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हिंदुत्व का रास्ता छोड़ सेक्युलर पॉलिटिक्स अपनाए कांग्रेसः पूर्व केंद्रीय मंत्री - अपनी ही पार्टी पर सवाल

हरदा में पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए. वहीं इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकारों द्वारा शहरों के नाम बदलने को ओछी राजनीति बताया.

Former Union Minister Aslam Sher Khan
पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान
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Published : Mar 1, 2021, 7:24 PM IST

हरदा। शहर के दौरे पर आए पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रसिद्ध हाकी खिलाड़ी असलम शेर खान ने गेस्ट हाउस में अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए. वहीं भाजपा पर हमला बोलेते हुए कहा कि भाजपा के द्वारा देश में शहरों का नाम बदलने को लेकर जो राजनीति हो रही है. वह एक तरह से ओछी राजनीति है. उन्होंने कहा कि भाजपा के सरकार में आने के बाद लग रहा था कि वह हिंदुत्व के लिए कोई ठोस काम करेगी, लेकिन भाजपा के द्वारा शहरों का नाम बदलने को लेकर ओछी राजनीति की जा रही है. जिससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं. वहीं उन्होंने अपनी पार्टी को सलाह देते हुए कहा कि कांग्रेस हिंदुत्व के मुद्दे को छोड़कर नेहरू, गांधी और मौलाना अब्दुल कलाम आजाद जैसे लीडरों के बताए सेक्युलर राजनीति के मार्ग को अपनाए, ताकि वह फिर से जनता के बीच जाकर सफलता प्राप्त कर सके.

पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान का बयान
  • अपनी ही पार्टी पर उठाए सवाल

शहरों के नाम बदलने को लेकर उन्होंने कहा कि किसी का नाम बदलने से न कोई जमीन बदलेगी, न कोई शहर बदलेगा. हमारा मानना था कि भाजपा हिंदुत्व के नाम पर कोई अच्छी पहल करेगी. जिससे कि देश हिंदू राष्ट्र बन सके, लेकिन देश में शहर और गलियों के नाम बदलने को लेकर भाजपा के द्वारा ओछी सियासत की जा रही है. जिससे किसी को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं. उन्होंने कांग्रेस की दुर्दशा को लेकर अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी खुद तो किसी पद पर नहीं बने रहना चाहती, लेकिन अपने बेटे राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनना देखना चाहती हैं. जिसके लिए उनके द्वारा राहुल गांधी को वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चलने की बात कही जाती रही है, लेकिन राहुल गांधी कुछ और चाहते हैं.

  • कमलनाथ पर भी बोला हमला

हरदा बैतूल संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद रहे असलम शेर खान ने कहा कि हरदा बैतूल संसदीय क्षेत्र सामान्य सीट हुआ करते थी. लेकिन राजनीति के चलते छिंदवाड़ा की जगह बैतूल को अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया. उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने अपने निजी स्वार्थ के लिए अन्य सीटों को आरक्षित वर्ग के लिए करके वहां का विकास और राजनीति को बर्बाद कर दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भी उन्होंने हमला बोला. उन्होंने कहा कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश के लोगों को लगा था कि कारपोरेट जगत से जुड़ा एक व्यक्ति आम जनता के बीच आएगा, लेकिन कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने विधायक और मंत्रियों के साथ भी इस तरह का व्यवहार किया कि वह भी उनसे काफी खफा हो गए. जिसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनकी सरकार गिराने के लिए भाजपा में जाने का निर्णय लिया.

सिंधिया को लेकर बोले असलम शेर खान, कहा- 'घुटन में जीने की जगह खुलकर बोलें सिंधिया'

  • पूर्व पार्षद को कांग्रेस में शामिल किए जाने पर जताया एतराज

ग्वालियर के एक पूर्व पार्षद को कांग्रेस में शामिल किए जाने को लेकर भी उन्होंने कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि नाथूराम गोडसे के समर्थन में रहने वाले व्यक्तियों को कांग्रेस में लाना कोई अच्छा काम नहीं है, क्योंकि भाजपा और संघ भी नाथूराम गोडसे के समर्थकों से दूर रहना चाहते हैं, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एक नाथूराम गोडसे के समर्थक को कांग्रेस में शामिल कर जाने क्या जताना चाहते हैं.

