ग्वालियर। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चंबल में डाकुओं के सफाया पर बयान दिया था, जिसपर अब कांग्रेस विधायक ने आपत्ति दर्ज की है. कांग्रेस के विधायक रविंद्र सिंह भिडोसा ने कहा, जिस तरीके से गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चंबल के बागियों को डाकू कहा है वह आपत्तिजनक है. चंबल में आज तक डाकू या बदमाश पैदा नहीं हुए हैं, बल्कि अन्याय के खिलाफ बगावत करने वाले बागी पैदा हुए हैं.
चंबल के डाकुओं पर नरोत्तम का बयान: अभी हाल में ही मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि, "मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार ने बिजली, पानी, सड़क की समस्याओं को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. इसके साथ ही चंबल में जो सबसे बड़ी डाकुओं की समस्या थी उसको भी अगर खत्म करने का काम किया है तो वह शिवराज सिंह की सरकार ने किया है, क्योंकि चंबल में सबसे ज्यादा डाकुओं की समस्या थी. इस कारण वहां का विकास पूरी तरह से धरा का धरा था."
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डाकू नहीं करते आत्मसमर्पण: गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान को लेकर कांग्रेस के विधायक रविंद्र सिंह चौहान ने आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने कहा बागियों को डाकू नहीं कह सकते हैं, चंबल में बागी पैदा हुए थे. जिसमें पान सिंह तोमर, मोहर सिंह, मलखान सिंह यह सब अन्याय के खिलाफ लड़े थे और बागी थे. उन्होंने आत्मसमर्पण किया था. डाकू और बदमाश कभी आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, इसलिए हमेशा से चंबल के लोगों ने अन्याय के खिलाफ बगावत की है. आज भी वह करते हैं उनके खून में अन्याय के खिलाफ बगावत करना शामिल है. कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह तोमर ने कहा, चंबल के बागियों को डाकू कहना चंबल के लोगों के खिलाफ अन्याय है. इस शब्द को बदलना होगा, क्योंकि इस शब्द को लेकर ही चंबल की आन बान शान है. चंबल में जितने भी बागी हुए हैं, वह न तो डकैत थे और न ही बदमाश.