ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक प्रकरण में पति के विरुद्ध पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए दहेज प्रताड़ना के मामले को खारिज कर दिया है. पति का आरोप है कि उस पर पत्नी ने परेशान करने की नियत से झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है, जबकि वह तलाक की अर्जी पूर्व में ही दे चुका था. वे दोनों अलग-अलग रह रहे थे और तलाक की अर्जी के एक महीने बाद पत्नी ने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज करवाया.
हाई कोर्ट ने दी राहत: मामला संभाग के अशोकनगर की है, जहां दहेज प्रताड़ना का आरोप झेल रहे पति पंकज भार्गव को हाईकोर्ट ने राहत दी है. उसकी पत्नी ने अशोकनगर के महिला पुलिस थाने में 2 अक्टूबर 2021 को दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज कराया था, इसके खिलाफ पति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. पति की याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने उसके विरुद्ध दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दी है.
पति के खिलाफ दर्ज मामले को किया खारिज: अधिवक्ता के मुताबिक, "29 जून 2020 को पंकज की शादी मामला दर्ज कराने वाली युवती से हुई थी, शादी के कुछ दिनों बाद से ही पति-पत्नी में मतभेद के चलते अनबन होने लगी. इसके बाद पत्नी मायके जाकर रहने लगी, उसने 2 अक्टूबर 2021 को पति पंकज भार्गव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया और उस पर दहेज मांगने का आरोप लगाया. जबकि पति पंकज भार्गव ने कहा कि उसने कभी दहेज की मांग नहीं की है, बल्कि 28 सितंबर 2021 को पति ने तलाक के लिए कोर्ट में आवेदन पेश किया था. इसके बाद पत्नी द्वारा उसे परेशान करने की गरज से यह मुकदमा दर्ज कराया गया है, इस पर हाई कोर्ट ने पति के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज कर दिया है."