ग्वालियर। 20 लाख की आबादी वाले शहर को स्मार्ट सिटी का कागजी दर्जा तो हासिल हो चुका है, लेकिन ग्वालियर की सूरत और सीरत स्मार्ट नहीं हो पाई है. यहां 15 हजार से ज्यादा आवारा और पालतू जानवर घूमते रहते हैं. यह जानवर न सिर्फ ट्रैफिक जाम करते हैं, बल्कि कई बार लोगों के लिए हादसे का सबब भी बनते हैं. अब इस पर सियासत भी गरमा गई है, जो आगामी नगर निगम चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आयेगा.
चौक-चौराहों पर घूमते रहते जानवर
इस नजारे को देखकर आप यही सोच रहे होंगे कि यह दृश्य किसी जानवरों की मंडी का है, लेकिन ऐसा नहीं है. यह तस्वीर रेलवे स्टेशन की है. यहां लोगों से ज्यादा जानवरों की जमात आ गई है. यह हालात सिर्फ एक दो जगह नहीं, बल्कि शहर के हर चौराहे पर देखने को मिलती है. लोगों का कहना है कि जानवरों की वजह से ट्रैफिक जाम तो होता ही है. साथ ही हादसों की आशंका भी बनी रहती है. लोगों का ये भी कहना है कि शहर के हर चौक-चौराहे पर 200 से 250 जानवर दिन भर मंडराते रहते है.
पालतू जानवरों को छोड़ देते हैं सड़क पर
दरअसल, शहर में कई डेयरी संचालक अपने पालतू जानवरों को दूध निकालने के बाद सड़कों पर छोड़ देते हैं. यह जानवर दिन भर इन सड़कों पर घूमते रहते है. शाम होने पर डेयरी संचालक इन जानवरों को वापस ले जाते हैं. वहीं दूसरी ओर आवारा जानवरों ने भी आतंक मचा रखा है, जिन्हें परेशान ग्रामीण शहर में छोड़ देते हैं. यह जानवर सब्जी मंडी, होटल, रेस्टोरेंट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और मुख्य चौक-चौराहों पर जमा रहते हैं.
स्मार्ट सिटी की सड़कों पर पशुओं की जमात, लोगों को हो रही दिक्कत
ग्वालियर स्मार्ट सिटी की सड़कों पर आवारा और पालतू पशुओं की जमात लगी हुई है. यह जानवर न सिर्फ ट्रैफिक जाम की स्थिति निर्मित करते हैं, बल्कि कई बार लोगों के लिए हादसे का सबब भी बनते हैं. पढ़िए पूरी खबर..
ग्वालियर। 20 लाख की आबादी वाले शहर को स्मार्ट सिटी का कागजी दर्जा तो हासिल हो चुका है, लेकिन ग्वालियर की सूरत और सीरत स्मार्ट नहीं हो पाई है. यहां 15 हजार से ज्यादा आवारा और पालतू जानवर घूमते रहते हैं. यह जानवर न सिर्फ ट्रैफिक जाम करते हैं, बल्कि कई बार लोगों के लिए हादसे का सबब भी बनते हैं. अब इस पर सियासत भी गरमा गई है, जो आगामी नगर निगम चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आयेगा.
चौक-चौराहों पर घूमते रहते जानवर
इस नजारे को देखकर आप यही सोच रहे होंगे कि यह दृश्य किसी जानवरों की मंडी का है, लेकिन ऐसा नहीं है. यह तस्वीर रेलवे स्टेशन की है. यहां लोगों से ज्यादा जानवरों की जमात आ गई है. यह हालात सिर्फ एक दो जगह नहीं, बल्कि शहर के हर चौराहे पर देखने को मिलती है. लोगों का कहना है कि जानवरों की वजह से ट्रैफिक जाम तो होता ही है. साथ ही हादसों की आशंका भी बनी रहती है. लोगों का ये भी कहना है कि शहर के हर चौक-चौराहे पर 200 से 250 जानवर दिन भर मंडराते रहते है.
पालतू जानवरों को छोड़ देते हैं सड़क पर
दरअसल, शहर में कई डेयरी संचालक अपने पालतू जानवरों को दूध निकालने के बाद सड़कों पर छोड़ देते हैं. यह जानवर दिन भर इन सड़कों पर घूमते रहते है. शाम होने पर डेयरी संचालक इन जानवरों को वापस ले जाते हैं. वहीं दूसरी ओर आवारा जानवरों ने भी आतंक मचा रखा है, जिन्हें परेशान ग्रामीण शहर में छोड़ देते हैं. यह जानवर सब्जी मंडी, होटल, रेस्टोरेंट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और मुख्य चौक-चौराहों पर जमा रहते हैं.