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बीजेपी सांसद ने पीएम मोदी से की मीसा बंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जैसा सम्मान देने की मांग

सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मीसाबंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जैसा सम्मान देने की मांग की है.

Vivek Shejwalkar wrote a letter to PM Modi
विवेक शेजवलकर ने PM मोदी को लिखा पत्र
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Published : Feb 17, 2020, 8:01 PM IST

ग्वालियर। सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मीसाबंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जैसा सम्मान देने की मांग की है. शेजवलकर का मानना है कि, जिस तरीके से भारत 1947 में आजाद हुआ, उसी तरीके से इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के बाद 1977 में जब आपातकाल हटाया गया, तो वो भारत की दूसरी आजादी जैसा था.

विवेक नारायण शेजवलकर ने PM मोदी को लिखा पत्र

विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि, 1947 के आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के तौर पर सम्मान देते हैं, तो 1977 के आपातकाल में कष्ट झेलने और जेल जाने वालों को भी उतना ही सम्मान मिलना चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मीसाबंदियों को 15 अगस्त और 26 जनवरी को सम्मानित करते थे. शिवराज का कहना था कि, मीसाबंदी लोकतंत्र सेनानी सम्मान के हकदार हैं, इसलिए उनको स्वंतत्रता संग्राम सेनानी जैसा सम्मान दिया जाएगा. लेकिन सत्ता परिवर्त होने के बाद कांग्रेस सरकार ने मीसाबंदियों को सम्मान देना बंद कर दिया. कांग्रेस सरकार का कहना है कि, मीसाबंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जैसा दर्जा देने का फैसला ही गलत था.

ग्वालियर। सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मीसाबंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जैसा सम्मान देने की मांग की है. शेजवलकर का मानना है कि, जिस तरीके से भारत 1947 में आजाद हुआ, उसी तरीके से इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के बाद 1977 में जब आपातकाल हटाया गया, तो वो भारत की दूसरी आजादी जैसा था.

विवेक नारायण शेजवलकर ने PM मोदी को लिखा पत्र

विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि, 1947 के आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के तौर पर सम्मान देते हैं, तो 1977 के आपातकाल में कष्ट झेलने और जेल जाने वालों को भी उतना ही सम्मान मिलना चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मीसाबंदियों को 15 अगस्त और 26 जनवरी को सम्मानित करते थे. शिवराज का कहना था कि, मीसाबंदी लोकतंत्र सेनानी सम्मान के हकदार हैं, इसलिए उनको स्वंतत्रता संग्राम सेनानी जैसा सम्मान दिया जाएगा. लेकिन सत्ता परिवर्त होने के बाद कांग्रेस सरकार ने मीसाबंदियों को सम्मान देना बंद कर दिया. कांग्रेस सरकार का कहना है कि, मीसाबंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जैसा दर्जा देने का फैसला ही गलत था.

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