ग्वालियर। नगर निगम की राजीव गांधी आवास योजना की लॉटरी खुलने को लेकर खूब जूतमपैजार हुआ. महिलाओं ने नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों पर आवास योजना में रिश्वत लेने के आरोप लगाते हुए जमकर चप्पल चलाये. महिलाओं को कहना है कि जिनके नाम लॉटरी में हैं, उन्हें लाभ न देकर जिन्होंने रिश्वत दिये हैं उन्हे आवास का आवंटन किया जा रहा है.
हितग्राहियों की मानें तो उन्होंने बहुत पहले आवास के लिए डेढ़ लाख रुपये जमा कर दिए थे, लेकिन जिन लोगों ने रिश्वत दी. उनके नाम लॉटरी में आ गए. इसी बात पर कुछ महिलाओं ने अधिकारियों से बहस के दौरान हंगामा हो गया और महिलाओं ने अधिकारियों-कर्मचारियों पर चप्पलें बरसा दी. महिलाओं की शिकायत थी कि उनके जो आवास स्वीकृत हुए थे वो नहीं दिए जा रहे हैं. इस शिकायत को लेकर हितग्राही महिलाएं एसपी ऑफिस भी पहुंची, लेकिन बैठक होने की वजह से एसपी नवनीत भसीन नहीं मिले.
वहीं नगर निगम के अधिकारियों ने चप्पलें मारने वाली महिला के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है. अधिकारियों का कहना है कि वे फ्लैट का आवंटन कर रहे थे और सबको फ्लैट दिए जा रहे थे, लेकिन कुछ लोगों ने मनमुताबिक जगह फ्लैट न मिलने पर ये हंगामा खड़ा किया गया. वहीं रिश्वत लेने के आरोपों पर उनका कहना था कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार है पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और पार्षदों की कमेटी द्वारा लॉटरी का निर्णय लिया गया है. वहीं जिनको महिला द्वारा चप्पल मारी गई वे नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हैं लेकिन उनका कहना है कि महिलाओं ने बेमतलब हंगामा किया है. चप्पल मारने की बात पर वे नगर निगम की महिला कर्मचारियों की गैरहाजिरी की बात कहते देखे गए.