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पति की हत्या के झूठे आरोप में तीन साल तक जेल में रही पत्नी, बाइज्जत बरी होने के बाद भटक रही महिला - GWALIOR NEWS

ग्वालियर में अपने पति की हत्या के झूठे आरोप में जेल में रही महिला के सामने जेल से निकलने के बाद छत की समस्या हो गई है. महिला ने अपने दो बच्चों के लिए घर और अपने काम के लिए सरकार से गुहार लगाई है.

Wandering woman after being exonerated
बाइज्जत बरी होने के बाद भटक रही महिला
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Published : Feb 7, 2020, 12:08 PM IST

Updated : Feb 7, 2020, 3:19 PM IST

ग्वालियर। पति की हत्या के आरोप में एक महिला तीन साल जेल की सलाखों के पीछे रही, कोर्ट ने जांच के दौरान महिला को बेगुनाह पाया और आखिर उसे बरी कर दिया. जेल से बाहर आने के बाद महिला ससुराल जा नहीं सकती, तो मायके में कोई है नहीं. दो बच्चों की मां को फिलहाल एक एनजीओ ने पनाह दी है, लेकिन ये महिला अपने दो बच्चों के लिए सीएम कमलनाथ से छत और काम देने की गुहार लगाई है.

पति की हत्या के झूठे आरोप में तीन साल तक जेल में रही पत्नी


एक एनजीओ में पनाह लेने वाली इस महिला की दास्तान बेहद दुखद है. अपने दो बच्चों के साथ आज इस महिला को अपनी जिंदगी अंधेरे में नजर आ रही है. क्षमा नाम की ये महिला यूपी के फिरोजाबाद की रहने वाली है, करीब 10 साल पहले क्षमा की शादी बंटी शाक्य के साथ हुई थी. क्षमा बंटी के साथ मुरैना जिले के गुर्जा का पुरा गांव में रहती थी.


5 मार्च 2017 को क्षमा जौरा के पास ही अपनी बहन के घर थी, उसी दिन सुबह के वक्त किसी ने पति बंटी की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी. पड़ोसियों ने पुलिस को खबर दी, पुलिस ने क्षमा को फोन कर बुलाया और फिर उसे पति की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और उसके दो बच्चे भी जेल की देखरेख में आ गए.


जब मामला कोर्ट में पहुंचा तो अदालत ने पाया कि क्षमा बेगुनाह है, लिहाजा उसे बाइज्ज़त बरी कर दिया. लेकिन तब तक उसकी जिंदगी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थी. जब क्षमा जेल से बाहर आई तो उसे सिर छुपाने का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में एक समाजसेविका हनीप्रीत ने उसे सहारा दिया है. वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग अब क्षमा को आश्रय और रोजगार देने की बात कह रहा है.

ग्वालियर। पति की हत्या के आरोप में एक महिला तीन साल जेल की सलाखों के पीछे रही, कोर्ट ने जांच के दौरान महिला को बेगुनाह पाया और आखिर उसे बरी कर दिया. जेल से बाहर आने के बाद महिला ससुराल जा नहीं सकती, तो मायके में कोई है नहीं. दो बच्चों की मां को फिलहाल एक एनजीओ ने पनाह दी है, लेकिन ये महिला अपने दो बच्चों के लिए सीएम कमलनाथ से छत और काम देने की गुहार लगाई है.

पति की हत्या के झूठे आरोप में तीन साल तक जेल में रही पत्नी


एक एनजीओ में पनाह लेने वाली इस महिला की दास्तान बेहद दुखद है. अपने दो बच्चों के साथ आज इस महिला को अपनी जिंदगी अंधेरे में नजर आ रही है. क्षमा नाम की ये महिला यूपी के फिरोजाबाद की रहने वाली है, करीब 10 साल पहले क्षमा की शादी बंटी शाक्य के साथ हुई थी. क्षमा बंटी के साथ मुरैना जिले के गुर्जा का पुरा गांव में रहती थी.


