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MSP पर खरीद के बाद सोसाइटी क्यों वापस कर रही ज्वार बाजरा? किसानों को एक क्विंटल पर 1000 रुपये का नुकसान - ग्वालियर में ज्वार बाजरे के दाम

किसानों ने सोमवार को ग्वालियर कलेक्ट्रेट का घेराव किया. किसानों ने बताया कि पहले सरकार ने समर्थन मूल्य 2250 रुपए की कीमत से ज्वार और बाजरा लिया है. अब उसे वापस कर रहे हैं. वहीं इसका फायदा व्यापारी उठा रहे हैं, जो उसको 1300 से 1400 रुपए में खरीद रहे हैं.

Gwalior Jowar Bajra
ग्वालियर ज्वार बाजरा
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Published : Jan 24, 2022, 10:20 PM IST

Updated : Jan 24, 2022, 11:05 PM IST

ग्वालियर। भले ही सरकार ने कृषि के तीनों बिल वापस कर दिए हो, लेकिन किसानों की समस्या है अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रही है. कृषि के तीनों बिल वापस होने के बाद अब सरकार किसानों को नई तरीके से घेर रही है. पहले एमएसपी पर खरीदे जा चुके ज्वार और बाजरा को अब अमानक बताकर किसानों को वापस किया जा रहा है. जिसके खिलाफ अब किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

किसानों ने किया प्रदर्शन

किसानों ने कलेक्ट्रेट का किया घेराव
किसानों ने सोमवार को ग्वालियर कलेक्ट्रेट (farmer protest on gwalior collectorate) का घेराव किया. किसानों ने बताया कि पहले सरकार ने समर्थन मूल्य 2250 रुपए की कीमत से ज्वार और बाजरा लिया है. अब उसे वापस कर रहे हैं. वहीं इसका फायदा व्यापारी उठा रहे हैं, जो उसको 1300 से 1400 रुपए में खरीद रहे हैं.

एक क्विंटल पर हो रहा 1000 रुपये का नुकसान
कलेक्टर पर प्रदर्शन करने पहुंचे किसान बलराम राजपूत ने बताया कि उन्होंने अपनी फसल 2250 रुपए के समर्थन मूल्य पर सरकार को बेची थी. आज उनके ज्वार और बाजरा को सोसाइटी के द्वारा वापस किया जा रहा है. सोसाइटी के दबाव के चलते वह मार्केट में अपने ज्वार-बाजरे को बेचने गए तो उनके होश उड़ गए. व्यापारी उपज की कीमत 1300 से 1400 रुपए लगा रहे हैं. यानी सीधा किसानों को एक क्विंटल (millets and jowar price reduce in gwalior) पर 1000 रुपए का नुकसान हो रहा है.

किसानों को एफआईआर की धमकी दे रही सोसायटी
किसानों को बीते 2 सप्ताह से अपने ज्वार बाजरे को उठाने के आदेश स्थानीय प्रशासन ने सोसायटियों को जारी कर दिए हैं. सोसायटी बार-बार किसानों पर दबाव बना रही है. साथ ही कह रही है कि पहले वह अपना अमानक ज्वार बाजरा को उठाएं और जो राशि समर्थन मूल्य पर उसे मिली है वह वापस करें. नहीं तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में किसानों के साथ अब किसान संगठन भी मैदान में आ गए हैं. आज कलेक्ट्रेट पर सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंच गये और वहीं जमकर नारेबाजी की. साथ ही सरकार से कहा कि किसानों के साथ न्याय करें.

इन जिलों के किसानों को हुआ नुकसान
ग्वालियर, श्योपुर, भिंड, दतिया, मुरैना, सीहोर, देवास, सागर और पन्ना जिले में बिना एफएक्यू के ज्वार-बाजरा को वापस करने के निर्देश दिए गए हैं. समर्थन मूल्य पर खरीदी गई इस फसल प्रशासन को बड़ी रकम अदा करनी होती है. अकेले ग्वालियर जिले में ही लगभग 22 करोड़ रुपये का अमानक ज्वार और बाजरा है. वहीं अब खाद आपूर्ति विभाग ने साफ कर दिया है कि उसे इन सब से कोई मतलब नहीं है. सोसाइटी अमानक ज्वार बाजरा को वापस नहीं करेगा, उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. फिर चाहे किसान ही क्यों न हो.

