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भाई दूज पर इस मंदिर में लगती है शादी की अर्जी, भारी संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु

हरदा के उड़ा गांव के दूल्हादेव मंदिर में मान्यता है कि, जिन युवक-युवतियों की शादी नहीं हो रही हो, यहां आकर मन्नत मांगने से वो पूरी हो जाती है. भाई दूज के दिन दूर-दराज से सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु यहां अर्जी लगाने के लिए पहुंचते हैं.

dulhadev temple
दूल्हादेव मंदिर
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Published : Nov 16, 2020, 7:22 PM IST

हरदा। हरदा जिले के उड़ा गांव में एक ऐसा मंदिर है, जहां मान्यता है कि, जिन युवक-युवतियों की शादी नहीं हो रही हो, यहां आने से उनकी शादी की मनोकामना पूरी हो जाती है. दूल्हादेव के मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन, यानी भाई दूज के मौके पर हर साल लगने वाले मेले में सैकड़ों की संख्या में लोग दर्शन करने पहुचंते हैं. सालों से चली आ रही, इस मान्यता के कारण ये मंदिर आज भी आस्था का केंद्र बना हुआ है.

दूल्हादेव मंदिर

ये है मान्यता

दूल्हा देव के मंदिर की मान्यता है कि, जिन युवक- युवतियों की शादी में किन्ही कारणों से बाधा आती है, उनके द्वारा यहां आकर दूल्हादेव के सामने मत्था टेकने से शादी हो जाती है. मन्नत पूरी होने पर जोड़े अगले साल साथ आकर दर्शन कर भेंट चढ़ाते हैं.

कोरोना काल का भी नहीं कोई असर

दिवाली के दूसरे दिन भाई दूज पर इस मंदिर का नजारा अलग ही रहता है. भाई दूज पर जहां बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके स्वस्थ रहने और लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं उड़ा के दूल्हादेव जिन परिवारों के कुलदेवता माने जाते हैं, वे परिवार और सैकड़ों की संख्या में भक्त इस मंदिर में आते हैं. कोरोना काल के बावजूद भी इस मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे.

सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी

दूल्हा देव के मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि, बाबा के दरबार में आने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जिसके चलते वो हर साल भाई दूज के अवसर पर यहां आकर मत्था टेकते हैं. हरदा की रहने वाली सुरभी पुजारी ने बताया कि, उनके द्वारा बीते साल देवर की शादी के लिए मन्नत मांगी गई थी, जो जल्द पूरी हुई. जिसके बाद अब अपने देवर और देवरानी के साथ मंदिर में हाजरी लगाने पहुंची हैं.

हरदा। हरदा जिले के उड़ा गांव में एक ऐसा मंदिर है, जहां मान्यता है कि, जिन युवक-युवतियों की शादी नहीं हो रही हो, यहां आने से उनकी शादी की मनोकामना पूरी हो जाती है. दूल्हादेव के मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन, यानी भाई दूज के मौके पर हर साल लगने वाले मेले में सैकड़ों की संख्या में लोग दर्शन करने पहुचंते हैं. सालों से चली आ रही, इस मान्यता के कारण ये मंदिर आज भी आस्था का केंद्र बना हुआ है.

दूल्हादेव मंदिर

ये है मान्यता

दूल्हा देव के मंदिर की मान्यता है कि, जिन युवक- युवतियों की शादी में किन्ही कारणों से बाधा आती है, उनके द्वारा यहां आकर दूल्हादेव के सामने मत्था टेकने से शादी हो जाती है. मन्नत पूरी होने पर जोड़े अगले साल साथ आकर दर्शन कर भेंट चढ़ाते हैं.

कोरोना काल का भी नहीं कोई असर

दिवाली के दूसरे दिन भाई दूज पर इस मंदिर का नजारा अलग ही रहता है. भाई दूज पर जहां बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके स्वस्थ रहने और लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं उड़ा के दूल्हादेव जिन परिवारों के कुलदेवता माने जाते हैं, वे परिवार और सैकड़ों की संख्या में भक्त इस मंदिर में आते हैं. कोरोना काल के बावजूद भी इस मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे.

सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी

दूल्हा देव के मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि, बाबा के दरबार में आने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जिसके चलते वो हर साल भाई दूज के अवसर पर यहां आकर मत्था टेकते हैं. हरदा की रहने वाली सुरभी पुजारी ने बताया कि, उनके द्वारा बीते साल देवर की शादी के लिए मन्नत मांगी गई थी, जो जल्द पूरी हुई. जिसके बाद अब अपने देवर और देवरानी के साथ मंदिर में हाजरी लगाने पहुंची हैं.

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