ग्वालियर। मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव है. इससे ठीक पहले कांग्रेस की नगर सरकार ने शिवराज सरकार और उनके मंत्रियों के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है. ग्वालियर में 57 साल बाद नगर सरकार पर काबिज होने वाली कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार और उनके मंत्री विकास कार्यों में रोड़ा बन रहे हैं. उनके इशारे पर नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी जनता से जुड़े मुद्दे को अनदेखा कर रहे हैं. इसलिए कांग्रेस की महापौर शहर की जनता के साथ बीजेपी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई हैं.
बीजेपी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल: एमपी कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तोमर ने कहा कि "हमारा वचन पत्र था. हम लोग महापौर के चुनाव लड़ रहे थे. उस समय वचन दिया था कि जैसी ही मेयर कांग्रेस की बनती है. हम लोग गार्बेज शुल्क 50% कम करने और 2021 से पहले तक पानी का बिल को माफ करेंगे. महापौर ने सदन में पास किया और राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिया. लेकिन आज तक पास नहीं किया गया. इसलिए महापौर डॉ. शोभा सिकरवार ने शहर की जनता के साथ बीजेपी सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है. शहर के फूलबाग चौराहे पर चार घंटे तक विशाल धरना दिया. शिवराज सरकार और उनके मंत्रियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की."
कांग्रेस की महापौर, बीजेपी के पेट में दर्द: कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से शहर में कांग्रेस की महापौर बनी है, तब से बीजेपी के पेट में दर्द होने लगा है. जनता से जुड़े हुए विकास कार्यों में सरकार और उनके मंत्री रोड़ा बने हुए हैं. बीजेपी सरकार के इशारे पर नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी जनमानस की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसलिए मजबूर होकर शहर वासियों के साथ धरने पर बैठना पड़ा है. कांग्रेस ने वचन पत्र में जो कहा उसे हमने पूरा किया है और एमआईसी से प्रस्ताव पास भी कर दिया है, लेकिन परिषद में उन प्रस्तावों को षड्यंत्र के तहत नहीं रखा जा रहा. इसके अलावा कांग्रेस की मांग है कि कर्मचारियों को छठवें और सातवें वेतनमान को लागू और धार्मिक संस्थाओं को भी टैक्स फ्री किया जाए.
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सरकार पर मढ़ा आरोप: कांग्रेस का आरोप है कि "सरकार लगातार विकास कार्यों के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही है. ग्वालियर शहर में ऐसी कई सड़कें हैं जो खराब है. इसके साथ ही विश्वास के नाम पर पूरे शहर को धोखा दिया गया है. अमृत योजना के तहत जो कार्य किया जा रहा है उसकी समय सीमा को 2 साल हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद शहर के कई इलाकों में पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है और ना ही अभी तक काम पूरा हो गया है.