ों एकड़ फसल में बीते 10 दिनों से पानी नहीं मिलने से किसानों की लाखों रुपए की लागत पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. कई दबंगों ने नहर में हैडपंप लगाकर पानी रोक लिया है, जिससे माचक उपनहर के टेल एरिया के किसानों की फसल सूखने लगी है. किसानों का कहना है कि यदि उन्हें नहर से पानी नहीं मिलता तो आंदोलन करने को लिए मजबूर होना पड़ेगा.

मूंग की फसल

10 दिन से नहीं मिला पानी

माचक उपनहर से जुड़े दीपगाव कला, सोमगाव, बाबड़िया, सारसुद, जूनापानी आदि में बीते 10 दिनों से नहर से पानी नहीं मिल पाया है, जबकि प्रभारी मंत्री कमल पटेल के द्वारा जल उपयोगिता समिति की बैठक में किसानों को पानी दिए जाने का आश्वासन दिया गया था. उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए हरदा एवं होशंगाबाद जिले के किसानों की फसल को बचाने के लिए नहरों में पानी दिए जाने की मांग की है.

किसान नेताओं ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस मामले को लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल ने नहर विभाग के अधिकारियों को हैडपंप तोड़ने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं. वहीं किसान नेता अभिजीत शाह ने किसानों को पानी नहीं मिलने की दशा में दो दिन बाद आंदोलन की चेतावनी दी है.

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