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डॉक्टरों के इस्तीफे से नहीं पड़ेगा कोई असर, पर्याप्त संख्या में हैं डॉक्टर- GRMC

ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने सामूहिक रुप से जूनियर रेजिडेंट के दिए गए इस्तीफे को लेकर कहा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए शहर में डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है.

there is sufficient doctors available in the Gwalior to tackle corona virus pandemic said by GRMC administration
कोरोना संकट से निपटने के लिए है पर्याप्त डॉक्टर
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Published : Apr 10, 2020, 5:42 PM IST

ग्वालियर। शहर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को जूनियर रेजिडेंट द्वारा सामूहिक रूप से दिए गए इस्तीफे को लेकर प्रबंधन ने साफ किया है कि ग्वालियर जिले में कोरोना वायरस से निपटने के लिए डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है. इंटर्नशिप पूरी करने वाले डॉक्टरों की नियुक्ति सिर्फ अतिरिक्त चिकित्सीय बल के रूप में की गई थी, पहले इंटर्नशिप के बाद सेवा की शर्त थी बाद में सरकार ने इसे हटा लिया.

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कहा है कि कोरोना संकट से निपटने के लिए ग्वालियर जिले में पर्याप्त चिकित्सीय बल है. शासन ने 31 मार्च तक अपनी इंटर्नशिप पूरी करने वाले एमबीबीएस छात्रों को 3 महीने की सेवा संबंधी शर्त के बाद संविदा नियुक्ति दी थी. इसके बाद डॉक्टरों ने गुरुवार को करीब 50 डॉक्टरों ने इस्तीफे दे दिए थे.

पहली अप्रैल को ही 93 इंटर्नशिप छात्रों को शर्त के मुताबिक संविदा पर नियुक्त किया गया था. शासन द्वारा शर्त हटाए जाने पर इन छात्रों ने अपनी व्यक्तिगत परेशानी और पढ़ाई संबंधी समस्या दिखाते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. एस्मा लगने से पहले दिए गए इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए हैं, लेकिन एस्मा लगने के बाद जो इस्तीफे दिए गए हैं उन पर अभी कोई विचार नहीं किया गया है .

ग्वालियर। शहर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को जूनियर रेजिडेंट द्वारा सामूहिक रूप से दिए गए इस्तीफे को लेकर प्रबंधन ने साफ किया है कि ग्वालियर जिले में कोरोना वायरस से निपटने के लिए डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है. इंटर्नशिप पूरी करने वाले डॉक्टरों की नियुक्ति सिर्फ अतिरिक्त चिकित्सीय बल के रूप में की गई थी, पहले इंटर्नशिप के बाद सेवा की शर्त थी बाद में सरकार ने इसे हटा लिया.

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कहा है कि कोरोना संकट से निपटने के लिए ग्वालियर जिले में पर्याप्त चिकित्सीय बल है. शासन ने 31 मार्च तक अपनी इंटर्नशिप पूरी करने वाले एमबीबीएस छात्रों को 3 महीने की सेवा संबंधी शर्त के बाद संविदा नियुक्ति दी थी. इसके बाद डॉक्टरों ने गुरुवार को करीब 50 डॉक्टरों ने इस्तीफे दे दिए थे.

पहली अप्रैल को ही 93 इंटर्नशिप छात्रों को शर्त के मुताबिक संविदा पर नियुक्त किया गया था. शासन द्वारा शर्त हटाए जाने पर इन छात्रों ने अपनी व्यक्तिगत परेशानी और पढ़ाई संबंधी समस्या दिखाते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. एस्मा लगने से पहले दिए गए इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए हैं, लेकिन एस्मा लगने के बाद जो इस्तीफे दिए गए हैं उन पर अभी कोई विचार नहीं किया गया है .

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