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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, ग्वालियर में सप्लाई हो रहा पानी पीने लायक नहीं

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा की गई पानी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्वालियर में सप्लाई हो रहा पानी पीने लायक नहीं है. पानी में प्रदूषित तत्वों की भी अधिकता है.

सप्लाई हो रहा पानी पीने लायक नहीं
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Published : May 21, 2019, 11:47 PM IST

ग्वालियर| प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई पानी की जांच में खुलासा हुआ है कि शहर में सप्लाई किया जा रहा पानी पीने लायक नहीं है. इसके पहले निगम की टेस्ट रिपोर्ट में पानी में 0.6 टर्बीडिटी दर्ज की गई थी, तो वहीं पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में टर्बीडिटी 8.6 आई है. इस जांच के दौरान पानी में पाए गए तत्वों के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है कि तिघरा जलाशय से फिल्टर प्लांटों में साफ करने के बाद सप्लाई किया जा रहा पानी भी पीने योग्य नहीं है.

सप्लाई हो रहा पानी पीने लायक नहीं

इस मामले को लेकर कलेक्टर का कहना है कि निगम अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वह तत्काल इस समस्या को दूर करें. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के विशेषज्ञों द्वारा निगम के तीनों फिल्टर प्लांटों से सप्लाई होने वाले पानी के सैंपल जांच में लिए थे. जांच में स्पष्ट हुआ है कि पानी में बड़ी मात्रा में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया हैं. जबकि इस बैक्टीरिया की उपस्थिति मात्र ही पानी को प्रदूषित कर देती है. पानी में केमिकल ऑक्सीजन डिमांड की मात्रा भी निर्धारित मानक जीरो से कहीं ज्यादा पाई गई. पानी में प्रदूषित तत्वों की भी अधिकता है.

पिछले लंबे समय से शहर में पीले और बदबूदार पानी की सप्लाई को लेकर शिकायतों के दौर में निगम के अधिकारियों ने प्लांट पर जांच कराई थी. अधिकारी जांच रिपोर्ट के आधार पर इस बात का दावा कर रहे थे कि गर्मी के मौसम के कारण पानी का रंग बदला है लेकिन यह पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है.

ग्वालियर| प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई पानी की जांच में खुलासा हुआ है कि शहर में सप्लाई किया जा रहा पानी पीने लायक नहीं है. इसके पहले निगम की टेस्ट रिपोर्ट में पानी में 0.6 टर्बीडिटी दर्ज की गई थी, तो वहीं पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में टर्बीडिटी 8.6 आई है. इस जांच के दौरान पानी में पाए गए तत्वों के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है कि तिघरा जलाशय से फिल्टर प्लांटों में साफ करने के बाद सप्लाई किया जा रहा पानी भी पीने योग्य नहीं है.

सप्लाई हो रहा पानी पीने लायक नहीं

इस मामले को लेकर कलेक्टर का कहना है कि निगम अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वह तत्काल इस समस्या को दूर करें. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के विशेषज्ञों द्वारा निगम के तीनों फिल्टर प्लांटों से सप्लाई होने वाले पानी के सैंपल जांच में लिए थे. जांच में स्पष्ट हुआ है कि पानी में बड़ी मात्रा में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया हैं. जबकि इस बैक्टीरिया की उपस्थिति मात्र ही पानी को प्रदूषित कर देती है. पानी में केमिकल ऑक्सीजन डिमांड की मात्रा भी निर्धारित मानक जीरो से कहीं ज्यादा पाई गई. पानी में प्रदूषित तत्वों की भी अधिकता है.

पिछले लंबे समय से शहर में पीले और बदबूदार पानी की सप्लाई को लेकर शिकायतों के दौर में निगम के अधिकारियों ने प्लांट पर जांच कराई थी. अधिकारी जांच रिपोर्ट के आधार पर इस बात का दावा कर रहे थे कि गर्मी के मौसम के कारण पानी का रंग बदला है लेकिन यह पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है.

Intro:एंकर-- ग्वालियर में सप्लाई किया जा रहा पानी पीने लायक नहीं है पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा की गई जांच में इस बात की पुष्टि की गई है निगम की टेस्ट रिपोर्ट में जहां पानी के सैंपल रिपोर्ट में 0.6 टर्बीडिटी आई थी तो वहीं पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में
टर्बीडिटी 8.6 आई है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार से बहुत ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है इस जांच के दौरान पानी में पाए गए तत्वों के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है कि तिघरा जलाशय से फिल्टर प्लांट ओं में साफ करने के बाद सप्लाई किया जरा पानी भी पीने योग्य नहीं है वह इस मामले को लेकर कलेक्टर का कहना है कि निगम अधिकारियों को सत्य निर्देश दे दिए गए हैं कि वह तत्काल इस समस्या को दूर करें क्योंकि शहर में किया जा रहा पानी सप्लाई पीने योग्य नहीं है।

Body:वीओ-1 दरअसल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के विशेषज्ञों द्वारा निगम के तीनों फिल्टर प्लांट ओं से सप्लाई होने वाले पानी के सैंपल लिए थे जांच में स्पष्ट हुआ है कि पानी में बड़ी मात्रा में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया है जबकि इस बैक्टीरिया की उपस्थिति मात्र ही पानी को प्रदूषित कर देती है वहीं केमिकल ऑक्सीजन डिमांड की मात्रा भी निर्धारित मानक जीरो से कहीं ज्यादा पाई गई यानी पानी में प्रदूषित तत्वों की भी अधिकता है। Conclusion:विओ-2 आपको बता दें की पिछले लंबेे से शहर में पीले और बदबूदार पानी की सप्लाई को लेकर शिकायतों के दौर में निगम के अधिकारी अपने प्लांट पर कराई गई जांच रिपोर्ट के आधार पर इस बात का दावा कर रहे थे कि गर्मी के मौसम के कारण पानी का रंग बदला है लेकिन यह पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है लेकिन बोर्ड की रिपोर्ट ने उनके इस दावे को झूठा साबित किया है।

बाइट--अनुराग चौधरी-कलेक्टर ग्वालियर
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