ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले मामले में राहत देने से इनकार कर दिया है. इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता एडवोकेट उमेश बोहरे मध्य प्रदेश शासन को एक नोटिस भेज रहे हैं, जिसमें हाई कोर्ट ने 70 कॉलेज की मान्यता रद्द की है और जिन कॉलेज के संचालकों फर्जी मार्कशीट बनाकर बच्चों को दी है और वह विभिन्न अस्पतालों में कार्य करते हैं. ऐसे छात्रों की मार्कशीट रद्द की जाए और कॉलेज संचालकों द्वारा इन बच्चों की फीस वसूल कर उनको दी जाए
247 नर्सिंग कॉलेजों के जांच के निर्देश : दरअसल, ग्वालियर चंबल अंचल के नर्सिंग कॉलेजों के नियम विरुद्ध संचालन को लेकर एडवोकेट उमेश बोहरे द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ग्वालियर चंबल अंचल की 247 नर्सिंग कॉलेजों के जांच के निर्देश दे दिए थे. प्राथमिक जांच में ग्वालियर चंबल अंचल की 70 कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी गई.
कई अनियमितताएं मिलीं : याचिकाकर्ता के कॉलेज के संबंध में कोर्ट ने बताया कि 22 अप्रैल को निरीक्षण किया गया और 30 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. निरीक्षण के दौरान टीम को केवल 70 बेड मिले, जबकि संख्या 100 उससे अधिक होनी चाहिए. इसके अलावा दो क्लासरूम मिले तो वहीं कई ऐसी कॉलेज थी जिनकी बिल्डिंग मौके पर मौजूद नहीं थी.