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गेहूं खराब होने को लेकर जनहित याचिका, HC ने केंद्र और राज्य सरकार को भेजा नोटिस

ग्वालियर खंडपीठ ने गेहूं खरीदी और उसके रखरखाव को लेकर दायर जनहित याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने खुले में गेहूं रखने के मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किए हैं और एक महीने के भीतर जवाब मांगा है.

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Published : Aug 18, 2020, 1:57 AM IST

Gwalior High Court
ग्वालियर हाईकोर्ट

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने गेहूं खरीदी और उसके रखरखाव को लेकर दायर जनहित याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है. यह याचिका हाईकोर्ट के अधिवक्ता उमेश बोहरे द्वारा पेश की गई थी. दरअसल अधिवक्ता उमेश बोहरे का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर पूरे प्रदेश में किसानों से गेहूं खरीदी की गई थी. लेकिन गेहूं खरीदी के लिए उसके भंडारण की व्यवस्था पहले से नहीं की गई थी. जिसके कारण गेहूं खुले में रखा रहा और कई टन गेहूं बर्बाद हो गया.

अधिवक्ता उमेश बोहरे

अधिवक्ता का यह भी कहना है कि सरकार ने घटिया किस्म का गेहूं खरीदा था इसकी सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए. इस मामले में हाईकोर्ट में सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने खुले में गेहूं रखने के मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किए हैं और एक महीने के भीतर जवाब मांगा है.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बारिश में गेहूं के भीगने के बावजूद किसानों से उसकी चिंता नहीं करने की बात कही थी. अधिवक्ता का कहना है कि गेहूं खरीदी से पहले उसके भंडारण की व्यवस्था होनी चाहिए थी. जिसके कारण वेयरहाउस में खुले में रखा गया हूं और स्टेशन परिसर का गेहूं खराब हो गया है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने गेहूं खरीदी और उसके रखरखाव को लेकर दायर जनहित याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है. यह याचिका हाईकोर्ट के अधिवक्ता उमेश बोहरे द्वारा पेश की गई थी. दरअसल अधिवक्ता उमेश बोहरे का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर पूरे प्रदेश में किसानों से गेहूं खरीदी की गई थी. लेकिन गेहूं खरीदी के लिए उसके भंडारण की व्यवस्था पहले से नहीं की गई थी. जिसके कारण गेहूं खुले में रखा रहा और कई टन गेहूं बर्बाद हो गया.

अधिवक्ता उमेश बोहरे

अधिवक्ता का यह भी कहना है कि सरकार ने घटिया किस्म का गेहूं खरीदा था इसकी सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए. इस मामले में हाईकोर्ट में सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने खुले में गेहूं रखने के मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किए हैं और एक महीने के भीतर जवाब मांगा है.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बारिश में गेहूं के भीगने के बावजूद किसानों से उसकी चिंता नहीं करने की बात कही थी. अधिवक्ता का कहना है कि गेहूं खरीदी से पहले उसके भंडारण की व्यवस्था होनी चाहिए थी. जिसके कारण वेयरहाउस में खुले में रखा गया हूं और स्टेशन परिसर का गेहूं खराब हो गया है.

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