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चोरों को रास आया कोरोना कर्फ्यू , लाखों की चोरी के साथ धोखाधड़ी के मामले दर्ज

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने लोगों को घरों में कैद कर दिया, तो वहीं चोरों को खुली छूट मिल गई. कर्फ्यू के दौरान शहर में पुलिस के पहरे के बीच 50 दिन में चोरों ने वाहन चोरी के अलावा 60 लाख से अधिक के माल पर हाथ साफ कर दिया. हालांकि पुलिस लगातार इन चोरों की तलाश में जुटी हुई है.

stole cases in corona curfew
कोरोना कर्फ्यू में बढ़े चोरी के मामले
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Published : Jun 5, 2021, 10:18 AM IST

ग्वालियर। इस बार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पिछले डेढ़ महीने में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यही वजह रही इस कोरोना कर्फ्यू के 40 दिनों मे लोग घरों के अंदर कैद रहे, लेकिन इसी बीच कोरोना कर्फ्यू के दौरान चोरों ने जमकर फायदा उठाया है. कर्फ्यू में रात दिन पुलिस का सड़कों पर पहरा होने के बावजूद भी चोरी की घटनाओं ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

कोरोना कर्फ्यू में बढ़े चोरी के मामले

कर्फ्यू में भी नहीं थमे चोरी के मामले
बता दें कि शहर में 50 दिन में चोरों ने वाहन चोरी के अलावा लगभग 60 लाख से अधिक का माल उड़ा दिया. हालांकि, लूट की वारदातों पर कुछ हद तक अंकुश जरूर लगा है. लेकिन इस दौरान सवा करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के मामले भी दर्ज हुए हैं. मतलब कहा जा सकता है कि इस कोरोना कर्फ्यू में शहर की वारदातों में कोई कमी नहीं आई है.


चोरों ने उठाया जमकर फायदा
कर्फ्यू के दौरान चोरों ने जमकर फायदा उठाया है. हालात यह हो गये है कि चोरों ने 50 दिन में 60 लाख का माल चोरी कर लिया. सबसे ज्यादा वाहन चोरी के मामले दर्ज किए गए. कर्फ्यू के दौरान शहर में रोजाना दो से तीन वाहन चोरी का रिकॉर्ड दर्ज है. मतलब भले ही पुलिस सड़कों पर लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात रही, लेकिन दूसरी तरफ चोर चोरी करने में सक्रिय रहे है. पुलिस के मुताबिक, शहर में हत्या के प्रयास के मामलों में कमी आई है, लेकिन इन डेढ़ महीने में चोरी और धोखाधड़ी के मामलों में काफी इजाफा हुआ है. इसके लिए पुलिस चोरी करने वाले गैंग को पकड़ने के लिए योजना बना रही है.


शहर पर गैंगवारों की रही नजर
दरअसल, कर्फ्यू के दौरान शहर की सीमा पर लोगों की आवाजाही पर पाबंदी नहीं थी, बस इसकी बात का फायदा चोरी करने वाले गिरोह ने उठाया. चोरी करने वाले गिरोह अन्य जिलों से आकर शहर में वाहनों की चोरी करने लगे. इस दौरान गिरोह ने शहर में आकर वाहनों को निशाना बनाया और इन्हें चोरी कर अन्य जिलों ने के लिए भेज दिया, क्योंकि मुरैना और भिंड जिले में चोरी करने वाली गिरोह काफी सक्रिय हैं. यही वजह है कि चोर शहर में आकर वाहनों की चोरी करते हैं. यह वाहनों को उत्तर प्रदेश की सीमा में ले जाकर वहां पर सस्ते दामों में बेच देते हैं.

चोरी के 44 मामले दर्ज और 58 लाख का माल चोरी
पिछले 50 दिन में 44 के लगभग चोरी के मामले शहर के थानों में दर्ज हुए हैं. चोरों ने घरों के ताले तोड़कर 60 लाख से अधिक का माल साफ कर दिया है. चोरी की वारदातों में चोरों ने ऐसे घरों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया है, जिनमें ताले लगे हैं. साथ ही चोरों ने दुकाने या फिर शोरूम को अपना निशाना बनाया है, क्योंकि यह कोरोना कर्फ्यू के दौरान पूरी तरह से बंद रहे और ना ही इनके संचालक देखने के लिए पहुंचे थे. कोरोना कर्फ्यू के दौरान चोरों ने विनय नगर में एक घर से 10 लाख से अधिक की कीमत का माल चोरी कर बड़ी वारदात को अंजाम दिया था, उसके बाद अन्य 3 घरों से 12 लाख रुपए से अधिक की चोरी की थी.


