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23 मार्च से छोड़ा जाएगा सिंचाई के लिए पानी- कमल पटेल

इस साल 30000 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस अनुमान से इस साल हरदा जिले में करीब 60-70 हजार हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाए जाने की का अनुमान लगाया जा रहा है.

Agriculture Minister
कृषि मंत्री कमल पटेल
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Published : Mar 7, 2021, 3:27 AM IST

Updated : Mar 7, 2021, 4:52 AM IST

हरदा। कृषि प्रधान हरदा जिले में ग्रीष्म कालीन मूंग की फसल के लिए आगामी 23 मार्च से तवा नहर में पानी छोड़े जाने का निर्णय लिया गया है. हरदा जिले में करीब 30000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में किसानों के द्वारा तवा डैम से पानी छोड़ जाने पर मूंग की फसल लगाई जा रही है. कृषि मंत्री कमल पटेल की अध्यक्षता में जिला पंचायत के सभागृह में आयोजित जल उपयोगिता समिति की बैठक में मंत्री कमल पटेल ने अधिकारी को निर्देशित किया, ग्रीष्म कालीन मूंग की फसल के लिए तवा डैम से छोड़े जाने वाले पानी को टेल-टू-हेड पानी का वितरण किया जाए.

meeting of the Water Utilities Committee
जल उपयोगिता समिति की बैठक

इस दौरान यदि किसी किसान के द्वारा नहर में हेड अप लगाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंत्री कमल पटेल ने कहा कि तवा डैम के पानी की एक-एक बूंद का उपयोग किया जाए. जिससे कि किसानों को अधिक से अधिक सिंचाई करने का मौका मिल सके. जिला पंचायत के सभागृह में आयोजित जल उपयोगिता समिति की बैठक में किसान संगठनों के साथ-साथ टिमरनी विधायक संजय शाह, सांसद दुर्गादास उइके सहित नहर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे.

मूंग की फसल की बोनी शुरू

हरदा जिले के किसानों के द्वारा चने की फसल की कटाई होने के बाद से ही आगामी मूंग की फसल के लिए अपने खेतों को तैयार करना शुरू कर दिया है. तवा नहर का पानी आने के साथ ही किसानों के द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल की बोनी शुरू कर दी जाएगी. बीते साल नहर विभाग के द्वारा 25000 हेक्टेयर में मूंग की फसल के लिए पानी दिया जाना तय किया गया था. बावजूद इसके हरदा जिले की किसानों ने नहरों के साथ-साथ अपने निजी जल स्रोतों के माध्यम से करीब 52000 हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाकर रिकॉर्ड उत्पादन कर कोरोना काल के दौरान मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया था. मंत्री कमल पटेल के प्रयासों से बीते साल तवा नहर में पानी छोड़ा गया था. नहर विभाग के द्वारा इस साल 30000 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस अनुमान से इस साल हरदा जिले में करीब 60-70 हजार हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाए जाने की का अनुमान लगाया जा रहा है.

meeting of the Water Utilities Committee
जल उपयोगिता समिति की बैठक

कमलनाथ कांग्रेस के 'कलंकनाथ', पके आम की तरह टपक रही पार्टी

55 दिनों के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा

मीडिया से चर्चा के दौरान कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि हरदा और होशंगाबाद जिलों में करीब 70 हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल लगाए जाने को लेकर पानी छोड़े जाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि 35000 हेक्टेयर हरदा एवं 35000 हेक्टेयर होशंगाबाद जिले में मूंग की फसल लगाई जाएगी. उन्होंने बताया कि बीते साल हरदा के किसानों ने मूंग की फसल लगाकर करीब 27 करोड रुपए की मूंग की फसल बेची थी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए 50 से 55 दिनों के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे कि किसान मूंग की फसल लगाकर आर्थिक रूप से मजबूत हो सकेंगे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सबसे पहले टेल क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाए.

हरदा। कृषि प्रधान हरदा जिले में ग्रीष्म कालीन मूंग की फसल के लिए आगामी 23 मार्च से तवा नहर में पानी छोड़े जाने का निर्णय लिया गया है. हरदा जिले में करीब 30000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में किसानों के द्वारा तवा डैम से पानी छोड़ जाने पर मूंग की फसल लगाई जा रही है. कृषि मंत्री कमल पटेल की अध्यक्षता में जिला पंचायत के सभागृह में आयोजित जल उपयोगिता समिति की बैठक में मंत्री कमल पटेल ने अधिकारी को निर्देशित किया, ग्रीष्म कालीन मूंग की फसल के लिए तवा डैम से छोड़े जाने वाले पानी को टेल-टू-हेड पानी का वितरण किया जाए.

meeting of the Water Utilities Committee
जल उपयोगिता समिति की बैठक

इस दौरान यदि किसी किसान के द्वारा नहर में हेड अप लगाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंत्री कमल पटेल ने कहा कि तवा डैम के पानी की एक-एक बूंद का उपयोग किया जाए. जिससे कि किसानों को अधिक से अधिक सिंचाई करने का मौका मिल सके. जिला पंचायत के सभागृह में आयोजित जल उपयोगिता समिति की बैठक में किसान संगठनों के साथ-साथ टिमरनी विधायक संजय शाह, सांसद दुर्गादास उइके सहित नहर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे.

मूंग की फसल की बोनी शुरू

हरदा जिले के किसानों के द्वारा चने की फसल की कटाई होने के बाद से ही आगामी मूंग की फसल के लिए अपने खेतों को तैयार करना शुरू कर दिया है. तवा नहर का पानी आने के साथ ही किसानों के द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल की बोनी शुरू कर दी जाएगी. बीते साल नहर विभाग के द्वारा 25000 हेक्टेयर में मूंग की फसल के लिए पानी दिया जाना तय किया गया था. बावजूद इसके हरदा जिले की किसानों ने नहरों के साथ-साथ अपने निजी जल स्रोतों के माध्यम से करीब 52000 हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाकर रिकॉर्ड उत्पादन कर कोरोना काल के दौरान मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया था. मंत्री कमल पटेल के प्रयासों से बीते साल तवा नहर में पानी छोड़ा गया था. नहर विभाग के द्वारा इस साल 30000 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस अनुमान से इस साल हरदा जिले में करीब 60-70 हजार हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाए जाने की का अनुमान लगाया जा रहा है.

meeting of the Water Utilities Committee
जल उपयोगिता समिति की बैठक

कमलनाथ कांग्रेस के 'कलंकनाथ', पके आम की तरह टपक रही पार्टी

55 दिनों के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा

मीडिया से चर्चा के दौरान कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि हरदा और होशंगाबाद जिलों में करीब 70 हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल लगाए जाने को लेकर पानी छोड़े जाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि 35000 हेक्टेयर हरदा एवं 35000 हेक्टेयर होशंगाबाद जिले में मूंग की फसल लगाई जाएगी. उन्होंने बताया कि बीते साल हरदा के किसानों ने मूंग की फसल लगाकर करीब 27 करोड रुपए की मूंग की फसल बेची थी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए 50 से 55 दिनों के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे कि किसान मूंग की फसल लगाकर आर्थिक रूप से मजबूत हो सकेंगे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सबसे पहले टेल क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाए.

Last Updated : Mar 7, 2021, 4:52 AM IST
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