ग्वालियर। नेशनल हेल्थ मिशन के नर्सिंग स्टॉफ भर्ती परीक्षा मामले को लेकर ग्वालियर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. उत्तर प्रदेश से ऑपरेट होने वाली गैंग का नेटवर्क मध्य प्रदेश के भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, सागर से जुड़े हुए हैं. पुलिस ने इस मामले में अब तक आठ लोगों की गिरफ्तारी की है. जिसमें गिरोह का मास्टर माइंड फरार है, जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहना वाला है. बता दें मंगलवार को राष्ट्रीय हेल्थ मिशन परीक्षा को लेकर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. नेशनल हेल्थ मिशन परीक्षा का पेपर लीक हो गया है. जिसके बाद दोनों पेपर कैंसिल कर दिए गए हैं.
क्राइम ब्रांच ने छापा मार कर 33 लोगों को पकड़ा: ग्वालियर पुलिस को एक छात्र के परिजन ने सूचना दी कि कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया है, वो डील करने डबरा के टेकनपुर स्थित होटल के पास बुला रहे हैं. यहां बड़ी डील हो सकती है. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने वहां छापा मारा और मौके से 33 लोगों को पकड़ा. इनमें से आठ आरोपी हैं, जो (पर्चा) पेपर लीक कर बेच रहे थे. दो आरोपी उत्तरप्रदेश के मेरठ और इलाहबाद के रहने वाले हैं, बाकी दो आरोपी हरियाणा और तीन ग्वालियर के रहने वाले हैं. इसके अलावा मौके से 26 स्टूडेंट्स को भी पकड़ा, जिनमें 15 लड़कियां और 11 लड़के हैं.
पेपर ने कबूला जुर्म: क्राइम ब्रांच की सख्त पूछताछ में आरोपियों ने स्टूडेंट्स को पर्चा बेचना भी कबूल किया है. सभी छात्रों को आरोपियों ने टेकनपुर बुलाया था. ग्वालियर एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया की 80 परीक्षार्थियों से गैंग ने सौदा किया था. प्रत्येक परीक्षार्थी से 2 से 3 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था. आरोपियों ने गारंटी बतौर परीक्षार्थी से ओरिजनल दस्तावेज जमा करा लिए थे. वहीं NHM यानि नेशनल हेल्थ मिशन मध्यप्रदेश की 7 फरवरी को आयोजित संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद एग्जाम को निरस्त कर दिया गया है.
बड़े नेटवर्क का हो सकता है खुलासा: पूछताछ में आरोपियों ने यह भी बताया कि उन्होनें पर्चा स्ट्रेटेजिक अलायंस मैनेजमेंट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (SAMS) नाम की कंपनी की वेबसाइट से ऑनलाइन खरीदा था. यह कंपनी सरकारी विभागों में रिक्रूटमेंट कंसल्टिंग का काम करती है. आरोपियों ने इसके एवज में 15 लाख रुपए भी चुकाए थे, हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि कंपनी के पास पर्चा कहां से आया. फिलहाल कंपनी से संबंधित कोई भी व्यक्ति नहीं पकड़ा गया है. परीक्षा ले रही एजेंसी से आरोपियों का सीधा कनेक्शन नहीं है. आरोपी इसी कंपनी के जरिए ही पूरा काम कर रहे थे. पुलिस इस मामले में NHM के अफसरों की भूमिका की भी जांच कर रही है. बहरहाल पुलिस आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर ले रही है जिससे इनके नेटवर्क का खुलासा हो सकें.