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बेटे की कमी पूरी कर रहीं बेटियां, मां का अंतिम संस्कार कर निभाया बेटे का फर्ज

बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है और बेटों का फर्ज भी निभा रही हैं. ताजा मामला जिले के जनकपुर क्षेत्र का है, जहां मां की मृत्यु पर उसकी बेटियों ने ना केवल कांधा दिया बल्कि उसे मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज भी निभाया.

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बेटे की कमी पूरी कर रही बेटियां
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Published : Dec 7, 2019, 11:36 PM IST

ग्वालियर। आमतौर पर लोग बेटे की कामना में लगे रहते हैं लेकिन बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं और बेटों का फर्ज निभा रही हैं. मामला जनकपुर क्षेत्र का है, जहां मां की मौत के बाद उसकी बेटियों ने ना केवल शव को कांधा दिया बल्कि उसे मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज भी निभाया. बता दें कि मृतका के बेटा नहीं था बल्कि चार बेटियां थी.

बेटे की कमी पूरी कर रहीं बेटियां

लड़कियों के पिता प्रभाकर ने बताया कि उन्होंने कभी अपनी बेटियों को बेटे से कम नहीं समझा. हमेशा उनका लालन-पालन भी बेटों की तरह ही किया. यही वजह है कि आज उनकी बेटियों ने बेटे की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. वहीं बेटियों द्वारा अंतिम संस्कार किए जाने के बाद, उनके रिश्तेदार भी फक्र महसूस कर रहे हैं. मंझली बेटी के पति निखिल ने कहा कि आज उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि उनका ऐसे परिवार से रिश्ता है, जो दकियानूसी प्रथाओं के बंधन से दूर है.

बता दें कि जनकगंज क्षेत्र के न्यू जोहरी कॉलोनी में रहने वाले एरिगेशन विभाग से रिटायर्ड प्रभाकर कान्हेरे की 82 वर्षीय पत्नी संध्या का निधन हो गया था. संध्या कई महीने से बीमार चल रही थी. प्रभाकर और संध्या को कोई बेटा नहीं है लेकिन चार बेटियां हैं और चारों का विवाह ग्वालियर में ही हुआ है.

ग्वालियर। आमतौर पर लोग बेटे की कामना में लगे रहते हैं लेकिन बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं और बेटों का फर्ज निभा रही हैं. मामला जनकपुर क्षेत्र का है, जहां मां की मौत के बाद उसकी बेटियों ने ना केवल शव को कांधा दिया बल्कि उसे मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज भी निभाया. बता दें कि मृतका के बेटा नहीं था बल्कि चार बेटियां थी.

बेटे की कमी पूरी कर रहीं बेटियां

लड़कियों के पिता प्रभाकर ने बताया कि उन्होंने कभी अपनी बेटियों को बेटे से कम नहीं समझा. हमेशा उनका लालन-पालन भी बेटों की तरह ही किया. यही वजह है कि आज उनकी बेटियों ने बेटे की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. वहीं बेटियों द्वारा अंतिम संस्कार किए जाने के बाद, उनके रिश्तेदार भी फक्र महसूस कर रहे हैं. मंझली बेटी के पति निखिल ने कहा कि आज उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि उनका ऐसे परिवार से रिश्ता है, जो दकियानूसी प्रथाओं के बंधन से दूर है.

बता दें कि जनकगंज क्षेत्र के न्यू जोहरी कॉलोनी में रहने वाले एरिगेशन विभाग से रिटायर्ड प्रभाकर कान्हेरे की 82 वर्षीय पत्नी संध्या का निधन हो गया था. संध्या कई महीने से बीमार चल रही थी. प्रभाकर और संध्या को कोई बेटा नहीं है लेकिन चार बेटियां हैं और चारों का विवाह ग्वालियर में ही हुआ है.

Intro:एंकर-बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर में सामने आया है। जिसमें बेटा नहीं होने पर चार बेटियों ने अपनी बुजुर्ग मां को ना केवल कांधा दिया बल्कि उन्हें मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया और समाज को बेटियों को लेकर एक अच्छा संदेश दिया है।


Body:वीओ-दरसअल जनकगंज क्षेत्र के नई सड़क स्थित न्यू जोहरी कॉलोनी में रहने वाले एरिगेशन विभाग से रिटायर्ड प्रभाकर कान्हेरे की 82 वर्षीय पत्नी संध्या का शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात निधन हो गया था। संध्या करीबन महीने भर से बीमार थीं। प्रभाकर और संध्या के कोई बेटा नहीं है लेकिन चार बेटियां हैं। चारों का विवाह ग्वालियर में ही हुआ है और चारों जॉब में हैं। आज जब संध्या की अंतिम यात्रा शुरू हुई तो उनकी चारों बेटियों वंदना घोरपड़े, नम्रता गंधे, स्वाति खोकले और तृप्ति डोंगरे ने पहले उन्हें कंधा दिया और उसके बाद मुक्तिधाम पर मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया है। इससे पहले जब संध्या की अंतिम यात्रा न्यू जोहरी कॉलोनी से शुरू हुई। तो जिसने भी चारों बहनों को अपनी मां की अर्थी को कंधा देते देखा, उनकी आंखें नम हो गईं। मृतका संध्या के पति प्रभाकर बताते हैं उन्होंने कभी अपनी बेटियों को बेटे से कम नहीं समझा। हमेशा बेटा माना एवं उनका लालन-पालन भी बेटों की तरह ही किया। शायद यही वजह है आज उन्हीं बेटियों ने बेटे की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। वहीं बेटियों द्वारा अंतिम संस्कार किये जाने के बाद उनके रिश्तेदार भी फक्र महसूस कर रहे हैं। प्रभाकर के मझले दामाद निखिल गंधे कहते हैं बेटियां, बेटों से कम नहीं होती और आज उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि उनका ऐसे परिवार से रिश्ता है जो दकियानूसी प्रथाओं के बंधन से दूर है।



Conclusion:बाइट-1 वंदना घोरपड़े- (बड़ी बेटी)

बाइट-2 नम्रता गंधे- (मझली बेटी)

बाइट-3 प्रभाकर कान्हेरे- (मृतिका के पति)

बाइट-4 निखिल गंधे- (मृतिका के दामाद)
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