ग्वालियर। कोरोना महामारी के चलते ग्वालियर जिले के प्रसिद्ध फूल बाग परिसर स्थित श्री गोपाल मंदिर में इस बार भक्तों का प्रवेश निषेध है. कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि जन्माष्टमी का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा, लेकिन इस दौरान मंदिर में होने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए बाहर परिसर में बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी, जहां भगवान के जन्मोत्सव को श्रद्धालु देख सकेंगे. वहीं सोशल मीडिया में लाइव दर्शन की भी सुविधा दी जाएगी.
सिंधिया राजवंश द्वारा 1921 में फूल बाग परिसर में सर्वधर्म को ध्यान में रखते हुए मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च का निर्माण कराया गया था, जो आज भी अपने आप में अनूठा है, लेकिन राधा कृष्ण के गोपाल मंदिर के लिए सिंधिया शासकों ने बेशकीमती आभूषण भी बनवाए थे. जिनमें हीरे, मोती, पन्ना और विभिन्न रत्नों के करीब 100 करोड़ के आभूषण मंदिर को भेंट में दिए थे. अब ये आभूषण निगम की संपत्ति है. हर साल जन्माष्टमी के एक दिन पहले बैंक से इन आभूषणों को लॉकर से निकलवाया जाता है और निगम की ट्रेजरी में पुलिस की मौजूदगी में भगवान का श्रृंगार किया जाता है.
आधी रात को भगवान श्री कृष्ण का जन्म होने और प्रसादी वितरण के बाद इन गहनों को उतारकर वापस निगम की ट्रेजरी में रखा जाता है और उन्हें दूसरे दिन सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की इंदरगंज शाखा में जमा करा दिया जाता है. कई सालों से ये परंपरा चली आ रही है. नगर निगम ग्वालियर अब इन चारों धार्मिक स्थलों की देखभाल करता है. कोरोना संक्रमण के कारण इस बार गोपाल मंदिर को सजाया संवारा जा रहा है, लेकिन भक्तों का प्रवेश एक या दो की संख्या में ही हो सकेगा. कोरोना के कारण ये पहला मौका है जब जन्माष्टमी के दिन भगवान को अपने भक्तों के बीच ये महोत्सव मनाने का मौका नहीं मिलेगा.