हरदा। शहर के दौरे पर आए पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रसिद्ध हाकी खिलाड़ी असलम शेर खान ने गेस्ट हाउस में अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए. वहीं भाजपा पर हमला बोलेते हुए कहा कि भाजपा के द्वारा देश में शहरों का नाम बदलने को लेकर जो राजनीति हो रही है. वह एक तरह से ओछी राजनीति है. उन्होंने कहा कि भाजपा के सरकार में आने के बाद लग रहा था कि वह हिंदुत्व के लिए कोई ठोस काम करेगी, लेकिन भाजपा के द्वारा शहरों का नाम बदलने को लेकर ओछी राजनीति की जा रही है. जिससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं. वहीं उन्होंने अपनी पार्टी को सलाह देते हुए कहा कि कांग्रेस हिंदुत्व के मुद्दे को छोड़कर नेहरू, गांधी और मौलाना अब्दुल कलाम आजाद जैसे लीडरों के बताए सेक्युलर राजनीति के मार्ग को अपनाए, ताकि वह फिर से जनता के बीच जाकर सफलता प्राप्त कर सके.

पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान का बयान
  • अपनी ही पार्टी पर उठाए सवाल

शहरों के नाम बदलने को लेकर उन्होंने कहा कि किसी का नाम बदलने से न कोई जमीन बदलेगी, न कोई शहर बदलेगा. हमारा मानना था कि भाजपा हिंदुत्व के नाम पर कोई अच्छी पहल करेगी. जिससे कि देश हिंदू राष्ट्र बन सके, लेकिन देश में शहर और गलियों के नाम बदलने को लेकर भाजपा के द्वारा ओछी सियासत की जा रही है. जिससे किसी को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं. उन्होंने कांग्रेस की दुर्दशा को लेकर अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी खुद तो किसी पद पर नहीं बने रहना चाहती, लेकिन अपने बेटे राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनना देखना चाहती हैं. जिसके लिए उनके द्वारा राहुल गांधी को वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चलने की बात कही जाती रही है, लेकिन राहुल गांधी कुछ और चाहते हैं.

  • कमलनाथ पर भी बोला हमला

हरदा बैतूल संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद रहे असलम शेर खान ने कहा कि हरदा बैतूल संसदीय क्षेत्र सामान्य सीट हुआ करते थी. लेकिन राजनीति के चलते छिंदवाड़ा की जगह बैतूल को अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया. उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने अपने निजी स्वार्थ के लिए अन्य सीटों को आरक्षित वर्ग के लिए करके वहां का विकास और राजनीति को बर्बाद कर दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भी उन्होंने हमला बोला. उन्होंने कहा कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश के लोगों को लगा था कि कारपोरेट जगत से जुड़ा एक व्यक्ति आम जनता के बीच आएगा, लेकिन कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने विधायक और मंत्रियों के साथ भी इस तरह का व्यवहार किया कि वह भी उनसे काफी खफा हो गए. जिसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनकी सरकार गिराने के लिए भाजपा में जाने का निर्णय लिया.

सिंधिया को लेकर बोले असलम शेर खान, कहा- 'घुटन में जीने की जगह खुलकर बोलें सिंधिया'

  • पूर्व पार्षद को कांग्रेस में शामिल किए जाने पर जताया एतराज

ग्वालियर के एक पूर्व पार्षद को कांग्रेस में शामिल किए जाने को लेकर भी उन्होंने कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि नाथूराम गोडसे के समर्थन में रहने वाले व्यक्तियों को कांग्रेस में लाना कोई अच्छा काम नहीं है, क्योंकि भाजपा और संघ भी नाथूराम गोडसे के समर्थकों से दूर रहना चाहते हैं, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एक नाथूराम गोडसे के समर्थक को कांग्रेस में शामिल कर जाने क्या जताना चाहते हैं.

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