ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने इन दिनों ग्वालियर और चंबल अंचल में चल रही राजनीतिक रैलियों, कार्यक्रमों और दूसरी गतिविधियों पर रोक लगाने संबंधी याचिका को मुख्य पीठ जबलपुर ट्रांसफर कर दिया है. याचिकाकर्ता आशीष प्रताप सिंह ने इस आशय की याचिका पेश की थी कि कोरोना संक्रमण काल में किसी भी प्रकार की राजनीतिक रेलियां, आयोजन या दूसरे कार्यक्रम नहीं होने चाहिए. लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में 22 सितंबर से लगातार कुछ न कुछ कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. उधर सत्तारूढ़ दल के अलावा विपक्षी कांग्रेस भी राजनीतिक कार्यक्रम कर रही हैं और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह द्वारा पदयात्रा निकाली जा रही है.
ऐसे में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि एक तरफ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने मास्क लगाने और हाथ सैनिटाइज करने की सलाह दी जा रही है. तो वहीं इस तरह की सलाहों का इस प्रकार के आयोजनों में खुलकर मखौल उड़ता दिख रहा है. इसलिए राजनीतिक कार्यक्रम रोके जाएं लेकिन इससे पहले दो याचिकाओं पर हाईकोर्ट फैसला दे चुका है कि किसी भी प्रकार के आयोजन कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही किए जाएं और यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ जिला प्रशासन कार्रवाई कर सकता है.
मार्च महीने में कोविड-19 को लेकर लगी दो याचिकाओं पर हाईकोर्ट फैसला दे चुका है कि किसी भी प्रकार की इस तरह की याचिका को मुख्य पीठ में ही सुना जाएगा क्योंकि केवल ग्वालियर में ही उपचुनाव नहीं है. इंदौर संभाग में भी चुनाव हो रहे हैं. हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को निर्देश दिए हैं कि पूर्व के निर्देशों को अनदेखा कर के लिस्ट करवाने वाली लिपिक वर्गीय खामी के जिम्मेदार लोगों पर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.