हरदा। सीएम शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री कमल पटेल ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर हरदा, होशंगाबाद, सीहोर और खंडवा जिले के किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करते हुए पर्यावरण प्रदूषण को लेकर चिंता जताई. उन्होंने सुभाष मंच के द्वारा नदियों को बचाने और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के साथ- साथ मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की. किसानों से चर्चा करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, प्रकृति का दोहन और शोषण में अंतर है.
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उन्होंने कहा कि, पर्यावरण संरक्षण की पहली शर्त पूरे प्रदेश में अधिक से अधिक पेड़ लगाना है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि, हरदा जिले के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने वाली तवा नहर के दोनों किनारों पर फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे, जिसमें नहर के पास के किसानों को भी पेड़ों की देखरेख करने और उसके फलों के लिए भागीदार बनाया जाएगा.
हरदा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा कलेक्ट्रेट में फलदार और छायादार वृक्षों को लगाने के साथ- साथ उन्हें बड़ा करने का भी संकल्प लिया गया. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ईश्वर ने इस धरती को सभी के लिए बनाया है, आधुनिक जीवन शैली में कार्बन उत्सर्जन बढ़ा है और ग्लोबल वार्मिंग जैसी विकट समस्या का सामना पूरी दुनिया कर रही है.
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 600 से अधिक किसानों ने अपने-अपने जिलों में नदियों के किनारे 1,85,000 पौधे लगाने के कार्य की शुरुआत की है. कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बताया कि, मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में शामिल ना होने के चलते उनके द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नदियों के किनारे पेड़ लगाने की शुरुआत किसानों से चर्चा करने के साथ की गई है, उन्होंने सुभाष मंच के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की है.