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फर्जी मार्कशीट के मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार, पुलिस पूछताछ में जुटी

ग्वालियर में पुलिस ने पीडब्ल्यूडी के बड़े बाबू के साथ तीन लोगों को जाली मार्कशीट के मामले में गिरफ्तार किया है. जिनसे पुलिस पूछताछ में जुटी है.

Police arrested 3 accused in fake marksheet case
फर्जी मार्कशीट के मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार
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Published : Mar 4, 2020, 5:31 PM IST

Updated : Mar 4, 2020, 6:41 PM IST

ग्वालियर। जिले में पुलिस ने पीडब्ल्यूडी का बड़ा बाबू सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें शिवपुरी के जिला अस्पताल के ओटी टेक्नीशियन, श्योपुर अस्पताल की महिला नर्स शामिल हैं. पीडब्ल्यूडी के बाबू ने महिला से 2 लाख रुपये में 10वीं, 12वीं और नर्सिंग की 3 साल की जाली मार्कशीट बनाकर दी थी और साथ ही ओटी टेक्नीशियन को 40 हजार रुपये में नर्सिंग के डिप्लोमा की जाली मार्कशीट दी थी. इन सभी को जाली अंक सूची राजीव गोविला के जरिए बनाकर दी गई थीं, जो पहले ही पकड़ा जा चुका है. जिसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है.

फर्जी मार्कशीट के मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

दरसअल दिसंबर 2019 में थाटीपुर थाना प्रभारी शैलेन्द्र भार्गव ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था, जिसमें मार्कशीट किंग राजीव गोविला पकड़ा गया था और उसके यहां से कई जाली सील, मार्कशीट और कुछ दस्तावेज भी मिले थे. जिसमें एक ममता मित्तल का नाम सामने आया था, जो श्योपुर अस्पताल में नर्स थी. जहां उससे पुछताछ करने के दौरान पता चला की उसे पीडब्ल्यूडी में पदस्थ बड़े बाबू देवराज गांधी ने 2 लाख रुपए में 10वीं, 12वीं और नर्सिंग की तीन साल की मार्कशीट बनाकर दी थी, जिस पर वो शासकीय विभाग में नौकरी कर रही है.

इसी तरह शिवपुरी जिला अस्पताल में पदस्थ ओटी टेक्नीशियन देवेन्द्र बाल्मीकि निवासी पुरानी शिवपुरी का नाम सामने आया, जिसे भी देवराज गांधी ने ही 40 हजार में नर्सिंग का डिप्लोमा की मार्कशीट बनाकर दी थी. जिसके बाद पुलिस ने मंगलवार को अलग-अलग टीम बनाकर घेराबंदी कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया है और इस पूरी कार्रवाई के बाद पुलिस को संदेह है की स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी इसमें लिप्त हो सकते हैं. फिलहाल पुलिस ने पकड़े गए तीनों आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है.

ग्वालियर। जिले में पुलिस ने पीडब्ल्यूडी का बड़ा बाबू सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें शिवपुरी के जिला अस्पताल के ओटी टेक्नीशियन, श्योपुर अस्पताल की महिला नर्स शामिल हैं. पीडब्ल्यूडी के बाबू ने महिला से 2 लाख रुपये में 10वीं, 12वीं और नर्सिंग की 3 साल की जाली मार्कशीट बनाकर दी थी और साथ ही ओटी टेक्नीशियन को 40 हजार रुपये में नर्सिंग के डिप्लोमा की जाली मार्कशीट दी थी. इन सभी को जाली अंक सूची राजीव गोविला के जरिए बनाकर दी गई थीं, जो पहले ही पकड़ा जा चुका है. जिसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है.

फर्जी मार्कशीट के मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

दरसअल दिसंबर 2019 में थाटीपुर थाना प्रभारी शैलेन्द्र भार्गव ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था, जिसमें मार्कशीट किंग राजीव गोविला पकड़ा गया था और उसके यहां से कई जाली सील, मार्कशीट और कुछ दस्तावेज भी मिले थे. जिसमें एक ममता मित्तल का नाम सामने आया था, जो श्योपुर अस्पताल में नर्स थी. जहां उससे पुछताछ करने के दौरान पता चला की उसे पीडब्ल्यूडी में पदस्थ बड़े बाबू देवराज गांधी ने 2 लाख रुपए में 10वीं, 12वीं और नर्सिंग की तीन साल की मार्कशीट बनाकर दी थी, जिस पर वो शासकीय विभाग में नौकरी कर रही है.

इसी तरह शिवपुरी जिला अस्पताल में पदस्थ ओटी टेक्नीशियन देवेन्द्र बाल्मीकि निवासी पुरानी शिवपुरी का नाम सामने आया, जिसे भी देवराज गांधी ने ही 40 हजार में नर्सिंग का डिप्लोमा की मार्कशीट बनाकर दी थी. जिसके बाद पुलिस ने मंगलवार को अलग-अलग टीम बनाकर घेराबंदी कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया है और इस पूरी कार्रवाई के बाद पुलिस को संदेह है की स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी इसमें लिप्त हो सकते हैं. फिलहाल पुलिस ने पकड़े गए तीनों आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है.

Last Updated : Mar 4, 2020, 6:41 PM IST
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