ग्वालियर। शहर की जीवन रेखा यानी तिघरा बांध के गिरते जलस्तर ने नगर निगम के सामने समस्या खड़ी कर दी है. अगर शहर में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय किया जाए तो तिघरा में सिर्फ जुलाई तक का ही पानी बचा है. ऐसे में अब ग्वालियर नगर निगम ने वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दी है. तिघरा का जलस्तर बढ़ाने के लिए पेहसारी से पानी को लिफ्ट किया जा रहा है. लेकिन सांक नदी पर ग्रामीण क्षेत्रों में बने स्टाप डैम के कारण प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कम हुआ तिघरा का जलस्तर
ग्वालियर शहर की 70 फीसदी आबादी को पानी सप्लाई करने वाला तिघरा डैम एक बार फिर से सूखने लगा है. हालत ये है कि अब डैम में सिर्फ इतना पानी है कि शहर की आबादी को 13 जुलाई तक पानी सप्लाई किया जा सकता है. ऐसे में नगर निगम ने शहर में एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई शुरू कर दी है. हर साल की तरह इस साल भी नगर निगम ककेटो डेम से पेहसारी डैम होते हुए तिघरा जलाशय तक पानी लाने की तैयारी शुरू कर चुका है.
स्टॉप डैम निर्माण से देरी
इस बार ककेटो डेम से पेहसारी डेम तक तो पानी पहुंचा दिया गया है. लेकिन पेहसारी से तिगरा डैम तक जाने वाली सांक नदी पर कुछ ग्राम पंचायतों द्वारा स्टॉप डैम निर्माण का कार्य किया जा रहा है. जिसकी वजह से पानी को पेहसारी से तिघरा तक लाने का इंतजार बढ़ गया है. दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण के कारण शहर में अमृत योजना की शुरुआत नहीं हो पाई है.
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15 जून तक व्यवस्थाएं सुधारने का दावा
नगर निगम तिघरा के जलस्तर पर लगातार नजर रखे हुए है. पिछले 3 दिनों सेे हो रही बारिश से तिघरा बांध के जलस्तर मेंं कितना अंतर आया है, इसका भी आंकलन किया जा रहा है. वहीं कोरोना संक्रमण केे कारण अमृत योजना के कार्य भी प्रभावित हुए हैं. ऐसे में शहरवासियों तक भरपूर पानी की सप्लाई पहुंचाने में अभी नगर निगम को और समय लगेगा. हालांकि निगम अधिकारी 15 जून तक व्यवस्थाएं सुधारने का दावा कर रहे हैं. आंकड़ो के मुताबिक अभी शहरी क्षेत्र के वार्ड 1 से 60 में 240 एमएलडी पानी की सप्लाई तीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बोरिंग और हैंडपंप से की जा रही है. जबकि छह ग्रामीण वार्डों में 20 एमएलडी पानी बोरिंग और हैंडपंप से सप्लाई हो रहा है.