5 मार्च 2017 को क्षमा जौरा के पास ही अपनी बहन के घर थी, उसी दिन सुबह के वक्त किसी ने पति बंटी की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी. पड़ोसियों ने पुलिस को खबर दी, पुलिस ने क्षमा को फोन कर बुलाया और फिर उसे पति की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और उसके दो बच्चे भी जेल की देखरेख में आ गए.


जब मामला कोर्ट में पहुंचा तो अदालत ने पाया कि क्षमा बेगुनाह है, लिहाजा उसे बाइज्ज़त बरी कर दिया. लेकिन तब तक उसकी जिंदगी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थी. जब क्षमा जेल से बाहर आई तो उसे सिर छुपाने का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में एक समाजसेविका हनीप्रीत ने उसे सहारा दिया है. वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग अब क्षमा को आश्रय और रोजगार देने की बात कह रहा है.

Intro:एंकर – पति की हत्या के आरोप में एक महिला तीन साल जेल की सलाखों के पीछे रही, कोर्ट ने जांच के दौरान महिला को बेगुनाह पाया और आखिर उसे बाइज्ज़त बरी कर दिया। जेल से बाहर आने के बाद महिला ससुराल जा नही सकती, तो मायके मे कोई है, नही। दो बच्चों की मां को फिलहाल एक एनजीओ ने पनाह दी है, लेकिन ये महिला अपने दो बच्चों की खातिर प्रशासन से मदद की गुहार कर रही है।



Body:ग्वालियर में एक एनजीओ के घर में पनाह लेने वाली इस महिला की दास्तान बेहद दुखद है, अपने दो बच्चों के साथ आज इस महिला को अपनी ज़िंदगी अंधेरे में नजर आ रही है। क्षमा नाम की ये महिला यूपी के फिरोजाबाद की रहने वाली है, करीब 10 साल पहले क्षमा की शादी बंटी शाक्य के साथ हुई थी। क्षमा बंटी के साथ मुरैना जिले के गुर्जा का पुरा गांव में रहती थी, 5 मार्च 2017 को क्षमा जौरा के पास ही अपनी बहन के घर थी, उसी दिन सुबह के वक्त किसी ने पति बंटी की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी। पड़ौसियों ने पुलिस को खबर दी, पुलिस ने क्षमा को फोन कर बुलाया और फिर उसे पति की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। क्षमा के दो बच्चे भी जेल की देखरेख में आ गए। मामला कोर्ट में पहुंचा तो अदालत ने पाया कि क्षमा बेगुनाह है, लिहाजा उसे बाइज्ज़त बरी कर दिया। अपने दोनों बच्चों के साथ करीब सप्ताहभर पहले क्षमा जेल से बाहर आई तो उसे सिर छुपाने का संकट खड़ा हो गया। क्षमा अब सीएम कमलनाथ से छत और काम देने की मदद की गुहार लगा रही है।

बाइट- 01 क्षमा शाक्य, पीड़िता Conclusion:जेल से बाहर आने के बाद क्षमा की परेशान ये है कि मायके में कोई है नही तो वहीं ससुराल वाले उसे रखने को तैयार नही है। ऐसे में समाजसेविका हरप्रीत ने क्षमा को अपने घर में पनाह दी है। हरप्रीत का कहना है कि क्षमा पर पति की हत्या का इल्ज़ाम लगा, तीन साल कैद मे बिताए, लेकिन क्षमा अपने बच्चों की खातिर हर दुख सहती रही, लेकिन आज बेगुनाह साबित होकर बाहर आई तो कोई सहारा नही मिल रहा। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग अब क्षमा को आश्रय और रोजगार देने की बात कह रहा है।

बाइट- 02 हरप्रीत, समाज सेविका
बाइट- 03 सुरेश तोमर, संयुक्त संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग

क्षमा और उसके दो बच्चे आज अपने लिए दो वक्त की रोटी और छत के लिए परेशान हो रहे है, सभी सीएम कमलनाथ से गुहार लगा रहे है, महिला एवं बाल विकास विभाग ने क्षमा को सरकारी सहारा देने की बात कही है,
Last Updated : Feb 7, 2020, 3:19 PM IST
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