ग्वालियर चंबल अंचल में खरीदी

जिलाज्वार (मैट्रिक टन में)बाजरा (मैट्रिक टन में)
ग्वालियर 3567 5586
श्योपुर 651 542
भिंड 2248 528
दतिया 73 190
मुरैना 1870108

शिवराज सरकार के बस का नहीं 'कुपोषित' आंगबाड़ी केंद्रों का पोषण! सामाजिक भागीदारी से गोद देकर कराएगी कायाकल्प

बहरहाल इस आदेश के बाद किसान परेशान हैं. जो बाजरा उन्होंने सरकार को 2250 में बेचा था. उसे वापस लेना है. उसके बाद अगर वह उस बाजरे को बाजार में बेचते हैं, तो उसकी कीमत व्यापारी 1300 से 1400 रुपए लगा रहे हैं. जिससे उनको सीधा 1000 का नुकसान हो रहा है.

ग्वालियर। भले ही सरकार ने कृषि के तीनों बिल वापस कर दिए हो, लेकिन किसानों की समस्या है अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रही है. कृषि के तीनों बिल वापस होने के बाद अब सरकार किसानों को नई तरीके से घेर रही है. पहले एमएसपी पर खरीदे जा चुके ज्वार और बाजरा को अब अमानक बताकर किसानों को वापस किया जा रहा है. जिसके खिलाफ अब किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

किसानों ने किया प्रदर्शन

किसानों ने कलेक्ट्रेट का किया घेराव
किसानों ने सोमवार को ग्वालियर कलेक्ट्रेट (farmer protest on gwalior collectorate) का घेराव किया. किसानों ने बताया कि पहले सरकार ने समर्थन मूल्य 2250 रुपए की कीमत से ज्वार और बाजरा लिया है. अब उसे वापस कर रहे हैं. वहीं इसका फायदा व्यापारी उठा रहे हैं, जो उसको 1300 से 1400 रुपए में खरीद रहे हैं.

एक क्विंटल पर हो रहा 1000 रुपये का नुकसान
कलेक्टर पर प्रदर्शन करने पहुंचे किसान बलराम राजपूत ने बताया कि उन्होंने अपनी फसल 2250 रुपए के समर्थन मूल्य पर सरकार को बेची थी. आज उनके ज्वार और बाजरा को सोसाइटी के द्वारा वापस किया जा रहा है. सोसाइटी के दबाव के चलते वह मार्केट में अपने ज्वार-बाजरे को बेचने गए तो उनके होश उड़ गए. व्यापारी उपज की कीमत 1300 से 1400 रुपए लगा रहे हैं. यानी सीधा किसानों को एक क्विंटल (millets and jowar price reduce in gwalior) पर 1000 रुपए का नुकसान हो रहा है.

किसानों को एफआईआर की धमकी दे रही सोसायटी
किसानों को बीते 2 सप्ताह से अपने ज्वार बाजरे को उठाने के आदेश स्थानीय प्रशासन ने सोसायटियों को जारी कर दिए हैं. सोसायटी बार-बार किसानों पर दबाव बना रही है. साथ ही कह रही है कि पहले वह अपना अमानक ज्वार बाजरा को उठाएं और जो राशि समर्थन मूल्य पर उसे मिली है वह वापस करें. नहीं तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में किसानों के साथ अब किसान संगठन भी मैदान में आ गए हैं. आज कलेक्ट्रेट पर सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंच गये और वहीं जमकर नारेबाजी की. साथ ही सरकार से कहा कि किसानों के साथ न्याय करें.

इन जिलों के किसानों को हुआ नुकसान
ग्वालियर, श्योपुर, भिंड, दतिया, मुरैना, सीहोर, देवास, सागर और पन्ना जिले में बिना एफएक्यू के ज्वार-बाजरा को वापस करने के निर्देश दिए गए हैं. समर्थन मूल्य पर खरीदी गई इस फसल प्रशासन को बड़ी रकम अदा करनी होती है. अकेले ग्वालियर जिले में ही लगभग 22 करोड़ रुपये का अमानक ज्वार और बाजरा है. वहीं अब खाद आपूर्ति विभाग ने साफ कर दिया है कि उसे इन सब से कोई मतलब नहीं है. सोसाइटी अमानक ज्वार बाजरा को वापस नहीं करेगा, उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. फिर चाहे किसान ही क्यों न हो.

ग्वालियर चंबल अंचल में खरीदी

जिलाज्वार (मैट्रिक टन में)बाजरा (मैट्रिक टन में)
ग्वालियर 3567 5586
श्योपुर 651 542
भिंड 2248 528
दतिया 73 190
मुरैना 1870108

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बहरहाल इस आदेश के बाद किसान परेशान हैं. जो बाजरा उन्होंने सरकार को 2250 में बेचा था. उसे वापस लेना है. उसके बाद अगर वह उस बाजरे को बाजार में बेचते हैं, तो उसकी कीमत व्यापारी 1300 से 1400 रुपए लगा रहे हैं. जिससे उनको सीधा 1000 का नुकसान हो रहा है.

Last Updated : Jan 24, 2022, 11:05 PM IST
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