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MP High Court: CBI से पूछा-नर्सिंग कॉलेजों की जांच कब तक होगी पूरी, सरकार पर सख्त टिप्पणी

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Published : Apr 26, 2023, 4:28 PM IST

Updated : Apr 26, 2023, 5:32 PM IST

मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में चल रहे फर्जीवाड़े को लेकर हाई कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार पर नाराजगी जताते हुए कई सख्त टिप्पणियां की. साथ ही सीबीआई से पूछा कि जांच कब तक पूरी हो जाएगी.

MP High Court asked CBI
नर्सिंग कॉलेजों की जांच कब तक होगी पूरी, सरकार पर सख्त टिप्पणी

ग्वालियर। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. बुधवार को भी हाई कोर्ट में प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से परीक्षाओं पर लगी रोक को हटाने की गुहार लगाई. फिलहाल सीबीआई ने इस पर कोई निर्णय नहीं दिया है. इस बीच बुधवार को सीबीआई के अधिवक्ता राजू शर्मा से कोर्ट ने पूछा कि सीबीआई नर्सिंग कॉलेजों की जांच कब तक पूरा करेगी.

महाधिवक्ता की मांग नकारी: हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को नर्सिंग परीक्षा मामले में राहत देने से साफ तौर पर इंकार किया है. महाधिवक्ता ने कोर्ट में सफाई दी कि अभी नर्सिंग परीक्षा होने दी जाए और उसका रिजल्ट हाई कोर्ट के आदेश के अधीन करने के आदेश दिए जाएं. इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले छात्रों के भविष्य का हवाला देकर परीक्षा की अनुमति लेना, फिर मानवता के आधार पर उनका रिजल्ट घोषित करवाना, यह लॉलीपॉप यहां नहीं चलने वाला.

सीबीआई ने दी जानकारी : कोर्ट को सीबीआई ने बताया अभी तक उसने 24 कॉलेजों की जांच की है. इनमें 9 कॉलेज ग्वालियर के हैं, जबकि 15 कॉलेज भोपाल के हैं. सीबीआई को कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि वह शुक्रवार तक ऐसे कॉलेजों के बारे में जानकारी दें. अब इस मामले की सुनवाई 28 अप्रैल को रखी गई है.

एक दिन पहले भी हुई सुनवाई : इस मामले में एक दिन पहले भी सुनवाई हुई. इसमें डिवीजन बेंच ने नर्सिंग काउंसिल और मेडिकल यूनिवर्सिटी की सफाई को मानने से इंकार कर दिया था. महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल द्वारा वर्ष 2022- 23 के लिए सभी 485 कॉलेजों के निरीक्षण किए जाने का दावा किया. इसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की गई. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रशांत सिंह से नाराजगी जताते हुए कहा कि नर्सिंग काउंसिल द्वारा मान्यता दिए जाने में कई अनियमितताएं बरती गई हैं.

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नर्सिंग कॉलेजों को राजनीतिक संरक्षण : हाई कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि उनकी रिपोर्ट पर सहज रूप से विश्वास नहीं किया जा सकता. ये कॉलेज राजनीतिक संरक्षण में चल रहे हैं, जहां कॉलेज की औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई हैं. ऐसे कॉलेज समाज में जहर घोल रहे हैं. तमाम छात्रों को केवल पैसे वसूलने के लिए एडमिशन दिया गया, जबकि वह नर्सिंग का एन नहीं जानते हैं. बुधवार को अधिवक्ता दिलीप शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की गई, जिसमें बताया गया कि पुराने सत्रों की मान्यता इसी साल जनवरी में हासिल की गई है, जो नियम विरुद्ध है. इस पर हाईकोर्ट ने 27 फरवरी को परीक्षाओं पर रोक लगा दी थी और नर्सिंग काउंसिल तथा प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था.

ग्वालियर। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. बुधवार को भी हाई कोर्ट में प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से परीक्षाओं पर लगी रोक को हटाने की गुहार लगाई. फिलहाल सीबीआई ने इस पर कोई निर्णय नहीं दिया है. इस बीच बुधवार को सीबीआई के अधिवक्ता राजू शर्मा से कोर्ट ने पूछा कि सीबीआई नर्सिंग कॉलेजों की जांच कब तक पूरा करेगी.

महाधिवक्ता की मांग नकारी: हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को नर्सिंग परीक्षा मामले में राहत देने से साफ तौर पर इंकार किया है. महाधिवक्ता ने कोर्ट में सफाई दी कि अभी नर्सिंग परीक्षा होने दी जाए और उसका रिजल्ट हाई कोर्ट के आदेश के अधीन करने के आदेश दिए जाएं. इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले छात्रों के भविष्य का हवाला देकर परीक्षा की अनुमति लेना, फिर मानवता के आधार पर उनका रिजल्ट घोषित करवाना, यह लॉलीपॉप यहां नहीं चलने वाला.

सीबीआई ने दी जानकारी : कोर्ट को सीबीआई ने बताया अभी तक उसने 24 कॉलेजों की जांच की है. इनमें 9 कॉलेज ग्वालियर के हैं, जबकि 15 कॉलेज भोपाल के हैं. सीबीआई को कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि वह शुक्रवार तक ऐसे कॉलेजों के बारे में जानकारी दें. अब इस मामले की सुनवाई 28 अप्रैल को रखी गई है.

एक दिन पहले भी हुई सुनवाई : इस मामले में एक दिन पहले भी सुनवाई हुई. इसमें डिवीजन बेंच ने नर्सिंग काउंसिल और मेडिकल यूनिवर्सिटी की सफाई को मानने से इंकार कर दिया था. महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल द्वारा वर्ष 2022- 23 के लिए सभी 485 कॉलेजों के निरीक्षण किए जाने का दावा किया. इसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की गई. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रशांत सिंह से नाराजगी जताते हुए कहा कि नर्सिंग काउंसिल द्वारा मान्यता दिए जाने में कई अनियमितताएं बरती गई हैं.

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नर्सिंग कॉलेजों को राजनीतिक संरक्षण : हाई कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि उनकी रिपोर्ट पर सहज रूप से विश्वास नहीं किया जा सकता. ये कॉलेज राजनीतिक संरक्षण में चल रहे हैं, जहां कॉलेज की औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई हैं. ऐसे कॉलेज समाज में जहर घोल रहे हैं. तमाम छात्रों को केवल पैसे वसूलने के लिए एडमिशन दिया गया, जबकि वह नर्सिंग का एन नहीं जानते हैं. बुधवार को अधिवक्ता दिलीप शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की गई, जिसमें बताया गया कि पुराने सत्रों की मान्यता इसी साल जनवरी में हासिल की गई है, जो नियम विरुद्ध है. इस पर हाईकोर्ट ने 27 फरवरी को परीक्षाओं पर रोक लगा दी थी और नर्सिंग काउंसिल तथा प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था.

Last Updated : Apr 26, 2023, 5:32 PM IST
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