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समाजसेवी कर रहे प्रवासी मजदूरों की मदद, खाना पानी सहित मुहैया करा रहे चप्पल - ग्वालियर न्यूज

ग्वालियर में मुरैना हाईवे पर आने वाले मजदूरों का समाजसेवी ने खाना पानी और चप्पल तक मुहैया करा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर प्रवासी मजदूर झांसी, टीकमगढ़, सतना, पन्ना, छतरपुर और ललितपुर सहित कई जिलों के हैं.

Food fed to migrant laborers
प्रवासी मजदूरों को खिलाया खाना
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Published : May 18, 2020, 8:05 PM IST

Updated : May 19, 2020, 7:48 AM IST

ग्वालियर। देश के विभिन्न महानगरों से अपने घर को पहुंचने की प्रवासी मजदूरों की जद्दोजहद आज भी जारी है. ग्वालियर- झांसी मार्ग पर मजदूर लगातार पलायन करते नजर आ रहे हैं, लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो इन मजदूरों की शहर से दूर हाईवे पर जाकर मदद कर रहे हैं और उन्हें खाना पानी और चप्पल तक मुहैया करा रहे हैं.

प्रवासी मजदूरों को खिलाया खाना

दरअसल दिल्ली पंजाब और उत्तर भारत के बड़े महानगरों से मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते मजदूर किसी तरह अपने घर पहुंचना चाहते हैं. सरकारों की उन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था आधी- अधूरी है जिसके कारण मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में इन मजदूरों को भोजन पानी और चप्पलें पहनाने जैसी मदद कर रहे हैं. कुछ समाजसेवी मुरैना हाईवे पर निरावली के पास जाकर मदद कर रहे हैं तो कुछ झांसी मार्ग पर सिथौली के नजदीक मजदूरों को सहायता पहुंचा रहे हैं.

इनमें से ज्यादातर प्रवासी मजदूर झांसी, टीकमगढ़, सतना, पन्ना, छतरपुर और ललितपुर सहित कई जिलों के हैं, जो उधर पूर्ति के लिए अपने घरों को छोड़कर दूसरे शहरों में कारोबार अथवा नौकरियां करने गए थे. लेकिन काम धंधे बंद होने से अब उन्हें घर के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं सूझ रहा है. इसलिए वे किसी न किसी तरह घर पहुंचने की कोशिश में है. इससे पहले जो मजदूर अहमदाबाद गुजरात बेंगलुरु से विशेष ट्रेन से ग्वालियर लाए गए थे. उनके लिए प्रशासन ने बसें लगवाई थी लेकिन सड़क पर चलते हाईवे के किनारे जा रहे मजदूरों के लिए प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है. ऐसे में वे दूसरे लोगों की मदद के सहारे ही है.

ग्वालियर। देश के विभिन्न महानगरों से अपने घर को पहुंचने की प्रवासी मजदूरों की जद्दोजहद आज भी जारी है. ग्वालियर- झांसी मार्ग पर मजदूर लगातार पलायन करते नजर आ रहे हैं, लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो इन मजदूरों की शहर से दूर हाईवे पर जाकर मदद कर रहे हैं और उन्हें खाना पानी और चप्पल तक मुहैया करा रहे हैं.

प्रवासी मजदूरों को खिलाया खाना

दरअसल दिल्ली पंजाब और उत्तर भारत के बड़े महानगरों से मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते मजदूर किसी तरह अपने घर पहुंचना चाहते हैं. सरकारों की उन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था आधी- अधूरी है जिसके कारण मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में इन मजदूरों को भोजन पानी और चप्पलें पहनाने जैसी मदद कर रहे हैं. कुछ समाजसेवी मुरैना हाईवे पर निरावली के पास जाकर मदद कर रहे हैं तो कुछ झांसी मार्ग पर सिथौली के नजदीक मजदूरों को सहायता पहुंचा रहे हैं.

इनमें से ज्यादातर प्रवासी मजदूर झांसी, टीकमगढ़, सतना, पन्ना, छतरपुर और ललितपुर सहित कई जिलों के हैं, जो उधर पूर्ति के लिए अपने घरों को छोड़कर दूसरे शहरों में कारोबार अथवा नौकरियां करने गए थे. लेकिन काम धंधे बंद होने से अब उन्हें घर के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं सूझ रहा है. इसलिए वे किसी न किसी तरह घर पहुंचने की कोशिश में है. इससे पहले जो मजदूर अहमदाबाद गुजरात बेंगलुरु से विशेष ट्रेन से ग्वालियर लाए गए थे. उनके लिए प्रशासन ने बसें लगवाई थी लेकिन सड़क पर चलते हाईवे के किनारे जा रहे मजदूरों के लिए प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है. ऐसे में वे दूसरे लोगों की मदद के सहारे ही है.

Last Updated : May 19, 2020, 7:48 AM IST
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