हरदा। नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में चक्काजाम किया. इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार किए. उन्होंने कहा कि इस वक्त देश में किसानों का मुद्दा सबसे सुप्रीम है. सरकार ने देश में गैर बराबरी का मुद्दा बना रखा है. जब तक यह मुद्दा नहीं निपटेगा, तब तक हमें सड़कों पर उतरकर मांग करनी होगी.
प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी को लेकर उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्मदा नदी की स्थिति गंभीर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपने ही दिए शपथ पत्र को झूठा साबित किया है कि मध्य प्रदेश में कोई भी परिवार का पुनर्वास बाकी नहीं है, जबकि हमारे द्वारा तीनों राज्यों में करीब 40 से 50 हजार लोगों का पुनर्वास लिया गया. अभी भी दो से तीन हजार परिवारों के पुनर्वास के लिए हम लोग काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चार मुख्यमंत्रियों की बैठक में शिवराज सरकार ने दावा किया कि उनके 7 हजार रुपये खर्च हुए, जो गुजरात में ही खर्चा कर रहे है, क्योंकि पानी के एक बूंद पर मध्य प्रदेश का अधिकार नहीं है और 139 गांव डूब रहे है.