ग्वालियर। कानपुर में हुए गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद विकास दुबे के रिश्तेदारों की तलाश उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने तेज कर दी है. बीते दिन यूपी एसटीएफ की टीम ग्वालियर के बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के सागरताल इलाके में एक घर से दो संदिग्धों को पकड़कर उत्तर प्रदेश ले गई है. गोला का मंदिर थाना क्षेत्र में रहने वाले ओमप्रकाश पाण्डेय और सागरताल के पास रहने वाले अनिल पाण्डेय को उत्तर प्रदेश से आई एसटीएफ टीम ने पकड़ लिया और अपने साथ कानपुर ले गई.
ओमप्रकाश की पत्नी और बेटी के अनुसार एसटीएफ पुलिस के लोग अचानक से घर में घुसे और ओमप्रकाश पाण्डेय को मारते-पीटते हुए गाड़ी में डालकर ले गए. जब मां और बेटी थाने गईं तो थाने से कहा गया कि वे कुछ भी नहीं कर सकते. ओमप्रकाश पाण्डेय मालनपुर स्थित नोवा कंपनी में प्राइवेट नौकरी करते हैं और गोले का मंदिर क्षेत्र में किराए के मकान में रहते हैं.
ओमप्रकाश पाण्डेय पर आरोप है कि उनके प्रेमप्रकाश पांडे के बड़े भाई हैं, जो विकास दुबे के साथी है, जो यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया है. प्रेमप्रकाश पांडे का बड़ा बेटा सोनू उर्फ शशिकांत फरार चल रहा है. इस परिवार पर आरोप है कि इन्होंने सोनू को यहां पर शरण दे रखी थी.
इस संबंध में ओमप्रकाश पाण्डेय के बेटे और बेटी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलकर ये पूरी घटना बताना चाहते थे. उनका कहना है कि विकास दुबे के परिवार से उनका कोई लेना-देना नहीं है. उनकी बातें सुनने के बाद एएसपी सत्येन्द्र तोमर ने उनको भरोसा दिलाया कि वह उनकी समस्या का समाधान करेंगे.
ग्वालियर पुलिस से इस मामले में जानकारी ली गई तो अधिकारियों ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि एडीजी राजा बाबू ने इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश करते हुए कहा कि इतना बड़ा ऑपरेशन नहीं था. दो लोगों की कॉल डिटेल्स और विकास दुबे के हेल्प करने वालों को सहारा देने में दो आरोपियों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. यदि कोई बड़ा ऑपरेशन होता तो संयुक्त रूप से किया जाता. इंटेलीजेंस फेलियर के सवाल पर उनका कहना है कि मैं यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर के संपर्क में शुरू से ही था और उन्हे हर तरह की मदद का आश्वासन दिया था.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि ग्वालियर से दो आरोपी उठा लिए जाते हैं और पुलिस अधीक्षक समेत पूरा पुलिस महकमे ने दो दिन तक मामले में चुप्पी साधे रखी. वहीं जब यूपी एसटीएफ का प्रेस नोट रिलीज हुआ, तब जाकर मामले का खुलासा हुआ.