ग्वालियर। अक्सर चुनावी साल में अक्सर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन की खबरें सामने आती है. इस बार भी प्रदेश में कुछ ऐसे ही हालात नजर आ रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को मध्यप्रदेश में कर्मचारी सड़क पर उतर गए हैं. सभी सरकारी बाबू समेत प्रदेश के करीब साढ़े 3 लाख कर्मचारी आज एक दिवसीय हड़ताल के लिए अवकाश पर हैं. वही ग्वालियर में भी 26 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारी कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं.
हड़ताल पर बैठे सरकारी कर्मचारी: जिले में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण तहसीलों से लेकर निकायों तक आम जनता से जुड़े काम नहीं हो रहे हैं. पुरानी पेंशन समेत कुल 39 सूत्री मांगों को लेकर यह हड़ताल की गई है. ग्वालियर कलेक्ट्रेट के बाहर बैठे हड़ताली कर्मचारियों ने यहां जमकर विरोध प्रदर्शन किया और मांगे नहीं पूरी होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है. मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी मोर्चा समेत 6 संगठनों के आह्वान पर आज प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जा रहा है. संगठन के पदाधिकारी पिछले कई दिन से सरकारी ऑफिसों में गेट मीटिंग कर रहे थे. शुक्रवार सुबह 11 बजे से कलेक्ट्रेट के बाहर कर्मचारी धरने पर बैठ गए. प्रदेश में कुल 5 लाख 75 हजार कर्मचारी हैं.
39 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन: वहीं ग्वालियर में बैठे सभी वर्ग-3 और 4 समेत राजपत्रिक अधिकारी संवर्ग भी हड़ताल में शामिल हैं. इनकी मुख्य मांग है कि प्रदेश के लिपिक कर्मचारियों को ग्रेड पे का लाभ दिया जाए. पुरानी पेंशन बहाल हो. वहीं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को धारा 49 से छूट दी जाए और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्रीय तिथि से ही महंगाई राहत दी जाए. पूर्व का बकाया भी प्रदान किया जाए. पिछले 11 साल से वाहन एवं मकान किराए भत्ते में वृद्धि नहीं हुई है. इसलिए इसमें वृद्धि किए जाने की मांग भी है. ये सब समेत कुल 39 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.