हरदा। जिले को शत-प्रतिशत सिंचित बनाने के लिए नहरों में करोड़ों रुपए की लागत से लाइनिंग का काम किया जा रहा है. जिले की टिमरनी तहसील के अंतर्गत 3 उपनहरों पर 61 किलोमीटर की लाइनिंग का काम 26 करोड़ 80 लाख की लागत से होना है, जो पहली बारिश में टूट गया है. वहीं ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
भारतीय किसान संघ के तहसील इकाई अध्यक्ष और बाजनिया जल उपभोक्ता संस्था के अध्यक्ष दीपचंद नवाद ने अधिकारियों पर निर्माण में अनदेखी करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि ठेकेदार के द्वारा ना तो कुटाई की गई है और ना ही सीमेंट की परत को नियमानुसार बिछाया गया है. वहीं उनका कहना है कि कई स्थानों पर नहरों पर परत की मोटाई में अंतर देखने को मिल रहा है. नहर में खेतों के पानी के साथ-साथ दो फीट मिट्टी भी जमा हो गई है. जिसके चलते रबी सीजन में किसानों को सिंचाई का पानी मिलने में दिक्कत होगी.
दीपचंद नवाद ने बताया कि खेतों के पानी की निकासी के लिए नालियों की व्यवस्था है, लेकिन लाइनिंग के दौरान इन नालियों में भी मिट्टी भर गई थी. जिसके चलते खेतों का पानी नालों के रास्ते नहीं निकलकर नहरों को क्षतिग्रस्त कर रहा है.
इस मामले में जलसंसाधन विभाग के कार्यपालकयंत्री एफके भिमटे का कहना है कि लाइनिंग के दौरान गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा गया है. बारिश के पानी की निकासी के लिए ठेकेदार को निर्देशित किया गया है. वहीं जिन स्थानों पर नहरों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है, उनकी रिपेयरिंग का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 61 किलोमीटर लंबी तीन नहरों का काम 10 मई 2018 से शुरू होकर 9 नवंबर 2020 तक पूरा होना है.