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सवा करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के मामले दर्ज
इसके साथ ही कर्फ्यू के दौरान धोखाधड़ी करने वाले लोग भी लगातार लोगों को अपना निशाना बना रहे थे. हालात यह हो गए कि इस दौरान सवा करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए हैं. मतलब कहा जा सकता है कि भले ही पुलिस कोरोना कर्फ्यू के दौरान सड़कों पर नजर आई हो लेकिन चोरों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। यही कारण है कि शहर में चोर लगातार वारदातें करते रहे हैं। इसको लेकर भले ही ग्वालियर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी अपनी सफाई देते नजर आ रहे हैं असल में यह आंकड़े सच्चाई बयां कर रहे हैं.

ग्वालियर। इस बार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पिछले डेढ़ महीने में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यही वजह रही इस कोरोना कर्फ्यू के 40 दिनों मे लोग घरों के अंदर कैद रहे, लेकिन इसी बीच कोरोना कर्फ्यू के दौरान चोरों ने जमकर फायदा उठाया है. कर्फ्यू में रात दिन पुलिस का सड़कों पर पहरा होने के बावजूद भी चोरी की घटनाओं ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

कोरोना कर्फ्यू में बढ़े चोरी के मामले

कर्फ्यू में भी नहीं थमे चोरी के मामले
बता दें कि शहर में 50 दिन में चोरों ने वाहन चोरी के अलावा लगभग 60 लाख से अधिक का माल उड़ा दिया. हालांकि, लूट की वारदातों पर कुछ हद तक अंकुश जरूर लगा है. लेकिन इस दौरान सवा करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के मामले भी दर्ज हुए हैं. मतलब कहा जा सकता है कि इस कोरोना कर्फ्यू में शहर की वारदातों में कोई कमी नहीं आई है.


चोरों ने उठाया जमकर फायदा
कर्फ्यू के दौरान चोरों ने जमकर फायदा उठाया है. हालात यह हो गये है कि चोरों ने 50 दिन में 60 लाख का माल चोरी कर लिया. सबसे ज्यादा वाहन चोरी के मामले दर्ज किए गए. कर्फ्यू के दौरान शहर में रोजाना दो से तीन वाहन चोरी का रिकॉर्ड दर्ज है. मतलब भले ही पुलिस सड़कों पर लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात रही, लेकिन दूसरी तरफ चोर चोरी करने में सक्रिय रहे है. पुलिस के मुताबिक, शहर में हत्या के प्रयास के मामलों में कमी आई है, लेकिन इन डेढ़ महीने में चोरी और धोखाधड़ी के मामलों में काफी इजाफा हुआ है. इसके लिए पुलिस चोरी करने वाले गैंग को पकड़ने के लिए योजना बना रही है.


शहर पर गैंगवारों की रही नजर
दरअसल, कर्फ्यू के दौरान शहर की सीमा पर लोगों की आवाजाही पर पाबंदी नहीं थी, बस इसकी बात का फायदा चोरी करने वाले गिरोह ने उठाया. चोरी करने वाले गिरोह अन्य जिलों से आकर शहर में वाहनों की चोरी करने लगे. इस दौरान गिरोह ने शहर में आकर वाहनों को निशाना बनाया और इन्हें चोरी कर अन्य जिलों ने के लिए भेज दिया, क्योंकि मुरैना और भिंड जिले में चोरी करने वाली गिरोह काफी सक्रिय हैं. यही वजह है कि चोर शहर में आकर वाहनों की चोरी करते हैं. यह वाहनों को उत्तर प्रदेश की सीमा में ले जाकर वहां पर सस्ते दामों में बेच देते हैं.

चोरी के 44 मामले दर्ज और 58 लाख का माल चोरी
पिछले 50 दिन में 44 के लगभग चोरी के मामले शहर के थानों में दर्ज हुए हैं. चोरों ने घरों के ताले तोड़कर 60 लाख से अधिक का माल साफ कर दिया है. चोरी की वारदातों में चोरों ने ऐसे घरों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया है, जिनमें ताले लगे हैं. साथ ही चोरों ने दुकाने या फिर शोरूम को अपना निशाना बनाया है, क्योंकि यह कोरोना कर्फ्यू के दौरान पूरी तरह से बंद रहे और ना ही इनके संचालक देखने के लिए पहुंचे थे. कोरोना कर्फ्यू के दौरान चोरों ने विनय नगर में एक घर से 10 लाख से अधिक की कीमत का माल चोरी कर बड़ी वारदात को अंजाम दिया था, उसके बाद अन्य 3 घरों से 12 लाख रुपए से अधिक की चोरी की थी.


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सवा करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के मामले दर्ज
इसके साथ ही कर्फ्यू के दौरान धोखाधड़ी करने वाले लोग भी लगातार लोगों को अपना निशाना बना रहे थे. हालात यह हो गए कि इस दौरान सवा करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए हैं. मतलब कहा जा सकता है कि भले ही पुलिस कोरोना कर्फ्यू के दौरान सड़कों पर नजर आई हो लेकिन चोरों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। यही कारण है कि शहर में चोर लगातार वारदातें करते रहे हैं। इसको लेकर भले ही ग्वालियर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी अपनी सफाई देते नजर आ रहे हैं असल में यह आंकड़े सच्चाई बयां कर रहे हैं.

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