ग्वालियर। इस समय दुनिया भर के देश कोविड-19 की महामारी से जूझ रहे हैं. इसके साथ ही कोरोना वायरस के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है. इस त्रासदी से भारत भी अछूता नहीं रहा है. इसने हर क्षेत्र के उद्योगों पर बुरा असर डाला है. वहीं कोविड-19 और लॉकडाउन ने ग्वालियर संभाग की टूरिज्म इंडस्ट्री पर भी काफी गहरा प्रभाव छोड़ा है. इसका अंदाजा इस बाद से लगाया जा सकता है कि, ग्वालियर की भारतीय यात्रा एवं पर्यटन प्रबंधन संस्थान, जो टीम पर्यटकों के लिए टूरिस्ट फैसिलिटेटर पैदा कर रही थी, वो फिलहाल अस्थाई रुप से बंद हो गई है.
आईआईटीटीएम का मानना है कि, अभी तक पूरे भारत में जीडीपी का 9.2 प्रतिशत भाग पर्यटन क्षेत्र के माध्यम से आता है. अब नई परिस्थितियों में भारत का अंदरूनी पर्यटन बढ़ेगा और विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आएगी. पर्यटन मंत्रालय के इस संस्थान ने आश्वस्त किया है कि इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.
इनको झेलनी पड़ी मार
मध्य प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के तहत ग्वालियर संभाग के तीन प्रमुख होटल ग्वालियर, ओरछा के बेतवा रिट्रीट के अलावा शिवपुरी के टूरिस्ट विलेज की पहले से बुकिंग निरस्त हो गए हैं.
बुकिंग के कैंसिल होने से टूरिज्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान का अंदाजा है. इसके साथ ही इन तीनों होटलों की पांच से आठ लाख रुपये की मासिक इनकम पर भी प्रभाव पड़ा है. सरकारी क्षेत्र के करीब 2 करोड़ का नुकसान विवाह समारोह में होने वाली बुकिंग के निरस्त होने के कारण हुआ है.
भारी मुश्किल में प्राइवेट सेक्टर
ग्वालियर संभाग के प्राइवेट सेक्टर की बात की जाए, तो यहां करीब 40 प्रमुख ऐसे निजी होटल हैं, जिनमें छह से सात लाख रुपए की मासिक इनकम सिर्फ देसी-विदेशी पर्यटकों के जरिए होती थी, जो इन दिनों ठप है.